Breaking news: नामी कंपनियों की आड़ में बना रहे थे नकली शैंपू, तीन गिरफ्तार
आगरा(ब्यूरो)। ट्रांसयमुना क्षेत्र में गुरुवार रात पुलिस ने छापेमारी कर एक महंगे ब्रांड के नाम से नकली शैंपू बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर 1,443 भरे हुए शैंपू के डिब्बे बरामद कर लिए। आरोपियों को जेल भेजने के बाद पुलिस अब इस काले कारोबार से जुड़े अन्य लोगों की गिरफ्तारी को दबिश दे रही है।
बनाए जा रहे थे नकली उत्पाद
डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि एक्वाइजरी साइबर कंसङ्क्षल्टग एलएलपी तरुण कुमार की शिकायत पर पुलिस की टीम लगाई गई थी। कंपनी को जानकारी मिली थी कि चंदन नगर में ब्रांड के नाम पर नकली उत्पाद बनाए व बेचे जा रहे हैं। इसके आधार पर पुलिस टीम ने गुरुवार रात 01:06 बजे छापा मारा। बरहन के खांडा के रहने वाले असलम, गाजियाबाद के ट्रोनिका सिटी के रहने वाले मो। चांद और गजियाबाद के ट्रोनिका सिटी के रहने वाले आजाद शैंपू को डिब्बों में भर रहे थे। मौके से कुल 1,443 भरे हुऐ शैंपू के डिब्बे बरामद किए गए। इसमें डब के 495, सनसिल्क के 386, क्लीनिक प्लस के 270, ट्रसेमे के 292 डिब्बे शामिल हैं। सभी डिब्बों को सील किया गया। इसके साथ तीनों आरोपियों को धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया। शुक्रवार को आरोपियों को कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया गया। पूछताछ में आरोपियों ने कुछ साथियों के नाम भी बताए थे, इनकी तलाश की जा रही है।
पूछताछ में पुलिस को आरोपियों से जानकारी मिली है कि वे दो वर्ष पूर्व दिल्ली में नकली शैंपू बनाने के मामले में पकड़े गए थे। वहां जेल से छूटने के बाद उन्होंने ठिकाना आगरा में बना लिया था। आशंका है कि वह दो वर्ष से आगरा में असलम के मकान में नकली शैंपू बना रहे थे। मकान के बाहर कोई बोर्ड नहीं लगाया था। इसलिए आसपास के लोगों को भी शक नहीं होता था। बाजार में नकली माल मिलने पर कंपनी को शक हुआ। तब गोपनीय जानकारी जुटाने के बाद कार्रवाई की गई।
मलिन बस्तियों में बेचते थे
जेल भेजे गए आरोपी नकली शैंपू बना ब्रांडेड कंपनी की बोतलें कबाड़ से खरीद कर मलिन बस्तियों में सप्लाई करते थे। इस्लामनगर, प्रकाशनगर समेत अन्य मलिन बस्तियों में बोतलों को 50 रुपए से लेकर 80 रुपये तक फेरी लगा बेचते थे। लोग नकली शैंपू को सस्ते दाम में ब्रांडेड शैंपू समझ खरीदते थे। एक बोतल में करीब 80 प्रतिशत की बचत के साथ दिनभर में सैकड़ों बोतलें बेचते थे।
चंदन नगर में असलम नाम के व्यक्ति के मकान में ब्रांडेड कंपनियों के नकली शैंपू बनाने का काम काफी समय से किया जा रहा था। शैंपू बनाने वाली कंपनियों को इस बारे में शिकायत मिल रही थी। जिसके बाद कंपनी के कर्मचारी कई दिन से गोदाम की रेकी करने में लगे हुए थे। इसके बाद कर्मचारियों ने थाना ट्रांस यमुना पुलिस को इस मामले की जानकारी दी और पुलिस को साथ लेकर गोदाम पर छापामार कार्रवाई कर दी। कबाड़े से लेकर आते थे बोतल
थाना पुलिस को और कंपनी के कर्मचारियों को मौके पर करीब ढाई हजार शैंपू की बोतल मौजूद मिली। जिनमें अधिकतर में शैंपू भरे जा चुके थे। इसके अलावा 100 से 150 खाली डिब्बे भी बरामद हुए। वहीं पुलिस ने मौके से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह ब्रांडेड कंपनियों की शैंपू की खाली बोतल कबाड़े से लेकर आते थे और यहां आकर गोदाम में केमिकल से नकली शैंपू तैयार करते थे। आपकों बता दें कि पुलिस ने कुछ दिन पहले एक नकली पान मसाला बनाने की कंपनी का भी भंडाफोड़ किया था।
ऐसे बनाते थे नकली शैंपू
आरोपियों के अनुसार, वे लोग नकली शैंपू बनाने के लिए कई खतरनाक केमिकल के अलावा रीटा डिटर्जेंट पाउडर, भैंस की चर्बी व रंगों का इस्तेमाल करते थे। आरोपियों ने बताया कि वे नोएडा, दिल्ली व हरियाणा में कबाडिय़ों से स्क्रैप में सस्ते दामों पर विभिन्न कंपनियों के खाली डिब्बे खरीदकर उसे साफ करके उसी ब्रैंड का कलर डालकर नकली शैंपू भरकर बाजार में सप्लाई करते हैं। इसके बाद यह इस शैंपू को बदांयू, अलीगढ़, बुलंदशहर, बिजनौर, बागपत, शामली, मुजफ्फरनगर, हापुड़, मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर व अन्य जिलों के ग्रामीण इलाकों में इसे सप्लाई करते थे। ये लोग अपने सामान की कीमत काफी कम कर देते थे। ऐसे में इसकी डिमांड काफी होती थी।
स्किन स्पेशलिस्ट डॉ। राजेश माथुर ने बताया कि मिलावटी शैंपू का इस्तेमाल करना काफी खतरनाक होता है। इससे न सिर्फ बाल झडऩे व सफेद होने लगते हैं, बल्कि इस तरह के शैंपू से चर्म रोग, आंखों की रोशनी कम होने की भी समस्या होती है। इसके अलावा केमिकल वाले शैंपू से कैंसर होने की भी आशंका रहती है।
कैसे करें असली की पहचान
- कोई भी ब्यूटी प्रोडक्ट लेते वक्त उसे कोहनी के अपोजिट साइड और कान के पीछे लगा कर जांचें। खुजली या रैसेस न हो तो सामान असली है।
- सामान के पैकेट पर टोल फ्र नंबर होता है। अगर आपको किसी भी तरह का संदेह हो तो उस नंबर पर कॉल करके पूछताछ कर सकते हैं।
- जहां से सामान खरीद रहे हैं वहां संभव हो तो पक्का बिल जरूर चेक करें।
- सामान ऐसे शॉप से लें जो पक्का बिल देते हों और उनके बिल पर टिन नंबर लिखा हो। क्योंकि रजिस्टर्ड दुकानदार जल्दी गलत काम नहीं करते।