रुनकता मामले में बुधवार को छह दिन बाद पुलिस अभिरक्षा में युवती को न्यायालय में पेश किया गया. इस दौरान पहुंचे परिजनों ने युवती से अपना ब्यान बदलने की बात की लेकिन परिजनों के आंसू भी ब्यान नहीं बदल सके. न्यायालय के आदेश पर युवती को उचित सुपुर्दगी में देने के आदेश दिए हैं.

आगरा। रुनकता प्रकरण मेें पिछले छह दिन के बाद युवती को न्यायालय में कलम बंद ब्यान के लिए पेश किया गया। इस दौरान साजिद के घर से कोई भी न्यायालय में नहीं पहुंचा। जबकि युवती के परिजन उसके साथ रहे। पुलिस की मौजूदगी में युवती को न्यायालय में पेश किया गया, जहां युवती द्वारा परिजनों के खिलाफ ब्यान देने की बात कही गई है। जिसमें युवती ने अपनी मर्जी से शादी स्वीकार की है।

क्या है पूरा मामला
सिकंदरा के रुनकता युवती 11 अप्रैल को जिम संचालक प्रेमी के साथ चली गई थी। परिजनों ने अपहरण का मुकदमा दर्ज करा दिया था। युवती की बरामदगी को सिकंदरा थाने का घेराव हुआ था। जिम संचालक साजिद ने 12 अप्रैल को दिल्ली में अपना धर्म बदला। साहिल बनकर आर्य समाज मंदिर में युवती के साथ हिंदू रीति-रिवाज से शादी कर ली। पुलिस ने 13 अप्रैल को युवती को बरामद कर लिया।


आक्रोशित भीड़ ने लगाई थी आग
इस मामले में 15 अप्रैल को रुनकता में पंचायत की गई थी। इसके बाद आक्रोशित लोगों ने साजिद, उसके भाई और चाचा के घर में आग के हवाले कर दिया था। आगजनी में पुलिस ने ग्राम प्रधान और जिला पंचायत सदस्य सहित नौ आरोपियों को जेल भेजा है। अन्य आरोपियों की अभी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। पुलिस ने सातवें दिन बुधवार को बयान के लिए उसे अदालत में पेश किया था।

उचित सुपुर्दगी में देने के आदेश
युवती ने अपने बयान में कहा कि वह बालिग है। अपनी मर्जी से साजिद के साथ विवाह किया है। वह पति के साथ जाना चाहती है। विवेचक ने अदालत में प्रार्थना पत्र दिया, कहा कि मामला संवेदनशील है। पीडि़ता का पति न्यायालय में उपस्थित नहीं है। उचित सुपुर्दगी में देने का आदेश पारित किया है।


साजिद के बारे में नहीं जानकारी
पुलिस ने युवती से पूछा कि उसे साजिद के बारे में जानकारी हो तो बताए। उससे किस तरह संपर्क किया जाए। साजिद उर्फ साहिल का मोबाइल बंद है। जिस पर युवती ने कहा कि वह सात दिन से पुलिस अभिरक्षा में है, उसे कोई जानकारी नहीं है।

Posted By: Inextlive