शासन के निर्देशों के बाद विभागों में अभी तक 'सिटीजन चार्टरÓ व्यवस्था लागू नहीं हो सकी है. एक-दो विभाग को छोड़कर किसी भी विभाग में डिजिटलाइजेशन नहीं किया गया. विभागों से सिटीजन चार्टर का तो अता-पता ही नहीं है. जबकि योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद ये निर्देश जारी किए थे. सभी कार्यालयों में ऐसी व्यवस्था करने के निर्देश दिए थे कि आमजन को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो. दैनिक जागरण-आईनेक्स्ट की टीम ने गुरुवार को कुछ कार्यालयों का जायजा लिया. तो स्थिति शासन निर्देशों के विपरीत मिली. इसी स्थिति पर पेश है एक रिपोर्ट ............


आगरा। संजय प्लेस स्थित सीडीओ ऑफिस में 'सिटीजन चार्टरÓ नहीं लगाया गया है। मुख्य गेट से प्रवेश करते ही विभागों ने यह सूची तो लगा दी है कि कौन सा विभाग किस तल पर है। इसके अलावा टोल फ्री नंबर को अंकित किया गया है लेकिन 'सिटीजन चार्टरÓ कहीं भी नजर नहीं आया। फाइलों की डिजिटलाइजेशन की बात तो दूर ही रही।

इतने विभागों में नहीं है 'सिटीजन चार्टरÓ
- परियोजना निदेशक
- जिला समाज कल्याण
- जिला अल्पसंख्यक कल्याण
- जिला विकलांग कल्याण
- उपायुक्त स्वत: रोजगार
- जिला विकास
- जिला पंचायतराज
- सीडीओ ऑफिस
- पेयजल कार्यालय
- लघु सिंचाई कार्यालय
- कृषि रक्षा कार्यालय
-पशुपालन विभाग

जल निगम कार्यालय
जल निगम कार्यालय में भी सिटीजन चार्टर कहीं नजर नहीं आया। इस विभाग से अमृत योजना के तहत सीवर लाइन और पेयजल पाइपलाइन बिछाने का कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था का क्रियान्वयन इसी विभाग से किया जाता है।

नगर निगम
नगर निगम में मुख्य गेट से लेकर अधिकारियों के ऑफिस तक कहीं भी सिटीजन चार्टर का बोर्ड नहीं दिखा। बता दें कि नगर निगम ऐसा विभाग है, जहां हर दिन दर्जनों लोगों का आना जाना लगा रहता है। नगर निगम की बात करें तो यहां एसेमेंट कलेक्शन बिल्डिंग सेंट्रल रिकार्ड, एजुकेशन, इलेक्ट्रिसिटी, सिविल इंजीनियरिंग, हेल्थ डिपार्टमेंट, लाइसेंस, लाइटिंग, मार्केट पार्क प्लानिंग, डेवलपमेंट प्रोजेक्ट मैनेजमेंट, यूनिट सॉलिड- वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट, एकाउंट एंड फाइनेंस, मेडीकल, सिविल इंजीनियरिंग, कमर्शियल इलैक्ट्रीकल्स, सिंगल टेलीकॉम, ऑपरेटिंग सिस्टम, मैकेनिकल, कंस्ट्रक्शन, जनरल एडमिनिस्ट्रेशन आदि विभागों में सिटीजन चार्टर नहीं दिखा।

नगर निगम में शुरु हो चुका है ई-ऑफिस का काम
नगर निगम में ई-फाइलिंग का काम शुरु हो चुका है। इसके अलावा जनहित गारंटी योजना भी चल रही है। .हालांकि अभी 'सिटीजन चार्टरÓ नहीं दिखा।

क्या है सिटीजन चार्टर
- सिटीजन चार्टर में विभाग के क्रिया कलापों की जानकारी दी जाती है।
- इसमें कार्य संपन्न होने की समय सीमा निर्धारित रुप से अंकित होती है।
- किस पटल पर कौन सा कार्य होगा।
- किस कार्य के लिए कौन उत्तरदायी है
- अगर निर्धारित समय में कार्य पूरा न हो तो आप कहां कंप्लेन कर सकते हैं। इसका भी उल्लेख होता है।

ई-ऑफिस से ये होगा फायदा
इससे न तो फाइलों के पन्ने फटने का डर रहेगा। न ही फाइलें गायब हो सकेगी। आमतौर पर पहले फाइलों के एप्रूवल में टाइम लगता था। कर्मचारियों का टाइम भी वेस्ट होता था लेकिन अब इन सब बातों से छुटकारा मिल सकेगा। कर्मचारियों या बाबू को फाइल को तलाशना नहीं पड़ेगा। अब एक क्लिक पर फाइल उपलब्ध हो सकेगी।

नगर निगम एक नजर में
- 16 लाख जनसंख्या नगर क्षेत्र में
- 100 वार्ड नगर निगम में
- चार जोन में बंटा हुआ है क्षेत्र
- साढ़े चार हजार नगर निगम का स्टाफ
- 3.20 लाख हाउस होल्ड
- 50 हजार स्ट्रीट लाइट


शासन से सिटीजन चार्टर और ई ऑफिस का निर्देश आया था। अभी उसके क्रियान्वयन के लिए गाइडलाइन आएगी। इसके बाद ही इसको लागू किया जाएगा।
- ए। मणिकनंदन्र, सीडीओ आगरा


हमारे यहां ई-ऑफिस की व्यवस्था पहले से चल रही है। सिटीजन चार्टर लगवाए थे, इसके अलावा जनहित गारंटी योजना के तहत भी काम किया जा रहा है।
सुरेन्द्र प्रसाद यादव, अपर नगर आयुक्त

Posted By: Inextlive