हर दूसरे बच्चे को इंफ्लुएंजा की शिकायत, सांस फूलने और निमोनिया होने पर मरीज करने पड़ रहे एडमिट
आगरा(ब्यूरो)। वायरल से पीडि़त हर दूसरे बच्चे में इन्फ्लुएंजा के लक्षण मिल रहे हैं। एसएन मेडिकल कॉलेज के बच्चा वार्ड में भर्ती 86 मरीजों में से लगभग 40 को इसी तरह के लक्षण हैं। इन्हें ऑक्सीजन भी लगाई जा रही है। इन लक्षणों के अलावा इन्हें निमोनिया और टायफायड की भी शिकायत है।
बीते सात दिनों से लगभग यही ट्रेंड रहा है। वयस्कों को तेज बुखार के साथ सांस फूलने की दिक्कत भी हो रही है। बुखार ठीक होने में सात से आठ दिन ले रहा है। जबकि खांसी तीन सप्ताह में भी ठीक नहीं हो रही है। यानि बुखार के अलावा जो सेकेंडरी इन्फेक्शन हैं, वह ठीक होने में बहुत देर लगा रहे हैं। इनमें खांसी के अलावा शरीर में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी दस्त, सुस्ती और कमजोरी के लक्षण मुख्य हैैं। एसएन मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग में भर्ती 130 मरीजों में से 60 परसेंट मरीजों को यही है। 20 से 25 परसेंट मरीजों को यहां भी ऑक्सीजन दी जा रही है। टीबी रोग विभाग में सभी 45 बेड फुल हैैं।
प्राइवेट लैब में हो रही इंफ्लुएंजा की जांच
शहर की कुछ पैथोलाजी लैब ने इन्फ्लुएंजा वायरस की जांच शुरू कर दी है। इसके लिए 3200 रुपए शुल्क रखा गया है। इन लैब में टूनाट मशीन के जरिए जांच की जा रही है। वहीं जिले में अभी एच3एन2 के लिए सैैंपल लेने की व्यवस्था एसएन मेडिकल कॉलेज में की जा रही है। चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ। अरुण श्रीवास्तव ने बताया है कि गंभीर मरीजों को एसएन मेडिकल कॉलेज में रेफर किया जाएगा। वहीं पर उनकी एच3एन2 के सैैंपल लिए जाएंगे। इन्हें लखनऊ में जांच के लिए भेजा जाएगा।
इन दिनों इन्फ्लुएंजा-ए के बिगड़े वरिएंट ने दहशत फैला रखी है। शासन से यह टीके भी अभी प्राप्त नहीं हुए हैं। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ। संजीव वर्मन ने बताया कि जिले भर में एएनएम, आशाएं और सुपरवाइजरों, हेल्थ वर्कर्स का जाल फैला हुआ है। टीके आएंगे तो लगाए जाएंगे। नहीं शुरू हुई इनफ्लुएंजा की सैंपलिंग शहर में बुधवार से इन्फ्लुएंजा -ए के म्यूटेशन एच-3 एन- 2 की जांच शुरू होनी थी। बुखार की टेबलेट, खांसी की सीरप, फ्लू की दवाइयों के कारोबार 20 परसेंट बढ़ गया है।
गंभीर मरीजों के सैैंपल एसएन मेडिकल कॉलेज में लिए जाएंगे। सैैंपल को जांच के लिए लखनऊ भेजा जाएगा। यदि किसी को लक्षण सामने आए तो वह नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर दवाएं लें।
- डॉ। अरुण श्रीवास्तव, सीएमओ
बच्चों को निमोनिया की शिकायत मिल रही है। सांस लेने में तकलीफ होने पर उन्हें एडमिट किया जा रहा है। जरुरत पडऩे पर बच्चों के ऑक्सीजन लगानी पड़ रही है।
- डॉ। नीरज यादव, प्रोफेसर, बाल रोग विभाग, एसएनएमसी
-गोविंद, पब्लिक मुझे बुखार आ गया था। दो सप्ताह हो गए हैैं तबसे खांसी नहीं जा रही है। डॉक्टर ने कहा है कि अभी दवाई खाएं। प्रिकॉशन के लिए सार्वजनिक स्थान पर मास्क पहन रहा हूं।
- जीशान, पब्लिक यह सामने आ रहे लक्षण
- बुखार आना
- सर्दी-खांसी होना
- पसलियां चलना
- पानी की कमी होना
-भूख न लगना
- कमजोरी आना
यह करें
- अपनी मर्जी से एंटीबायोटिक न दें
- मास्क का प्रयोग करें
- भीड़भाड़ में जाने से बचें
- बाहर खान-पान से बचें
- हाथों को वॉश या सेनेटाइज करते रहें