नशे के कारोबार में महिलाओं की एंट्री बनी चुनौती
पुलिस नहीं करती महिलाओं पर संदेह
नशे का कारोबार करने वाले तस्कर अब सप्लाई के लिए महिलाओं को इस्तेमाल कर रहे हैं। महिलाओं पर पुलिस आसानी से संदेह नहीं करती है। महिलाएं नशे की पुडिय़ा को कपड़ों में छुपाकर ग्राहकों तक पहुंचाती हैं। ये लड़कियां पहले फोन पर ऑडर बुक करती हैं, फिर एक्टिवा से ग्राहकों तक पहुंचती हैं। गाड़ी के बारे में किसी को पता नहीं चले इसलिए वे अपनी गाड़ी को दुर पार्किंग पर खड़ा कर देती हैं। इसके बाद पैदल चलकर ग्राहकों तक पहुंचती हैं, उनसे पैसे लेकर वापस आ जाती हैं।
सबसे अधिक गांजे की सप्लाई
पुलिस के अनुसार, पहले के मुकाबले शहर में नशा तस्करी को काफी हद तक कंट्रोल कर लिया गया है। हालांकि, आए दिन अभी भी इनकी अरेस्टिंग होती रहती है। कई बार इनसे बड़ी क्वांटिटी तो कई बार कुछ ग्राम ही नशा मिलता है। अगर आंकड़ों की बात करें तो शहर में सबसे ज्यादा गांजा सप्लाई के साथ-साथ चरस और स्मैक भी शामिल है। इन तस्करों से पूछताछ में पता चलता है कि ये लोग बड़ी मात्रा में पश्चिम बंगाल से प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों और दूसरे राज्यों से बड़ी खेप में नशा मंगवाते हैं और नशे की पुडिय़ा बनाकर सप्लाई करते हैं।
एक डिलीवरी के मिलते थे 5 हजार
आंकड़ों के अनुसार रेलवे पुलिस ने कैंट स्टेशन पर पिछले दिनों में महिलाओं को अरेस्ट किया था, वहीं ये महिलाएं एक ही परिवार की थीं, जो आपस में संंबंध रखती थीं। इनके कब्जे से पुलिस ने एक क्विंटल पांच किलो गांजा बरामद किया था। वे नशे की पुडिय़ा बनाकर शहर के अलग-अलग हिस्सों में सप्लाई करते थे। इसके अलावा आए दिन नशा तस्करों को पुलिस पकड़ती रहती है। पूछताछ में नशा तस्करी करने वाली महिलाओं ने बताया कि अलग-अलग नशे के किस्म में अलग-अलग प्रॉफिट फिक्स रहता है। गांजा में लगभग 50 से 60 प्रतिशत मुनाफा हो जाता है। लेकिन उनको एक डिलीवरी के 5 हजार रुपए मिलते थे।
यहां से हो रही गांजे की सप्लाई
गांजा की सप्लाई ज्यादातर छत्तीसगढ़, उड़ीसा भवानी, नाल्को सोनपुर और बरगढ़ से होता है, जहां की पहाडिय़ों में इसका सबसे ज्यादा प्रोडक्शन होता है। यहां से यह बिहार छत्तीसगढ़ के पूर्वी यूपी तक पहुंचता है, इसके बाद कई जगहों पर इसको सप्लाई किया जाता है।
नशे के कारोबार का नेटवर्क
नशे की लत सबसे ज्यादा युवाओं में देखी जा रही है। इस जहरीले कारोबार में ज्यादातर माफिया व इनामी अपराधी शामिल हैं। ये उन लोगों को भी अपने धंधे में शामिल करते हैं जो मजदूर तबके के हैं और शहरों में जॉब की तलाश में आते हैं। अधिकारी ये भी बताते हैं कि चरस, गांजा व स्मैक की सप्लाई में ऐसे वाहनों का प्रयोग किया जा रहा है, जिनपर किसी को शक भी नहीं होता है। इतना ही नहीं, जिन वाहनों पर इसे सप्लाई किया जाता है, उनके आगे पीछे भी नशा माफिआयों के गुर्गे रेकी करते रहते हैं।
-एंबुलेंस में हो रही सप्लाई
-ट्रेन से महिला कर रही तस्करी
-ट्रक चालक पहुंचा रहे गांजा
-लग्जरी कार से सप्लाई
-टैंकर के जरिए
-टूल बॉक्स में छुपाकर
-फलों की पेटी मेें रखकर
-ट्रक के टैंंकर से सप्लाई एक साल में पकड़ा गांजा
-किलो ग्राम 1476.08
पिछले वर्ष की गईं बड़ी कार्रवाई
4 अप्रैल 2022
-थाना सदर में 20 किलो गांजे के साथ दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
7 अप्रैल
-थाना एत्माउद्दौला पुलिस ने 453 किलो गांजे साथ दो लोग अरेस्ट, आगरा कैंट ने 40 किलो गांजे के साथ चार अरेस्ट
8 अप्रैल
-थाना बाह के जरार क्षेत्र में पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में तीन लोगों के साथ ट्रक में तीन करोड़ रुपए का 1200 किलो गांजा बरामद किया.
-सैयां थाना क्षेत्र में मुठभेड़ के बाद 10 लोग गिरफ्तार हुए। इनमें दो को पैर में गोली लगी और कार, ट्रक समेत 800 किलो गांजा बरामद.
6 फरवरी
-एनएच-2 पर ट्रक में खाली बोतलों के नीचे छिपाकर आगरा लाए गए करीब ढाई करोड़ रुपए के 805 किलो गांजे के साथ चार लोग अरेस्ट.
17 फरवरी
-विशाखापत्तनम से ट्रॉली बैग में 60 किलो गांजा लेकर जा रही तीन महिलाओं और एक पुरुष को आगरा कैंट स्टेशन से अरेस्ट. 3 मार्च
-ग्वालियर के छतरपुर में 836 किलो गांजा ट्रक में केलों के नीचे छुपाकर आगरा लाते समय तीन तस्करों को पुलिस ने किया अरेस्ट. 4 मार्च
-आगरा के थाना हरीपर्वत में ट्रक को गाइड कर रहे चार लोगों की लग्जरी कार से सैंपल का 28 किलो गांजा ले जाते अरेस्ट
गांजा तस्करों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। पकड़े गए तस्करों से पूछताछ के बाद सप्लाई चेन और डिमांड चेन को तोडऩे की कवायद की जा रही है। पिछले दिनों एंबुलेंस और ट्रक में गांजा पकड़ा गया था। पुराने मामलों को भी खंगाला जाएगा.
सूरज राय, पुलिस उपायुक्त, नगर जोन