डॉ. आरसी मिश्रा को पूर्व राष्ट्रपति ने किया सम्मानित
आगरा(ब्यूरो)। पूर्व राष्ट्रपति ने डॉ। मिश्रा को उनके द्वारा न्यूरोसर्जरी के विकास व उत्थान को लेकर किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि दुर्घटना कम हों, हादसे में ब्रेन इंजरी न हो इसके लिए हेलमेट और सीट बेल्ट जरूर लगाएं। इसे लेकर कई वर्षों से वरिष्ठ न्यूरोसर्जन डॉ। आरसी मिश्रा द्वारा किए जा रहे जागरूकता कार्यक्रमों को रामकुटी फाउंडेशन द्वारा आयोजित किए गए सम्मान समारोह में सराहा गया। डॉ। मिश्रा ने सिर में चोट लगना बेहद खतरनाक होता है। यही कारण है कि दुर्घटनाओं में सिर की चोट लगने से मरने वालों की संख्या ज्यादा होती है। वहीं हेलमेट पहनने से 76 फीसदी इंजरी कम हो जाती हंै। उन्होंने कहा कि शत प्रतिशत सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों में हेलमेट को पूरी तरह से अमल में लाना होगा, इससे कई परिवार तबाह होने से बच सकते हैं।
कोरोना काल में भी की थी सर्जरी
डॉ। आरसी मिश्रा न्यूरोसर्जरी के क्षेत्र में पूरे देश में प्रख्यात हैैं। उन्होंने न्यूरोसाइंस के लिए विभिन्न इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस आयोजित की हैैं। वह न्यूरोसाइंस के विकास के लिए दुनिया के विभिन्न न्यूरो एक्सपर्ट के साथ में विचार व तकनीक साझा करते हैैं। उन्होंने कोरोना काल में लगातार सर्जरी की थी। उस दौर में ज्यादातर डॉक्टर्स ने सर्जरी बंद कर दी थी। लेकिन डॉ। मिश्रा ने कोरोनाकाल में लगातार सर्जरी की। उन्होंने कहा कि एक्सीडेंटल सहित न्यूरो के कई केस ऐसे थे जिन्हें टाला नहीं जा सकता था। इसलिए हमने लगातार सर्जरी की। डॉ। मिश्रा ने बताया कि 21 वीं सदी में तकनीकी के कारण न्यूरोसाइंस का विकास हुआ है। उन्होंने बताया कि एमआरआई, पैट स्कैन, बेहतर रिजॉल्यूशन वाले सीटी स्कैन के कारण न्यूरोसाइंस में तेजी से विकास हुआ है। अब ट्यूमर आदि को देखना आसान हुआ है। इसके साथ ही सर्जरी में सफलता की दर भी बढ़ी है। उन्होंने बताया कि अब मरीजों को भी पता चला है कि उन्हें न्यूरो की समस्या हो सकती है। अब लोग भी न्यूरो साइंस के प्रति जागरुक हुए हैैं।