जी-20 देशों में शामिल जर्मन पार्लियामेंट के डेलीगेशन ने रविवार को दयालबाग शिक्षक संस्थान का भ्रमण किया. डेलीगेशन में शामिल 12 सदस्य इंस्टीट्यूट के डेरी कैंपस पहुंचे और सोलर एग्रीकल्चर फार्म का बिजिट किया. इस दौरान डेलीगेशन ने फार्म में लगे एग्रीकल्चर सोलर प्लांट की क्वालिटी के बारे में जानकारी की वहीं अपने देश में भी इस प्रोसेस को फॉलो कराने की भी बात कही इससे एग्रीकल्चर लेंड को और भी उपजाऊ बनाया जा सके.


आगरा(ब्यूरो)। एग्रीकल्चर के लिए तैयार कम्युनिटी बेस्ड मॉडल के बारे में डेलीगेट्स ने खासी रुचि दिखाई। डेलीगेशन बस द्वारा दोपहर करीब 11.20 बजे दयालबाग एजूकेशन इंस्टियूट के डीईआई डेरी कैंपस पहुंचे, जहां वे एक बजे तक रहे। यहां इंस्टीट्यूट के स्टूडेंट्स ने एग्रीकल्चर के उपकरणों का आकर्षक प्रदर्शन दिया। इन उपकरणों की सहयता से किस तरह कृषि कार्य को सुलभ बनाया जा सके। इस दौरान ड्रोन कमरे का भी इस्तेमाल किया गया। एग्रीकल्चर के लिए तैयार कम्युनिटी बेस्ड मॉडल के बारे में डेलीगेट्स ने खासी दिलचस्पी दिखाई। इसकी देखभाल और विकास के बारे मेें जानकारी दी।

एग्रीकल्चर प्लांट की क्वॉलिटी
जर्मन संसद के पांच सदस्यों के डेलीगेशन ने दयालबाग यूनिवर्सिटी में लगे एग्रीकल्चर सोलर प्लांट की सराहना की। जी-20 समिट में जर्मन के डेलीगेशन ने सोलर प्लांट की खासियत को समझा, वहीं अपने देश में इसका प्लांट लगाने पर भी विचार किया। प्रो। अजय सेक्सेना ने बताया कि एग्रीकल्चर सोलर प्लांट में जमीन का 99.96 भाग एग्रीकल्चर के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। वहीं । 4 पर प्लांट लगाया जा सकता है। डीईआई में लगाए गए एग्रीकल्चर सोलर प्लांट की लागात करीब 1.3 करोड़ है। जमीन से 18 फिट की दूरी पर इनको लगाया गया है।

बंजर जमीन पर लगाते हैं प्लांट
अधिकतर किसान एग्रीकल्चर के लिए इस्तेमाल की गई जमीन पर इस प्लांट को न लगवाकर बंजर जमीन पर लगाते हैं, लेकिन इस प्लांट की खासियत है कि ये ऑटोमेटिक सोलर लाइट को फिल्टर कर आवश्यकता के अनुसार ऊर्जा पौधों को प्रदान करता है। इससे किसान एग्रीकल्चर के लिए इस्तेमाल की जमीन पर ये प्लांट लगा सकते हैं।


प्रदर्शनी में स्टूडेंट्स के प्रयास को बताया बेहतरीन
जर्मन पार्लियामेंट के डेलीगेशन को दयालबाग के अलग-अलग प्रोडक्टस से रूबरू कराने के लिए इंस्टीट्यूट के स्टूडेंट्स ने प्रदर्शनी लगाई। जिसमें टेक्निकल के स्टूडेंट्स ने ई-साइकिल, ई-मोपेड, वनस्पति विभाग के स्टूडेंट्स ने ऑर्गेनिक सब्जियों दिखाईं। इस दौरान स्टूडेंट्स ने कई सब्जेक्ट्स से जुड़े खूबसूरत मॉडल प्रदर्शित किए। एनर्जी, वाटर मैनेजमेंट, री-साइकिल मॉडल तैयार किए। जर्मन के डेलीगेशन ने स्टूडेंट्स से एग्रीकल्चर उपकरणों के बारे में जानकारी ली। वहीं उनके प्रयास को भी बेहतर बताया।

मेंबर ऑफ जर्मन पार्लियामेंट
-प्रोफेसर हेल्ज ब्रौन, सांसद, बजट समिति, जर्मनी के अध्यक्ष
- बेट्टीना हेगडोर्न, सांसद
- क्रिश्चियन हासे, सांसद
- सेबस्टियन शेफर, सांसद
-पीटर बोहरिंगर, सांसद

जर्मन से आए जी-20 डेलीगेशन
-क्रिश्चियन माजेव्स्की, समिति के सचिवालय के प्रमुख
-जूली रेविएर, जर्मन डेवलपमेंट कोऑपरेशन एजेंसी की कंट्री डायरेक्टर इंडिया
-टोबियास विंटर, इंडो-जर्मन एनर्जी फोरम के निदेशक
-स्टीफन कोच, दिल्ली में जर्मन दूतावास में अर्थशास्त्र और वैश्वीकरण के प्रमुख
-अन्या मल्होत्रा, दुभाषिया
- नीति कुमार
-डॉ। डोमिनिक वालाउ


जर्मन से आए डेलीगेशन ने एग्रीकल्चर में सोलर लाइट पैनल को बेहतर बताया, उन्होंने बताया कि एग्रीकल्चर के लिए किसान आसानी से इस प्लांट क लाभ उठा सकते हैं। प्लांट के लिए 99.96 भाग कृषि के लिए जबकि .4 भाग में प्लांट लगता है। ये ऑटोमेटिक जरुरत के अनुसार सब्जियों, पौधों को ऊर्जा प्रदान करता है। जर्मन मेें भी वह इस प्रोसेस पर विचार करेंगे।
-प्रो। अजय सक्सेना, टेक्निकल डिर्पाटमेंट


जी-20 जर्मन डेलीगेशन में आए 12 सदस्यों में से 5 सदस्यों में सांसद, बजट समिति, जर्मनी के अध्यक्ष प्रोफेसर हेल्ज ब्रौन भी शामिल सांसद, बजट समिति, जर्मनी के अध्यक्ष शामिल रहीं। डेलीगेशन ने प्रदर्शनी में एग्रीकल्चर उपकरणों स्टूडेंट्स का बेहतर प्रयास बताया।
प्रो। रुपाली सतसंगी, डिर्पाटमेंट ऑफ ईकोनॉमिक्स

Posted By: Inextlive