500 रुपए में तैयार कर देते थे फर्जी आधार कार्ड, पार्षद और प्रधान की मोहर भी लगती थी
आगरा(ब्यूरो)। पुलिस टीम ने एक सप्ताह पहले पांच बांग्लादेशियों को जेल भेजा था। उनसे बरामद दस्तावेज की जांच की गई तो फर्जी पाए गए। इसी क्रम में शनिवार को हरीपर्वत पुलिस ने जेल में बंद बांग्लादेशियों से पूछताछ के बाद संजय प्लेस में फर्जी आधार कार्ड बनाने का मामला सामने आया। आरोपी बंग्लादेश से आने वाले नागरिकों के आधार कार्ड बनाते थे, जिसके जरिए वे लोकल में एक्टिव हो जाते थे। पुलिस टीम ने साक्ष्य मिलने पर छापामार कार्रवाई की।
संजय प्लेस में तैयार हो रहे थे फर्जी आधार कार्ड
पुलिस उपायुक्त विकास कुमार ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों के नाम मनोज तोमर और आकाश झा निवासी गांव लखुरानी शमसाबाद, फरहान खान निवासी मलपुरा हैं। पुलिस को संजय प्लेस में आधार सेवा केंद्र पर फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले गिरोह की जानकारी मिली थी। प्रभारी निरीक्षक अरङ्क्षवद कुमार ने टीम के साथ छापा मारा। वहां से पार्षद और प्रधान की 10 फर्जी मुहरें, छह आधार फार्म भरे व मुहर लगे हुए, एक जन्म प्रमाण पत्र बरामद किया है।
500 से 1000 तक वसूलता था गैंग
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि आधार कार्ड बनवाने के लिए पार्षद, प्रधान और राजपत्रित अधिकारियों से फार्म को सत्यापन कराने की जरूरत हेाती है। जिन लोगों के पास यह नहीं होता, गिरोह उनसे 500 से एक हजार रुपए तक वसूलता था। आधार कार्ड बनवाने के लिए गैंग के एजेंट काम करते थे, जो बस्तियों में अनपढ़ लोगों से बात कर केन्द्र पर लाते थे, जहां उनका आधार कार्ड तैयार कराया जाता था।
फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले गैंग के मास्टर माइंड ने सभी की जिम्मेदारी तय की थी, जिसमें मनोज तोमर ने बताया कि वह आधार केंद्र पर रहता था। फरहान लोगों को तलाश करता था। आकाश की शमसाबाद में दुकान में है। वह मुहर बनाने का काम करता था। इसके बाद आधार कार्ड बनाने में जो कमाई होती थी, उसका आपस में बटबारा करते थे। आरोपियों ने बताया ेिक वे एक दिन में पचास से अधिक आधार कार्ड तैयार करते थे।
आरोपियों ने अब तक कितने लोगों के फर्जी आधार कार्ड बनाए हैं उसकी जांच की जा रही है। तीनों आरोपियों को अरेस्ट किया गया है। आरोपी एक आधार कार्ड बनाने का पांच सौ रुपए से एक हजार रुपए तक वसूल करते थे।
विकास कुमार, डिप्टी पुलिस कमिश्नर