गाय को बचाते समय तेंदुआ से भिड़ गया किसान, बुजुर्ग घायल
आगरा(ब्यूरो)। चंबल नदी के बीहड़ किनारे बसे गांव में बीते दिनों से तेंदुआ जानवर का आतंक लगातार बना हुआ है। एक माह से लगातार चंबल बीहड़ किनारे बसे गांव में तेंदुआ जानवर रात के अंधेरे में ग्रामीणों के पशुओं पर हमला बोलकर अपना शिकार बन रहा था। महंगोली, करकौली, पडुआपुरा, रेहा, मनसुखपुरा, रनूपुरा, मेदीपुरा आदि गांव में तेंदुआ जानवर और दर्जनों पशुओं को अपना शिकार बनाकर मौत के घाट उतार चुका है।
एक महीने से तेंदुआ ने मचा रखा है उत्पातमामले में डीएफओ आगरा आयुषी मिश्रा समेत रेंजर बाह उदय प्रताप सिसोदिया ने वन विभाग की टीम के साथ चंबल के बीहड़ में पिछले दिनों कांबिंग की थी। कई जगह वन विभाग द्वारा तेंदुआ जानवर को पकडऩे के लिए जाल लगाकर सीसीटीवी कैमरे ड्रोन कैमरे की मदद ली गई थी मगर बीहड़ में तेंदुआ जानवर वन विभाग की पकड़ में नहीं आया था। व्यवहार को सुबह मंहगोली गांव निवासी किसान किशन सिंह तोमर पुत्र कप्तान सिंह उम्र करीब 58 बर्ष अपने खेत पर फसल रखवाली के लिए गए थे तभी वहां उनके सामने तेंदुआ जानवर ने एक गाय पशु को शिकार बनाने के लिए हमला बोल दिया। गाय को बचाने के लिए एक किसान डंडा लेकर खूंखार जानवर से भिड़ गया। गाय को बचाते समय तेंदुआ जानवर ने किस पर जानलेवा हमला बोल दिया और उसे पंजे मार कर पटककर गंभीर घायल कर दिया। किसान की आवाज सुनकर अन्य खेतों पर मौजूद ग्रामीण ने लाठी डंडे लेकर एकत्रित हो गए। उन्होंने जंगली जानवर को खदेड़ दिया। इससे गाय और किसान की जान बच गई। घायल किसान को परिजनों ने इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पिनाहट में भर्ती कराया। जहां घायल किसान का का उपचार किया गया है। वहीं सूचना के एक घंटे तक पुलिस और वन विभाग की टीम मौके पर नहीं पहुंची थी जिसे लेकर ग्रामीणों ने आक्रोश जताया। वन विभाग की दो टीमों ने बीहड और खेतों में कांबिंग शुरू कर दी है। ताकि जानवर का पता लगाया जा सके। सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने सर्च अभियान चलाया। पदचिन्हों का नाम लिया।