कोविड काल के बाद से ही बदहाल चल रही टूरिज्म इंडस्ट्री पर अब और बोझ बढ़ गया है. 18 जुलाई से एक हजार रुपए के कमरे पर 12 प्रतिशत जीएसटी देनी होगी. इससे छोटे होटल कारोबारी चिंतित हैैं. उनका कहना है कि पहले से ही कारोबार कोविड के कारण डाउन चल रहा है. अब जीएसटी भी अतिरिक्त बोझ के समान है. इससे कारोबार में नुकसान होगा.


आगरा। होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट राकेश चौहान ने बताया कि होटल व टूरिज्म इंडस्ट्री पहले से ही बेहाल है। ऊपर से जीएसटी लगने से इंडस्ट्री को काफी मुश्किल होगी। उन्होंने बताया कि छोटे लॉज, धर्मशाला और होटलों में रुकने वालों के लिए स्टे करना और मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि कोविड के कारण इंडस्ट्री की हालत खराब है ऐसे में टूरिस्ट्स के लिए विशेष ऑफर देना चाहिए। ऐसे में उसके लिए और महंगाई बढ़ा दी है। इससे टूरिस्ट बाहर नहीं निकलेगा और इंडस्ट्री को पटरी पर आने में और ज्यादा वक्त लगेगा।

कारोबारियों पर पड़ेगा असर
होटल कारोबारी तेजवीर सिंह बताते हैैं कि हमारे होटल में एक हजार रुपए से नीचे के कमरे हैैं। अब तक इन पर हम ग्राहकों को कमरे के हिसाब से पेमेंट लेते थे। लेकिन अब जीएसटी लगने के बाद होटल कारोबारियों को नुकसान होगा। उन्होंने बताया कि अब ग्राहक तो हमसे पहले की तरह उतने रुपए में ही होटल लेगा। इस स्थिति में जीएसटी का बोझ होटल कारोबारियों पर ही पड़ेगा। हमें अपनी जेब से जीएसटी सरकार को देना होगा।

बंद हो चुके हैैं कई होटल
कोरोना वायरस के बाद आगरा में कई होटल और रेस्टोरेंट बंद हो गए। तब से कोरोना का उतार-चढ़ाव जारी रहा है। कोरोना काल में बंद हुए कई होटल अभी तक नहीं खुल पाएं हैैं। ऐसे में जीएसटी लागू होने के बाद उनका खुलना मुश्किल है। राकेश चौहान ने बताया कि छोटे होटलों को अब जीएसटी के लिए अलग से एक अकाउंटेंट रखना होगा और कंप्यूटर इत्यादि लगवाने पड़ेंगे। ऐेसे मंदी के दौर में छोटे कारोबारियों का खर्च बढ़ जाएगा।
शू इंडस्ट्री को भी नहीं मिली राहत
शू इंडस्ट्री को भी जीएसटी से राहत नहीं मिल सकी है। आगरा शू फैक्टर्स एंड मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट गगनदास रमानी ने बताया कि शू पर 12 परसेंट जीएसटी लगाई गई थी। हम इसको वापस करके 5 परसेंट पर लाने की बात कह रहे थे। इसके लिए हमने वित्तमंत्री को भी पत्र लिखे थे। लेकिन इसे वापस नहीं लिया गया।


एक हजार रुपए से कम के होटलों पर जीएसटी लागू करना गलत है। इससे होटल कारोबारियों पर प्रभाव पड़ेगा।
-राकेश चौहान, प्रेसिडेंट, होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन

जीएसटी का भार छोटे होटल कारोबारियों पर पड़ेगा। ग्राहक उतने ही पैसे देंगे। होटल कारोबारियों को ही जीएसटी देना पड़ेगा।
- तेजवीर सिंह, होटल कारोबारी
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650 होटल हैं आगरा में
80 से अधिक छोटे बड़े सितारा होटल हैैं
100 के करीब पेइंग गेस्ट और लॉज
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पोस्टर लगाकर किया विरोध
एक हजार रुपए के कमरों पर जीएसटी लागू होने से मंगलवार को होटल संचालकों ने बैनर लगाकर विरोध किया। होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के आह्वïान पर पूरे शहर में होटलों में बैनर लगाए गए। इस मुहिम से छोटे-बड़े सभी होटल जुड़े।

Posted By: Inextlive