दस कदम चल लेती तो बच जाती माया की जान... यही कहना था मौके पर मौजूद लोगों का. जहां एक्सीडेंट हुआ वहां से मात्र दस कदम की दूरी पर यूटर्न है. लेकिन महिला ने जान की परवाह न करते हुए रैलिंग के बीच से ही हाईवे क्रॉस करने की कोशिश की.

आगरा(ब्यूरो)। किसी भी शहर का ट्रैफिक देखकर पता चल जाता है कि वहां की पब्लिक कितनी अवेयर और अलर्ट है। क्योंकि बिना पब्लिक के सहयोग के किसी सिस्टम को बेहतर नहीं बनाया जा सकता है। इस मामले में नेशनल हाईवे-19 के हालात अच्छे नहीं हैं। मंगलवार को एक महिला की ट्रक की चपेट में आने से मौके पर मौत हो गई। महिला हाइवे से रैलिंग क्रास कर रही थी। हाइवे पर लगातार घटनाओं को ध्यान में रखते हुए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने सिकंदरा चौराहे से भगवान टॉकीज चौराहे तक डिवाइडर के बीच लगी रैलिंग का रियल्टी चेक किया, जिसमें पब्लिक ने 32 स्थानों से बैरीकेटिंग हटी मिली। पब्लिक ने रैलिंग को तोड़ कर निकलने का रास्ता बनाया है। निर्धारित यू टर्न के बजाए लोग इन्हीं शॉर्टकट से निकलते देखे जा सकते हैं। शॉर्टकर्ट के चक्कर रांग साइड ड्राइविंग भी करते दिखे जा सकते हैं, जिसकी वजह से कई बार सड़क हादसे हो चुके हैं।

रैलिंग से निकलते ही ट्रक ने रौंदा
सिकंदरा थाने के सामने रोड एक्सीडेंट में मंगलवार को एक महिला की मौत हो गई। मथुरा की ओर से तेजी से आ रहे ट्रक ने महिला को उस समय अपनी चपेट में ले लिया, जब वो हाइवे डिवाइडर के बीच लगी रैलिंग क्रास कर रोड पार कर रही थी। इसी बीच उनको ट्रक ने टक्कर मार दी, उनकी मौके पर ही मौत हो गई। सबइंस्पेक्टर नेहा चौहान ने बताया कि जगदीशपुरा थाना क्षेत्र की रहने वाली माया देवी (50) सुबह करीब साढ़े दस बजे सिकंदरा क्षेत्र में डॉक्टर से इलाज के लिए आई थी। पुलिस ने परिजनों को सूचना दी, शव को पीएम के लिए भेज दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर, महिला चौराहे से यूटर्न लेती तो उसकी जान बच सकती थी।


कैसे फॉलो होगा जेब्रा क्रॉसिंग रूल्स
नेशनल हाइवे के बीच पब्लिक की सुविधा के लिए जेब्रा क्रॉसिंग का होना आवश्यक है लेकिन सिकंदरा चौराहे पर यह सुविधा नहीं है। इस कारण ट्रैफिक को निकलने में समस्या रहती है, वही आम पब्लिक के लिए जान का जोखिम है। ऐसे में अगर पब्लिक जेब्रा क्रॉसिंग नियम को फॉलो भी करना भी चाहे तो वह नहीं कर सकती है। वहीं हाइवे पर दोनों ओर का ट्रैफिक ब्लॉक होने पर चौराहे पर कोई भी कहीं से क्रॉस करता देखा जा सकता है।


हाईवे की सड़कों पर नहीं कैट आई
सड़कों की साइड लाइन व मिडिल लाइन का संकेत रात में वाहन चालकों को देने के लिए कैट आई लगा दिए जाते हैं। इससे रात में वाहन चालक को सफर तय करने में काफी आसानी होती है। वर्तमान में हाईवेे की सड़कों से यह कैट आई गायब हो चुके हैं। इससे रात में वाहन चालकों को सड़कों की साइड लाइन, मिडिल लाइन व डिवाइडर लाइन की जानकारी नहीं मिल पाती है जोकि दुर्घटना का कारण बनते हैं।



ये हैं दुर्घटना के कारण
-हाईवे पर डिवाइडर तोड़कर बना लिए हैं शॉर्टकट
-डिवाइडर शुरू होने से पहले नहीं लगे हैं डिलाइनेटर
-अपनी सुविधा के लिए रॉन्ग साइड करते हैं ड्राइविंग
-शहर की सड़कों से गायब हो चुकी है कैट आई
-कई जगह डिवाइडर के सामने बना दी है जेब्रा कॉसिंग
-ज्यादातर सड़कों से गायब हो चुकी हैं रेडियम पट्टियां


हाइवे पर अव्यवस्थाओं की जिम्मेदारी नेशनल हाईवे ऑथोरिटी की है। मुख्य चौराहों पर ट्रैफिक व्यवस्था के लिए पुलिस और एक सबइंस्पेक्टर की डयूटी लगाई जाती है। सिकंदरा से पहले हाईवे पर कट के संबंध में चर्चा की जा रही है। इससे गुरुद्वारा और सिकंदरा चौराहे पर भार कम हो सकेगा।
अरुण चंद, अपर पुलिस आयुक्त ट्रैफिक


रोड पार करने के लिए यूटर्न लेना पड़ता है, शॉर्टकट से निकलने से दूर तक नहीं चलना पड़ता है। कैलाश पर फुट ओवरब्रिज बनाया है, जो किसी काम का नहीं है।
सुधा


कैलाश मोड़ पर फुट ओवरब्रिज को थाने के आसपास बनाना चाहिए था, क्योंकि यहां आबादी है, जबकि वहां बहुत कम लोगों का आवागमन रहता है।
जोगेन्द्र


हाईवे क्रास करने से समय बच जाता है, रैलिंग लगी थी, लेकिन आसपास के लोगों ने धीरे-धीरे एक रैलिंग हटा दी, जहां से अब लोग निकलते हैं।
कुलदीप

Posted By: Inextlive