कैलाश से परिवारों ने किया पलायन
आगरा(ब्यूरो) क्षेत्र में रह रहे लोगों के आवगमन के लिए नाव का संचालन करना पड़ा। बाढ़ से बचाव में जुटे लोगों को सोमवार को प्रशासन ने पूड़ी-सब्जी उपलब्ध कराई थी। मंगलवार को पूरे दिन इंतजार में ही निकल गया। सुरक्षा में तैनात पांच गोताखोर भी भूखे ही व्यवस्था में जुटे रहे। लोगों ने बिस्कुट, ब्रेड और चाय से ही काम चलाया। नवीन गिरि ने बताया कि हालात बहुत खराब हैं। प्रशासन ने लापरवाह रवैया अपना रखा है। मदद के नाम पर कुछ नहीं हो रहा है। 80 मन भूसा जलभराव से खराब हो गया। इससे पशुओं के चारे का भी संकट खड़ा होगा। सोनू गोस्वामी ने बताया कि सामान को ऊपरी मंजिल पर पहुंचाया गया है। वहीं कुछ घरों में खराब भी हो गया है। ट्राली में भरकर दूसरे स्थानों पर ले जा रहे लोगों को मुश्किल हो रही है।
सांसद, एडीएम प्रशासन ने किया दौरा
सांसद राजकुमार चाहर और एडीएम प्रशासन अजय कुमार ने कैलाश गांव सहित अन्य गांवों का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि बलदेव के छह गांवों का आगरा से संपर्क टूट गया है। क्षेत्रीय लोगों को मदद में कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। दवा सहित आवश्यक सामग्री भी उपलब्ध कराई जाएगी।
चंबल का जलस्तर बढऩे की आशंका
चंबल का जलस्तर मंगलवार को 115.2 मीटर पर स्थिर बना रहा। आगामी दिनों में इसके बढऩे का अनुमान लगाया जा रहा है। प्रशासन ने लोगों को सतर्क करने के लिए टीमें लगा रखी हैं। चंबल का लो फ्लड लेवल 130 मीटर और हाई फ्लड लेबल 137.6 मीटर है।
कुल प्रभावित गांव, 90
बाढ़ चौकियां, 47
घाटों में तैनात राजस्व कर्मचारी, 329
राहत शिविर, 50
जनजीवन प्रभावित, 1.10 लाख
फसलें प्रभावित, 800 बीघा मंगलवार को यमुना का जलस्तर
यमुना का जलस्तर, 498.2 फीट
लो फ्लड लेवल, 495 फीट
मीडियम फ्लड लेवल, 499 फीट
हाई फ्लड लेवल, 508 फीट
यमुना का जलस्तर, स्थिर, घटने का अनुमान कंट्रोल रूम नंबर
0562-2260550
कैलाश गांव और घाट पर शट डाउन
यमुना के बढ़ते जल स्तर को देखते हुए दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (डीवीवीएनएल) और टोरेंट ने एहतियात के तौर पर कैलाश गांव के कुछ हिस्से की और नुनिहाई के पास घाट पर तीन परिवारों की बिजली विच्छेदित कर दी गई है। यहां पर यमुना का पानी भरा हुआ है। प्रबंध निदेशक डीवीवीएनएल अमित किशोर ने बताया कि जहां-जहां पर यमुना का पानी भर जाएगा, उन स्थानों पर सुरक्षा की ²ष्टि से बिजली काट दी जाएगी, ताकि कोई हादसा न हो सके। उन्होंने बताया कि संभावित स्थानों पर टीमें लगाईं गई हैं। वहीं टोरेंट के उपाध्यक्ष शैलेश देसाई का कहना है कि बल्केश्वर, दयालबाग, मेहताब बाग के आसपास टीमें लगाईं गई हैं। जहां पर भी बिजली के उपकरण डूब जाएंगे, वहां की बिजली काट दी जाएगी।