Makar Sankranti : मकर संक्राति पर गजक से घुलेगी मिठास
आगरा(ब्यूरो)। गजक कारोबारी दौलतराम गर्ग ने बताया कि मकर संक्राति का त्योहार गजक के बिना अधूरा है। जब तक तिल व गुड़ की गजक, रेवड़ी न खाई जाएं तब तक यह त्योहार पूरा नहीं होता है। वहीं लोहड़ी पर भी तिल से बनी मिठाई और गजक का बड़ा रोल होता है। उन्होंने बताया कि इस वक्त मार्केट में खस्ता गजक का काफी ट्रेंड हैै। इसे लोग खूब पसंद कर रहे हैैं। इसकी खासियत यह है कि यह एकदम खस्ता है और मुंह में जाते ही घुल जाती हैैं। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक हर कोई इस गजक को आसानी से खा सकता है।
नूरी दरवाजे पर तैयार होती है गजक
राजेश गजक वाले बताते हैैं कि आगरा के नूरी दरवाजे में गजक का कारोबार कई साल से होता है। यहां पर कई तरह की गजक तैयार की जाती है। जिसमें से गुड़ व खांड की गजक सबसे अच्छी किस्म की होती है। यह मिठाई गुड़ व चीनी से बनाई जाती है। गरम गुड़ में तिल को मिलाकर अच्छी तरह से मिक्स किया जाता है और उसके बाद उसकी कुटाई होती है। इसके बाद गजक तैयार की जाती है। इस मिठाई की कीमत 100 रुपए से लेकर 600 रुपए प्रति किलोग्राम तक है।
भीमसेन बैजनाथ के ओनर योगेंद्र सिंघल बताते हैैं कि लोहड़ी और मकर संक्रांति के मौके पर तिल से बनी हुई मिठाइयों का विशेष महत्व रहता है। इस दिन भगवान सूर्य की उपासना की जाती है और भगवान सूर्य की उपासना में तिल बेहद अहम माना जाता है। यही वजह है कि मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में लोग तिल और गुड़ से बनी हुई मिठाईयां पसंद करते हैं।
चिड़वा- 36 से 40 रुपए प्रति किलो
काला तिल- 180 से 200 रुपए प्रति किलो
सफेद तिल- 220 से 240 रुपए प्रति किलो
गुड़- 50 रुपए प्रति किलो
गजक- 100 से 600 रुपए प्रति किलो
गजक की विभिन्न वैरायटी हमारे यहां पर अवेलेबल हैैं। तिल की रेवड़ी से लेकर गुड़ व चीनी की गजक की पट्टïी, खस्ता गजक को कस्टमर्स खूब पसंद कर रहे हैैं। सर्दी के मौसम में इसका सेवन भी सेहत के लिए अच्छा होता है।
- दौलतराम गर्ग, ओनर, मनोहर लाल दौलत राम गर्ग गजक वाले
लोहड़ी और मकर संक्रांति के अवसर पर गुड़ व तिल से बनी हुई मिठाइयों का विशेष महत्व रहता है। गजक इसके लिए सबसे उपयुक्त मिठाई है। यह सर्दी के दिनों में ही स्पेशल तैयार की जाती है। मकर संक्राति पर भगवान सूर्य की उपासना की जाती है और तिल व गजक का भोग लगाया जाता है।
- योगेंद्र सिंघल, ओनर, भीमसेन बैजनाथ
- राजेश गजक वाले