प्रदेश सरकार और भाजपा के स्थानीय नेतृत्व द्वारा यमुना की उपेक्षा और उसके प्रति उदासीनता गंभीर ङ्क्षचता का विषय है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश को तीन दशक से अधिक होने के साथ ही हजार करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए जा चुके हैं. लेकिन न तो यमुना प्रदूषण मुक्त हुई और न उसका जलस्तर बढ़ा. यमुना की पीर हरने के सभी अपने वादे भूल गए हैं.


आगरा(ब्यूरो)।अब जनता को आवाज उठानी होगी। एत्माद्दौला व्यू प्वाइंट पर रविवार शाम यमुना स्मृति दिवस में रिवर कनेक्ट कैंपेन के संयोजक ब्रज खंडेलवाल ने यह बात कही।

डाउन स्ट्रीम में बनाया जाए बैराजपर्यावरणविद् डॉ। देवाशीष भट्टाचार्य ने कहा कि नदी की व्यापक सफाई और डिसिङ्क्षल्टग की जाए, ताकि उसकी जल संचय की क्षमता बढ़े। शशिकांत उपाध्याय ने रिवर पुलिस तैनात करने, निधि पाठक ने नदी में अधिक पानी छोड़े जाने की बात कही। यमुना भक्तों ने ताजमहल के डाउन स्ट्रीम में बैराज बनवाने, डूब क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त कराने, यमुना किनारा रोड से ट्रांसपोर्ट कंपनियों को शिफ्ट करने, यमुना में गिरने वाले नालों को टैप कर डायवर्ट करने की मांग की। इस अवसर पर दीपक राजपूत, चतुर्भुज तिवारी, शहतोश गौतम, पद्मिनी अय्यर, पं। जगुल किशोर, डॉ। मुकुल पांड्या आदि मौजूद रहे।

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