लीकेज के कारण पेयजल आपूर्ति रही बाधित
आगरा। शहर में कई स्थानों पर लीकेज हुआ। इसमेें अवागढ़ हाउस के लिए इंटरकनेक्ट करने का काम किया जा रहा है। इस लाइन को सूर्य नगर स्टेशन से जोड़ा जा रहा है। दो दिन बाद भी अभी लाइन को इंटरकनेक्ट नहीं किया जा सका है। इसके अलावा न्यू मार्केट जीवनी मंडी में 28 इंच की पाइपलाइन लीक हो गई। इससे आपूर्ति बाधित रही। माधव आश्रम नामनेर में पाइपलाइन लीकेज होने से मंगलवार से ही जलापूर्ति बाधित हो गई। इसके अलावा अंजता कॉलोनी और मोतिया बगीची में भी पाइपलाइन लीकेज हो गई। इससे सुबह से शाम तक जलापूर्ति नहीं हो सकी।
इन स्थानों पर नहीं हुई जलापूर्तिसूर्यनगर, लॉयर्स कॉलोनी, जज कंपाउंड, नेहरु नगर, जीवनी मंडी, हाथी घाट एरिया, कचहरी घाट,नामनेर, ईदगाह, कुतलूपुर, मोतिया बगीची आदि एरिया में जलापूर्ति बाधित रही।
420 एमएलडी के सापेक्ष 310 एमएलडी की हुई आपूर्ति
सिकंदरा वाटर वक्र्स को पालड़ा बुलन्दशहर से 310 एमएलडी गंगाजल की आपूर्ति हुई। इसमें सिकंदरा वाटर वक्र्स से 200 एमएलडी और जीवनी मंडी वाटर वक्र्स से 110 एमएलडी की आपूर्ति हुई। बता दें कि सिकंदरा वाटर वक्र्स पर 144 एमएलडी के दो प्लांट हैं। इसमें एमबीबीआर प्लांट से 70 एमएलडी और दूसरे प्लांट से 130 एमएलडी की आपूर्ति हुई। वहीं जीवनी की मंडी वाटर वक्र्स पर तीन प्लांट हैं। इसमें दो प्लांट 90 -90 एमएलडी के और एक 45 एमएलडी का प्लांट है। यहां से 110 एमएलडी की आपूर्ति हुई
सिटी में ज्यादातर पुरानी पाइपलाइन पड़ी हैं। जब ज्यादा प्रेशर होता है तो पुरानी पाइपलाइन प्रेशर नहीं झेल पाती हैं। इसके चलते वे लीक हो जाती है। बता दें कि शहर मेें 60 फीसदी एरिया में भी ही पाइपलाइन है। 40 फीसदी एरिया ऐसा है, जहां पाइपलाइन नहीं है। इसके चलते पूरी जलापुूर्ति नहीं हो पाती है।
जलकल सचिव एसके श्रीवास्तव : जहां से भी पाइपलाइन लीकेज होने की सूचना मिलती है, वहां टीम को भेजकर पाइपलाइन को दुरुस्त कराया जाता है। जहां जलापूर्ति बाधित होती है। वहां टैंकर से जलापूर्ति कराई जाती है।