डॉक्टर साहब, स्कूल के पीछे पढ़े थे या डिग्री फर्जी है .
लाखों का बना दिया कर्जदार
पैथोलॉजी की लापरवाही ने खांसी को कैंसर बता किसान राजकुमार को लाखों रुपये का कर्जदार बना दिया। वह डिप्रेशन में आ गए। मुंबई में टाटा मेमोरियल कैंसर रिसर्च इंस्टीट््यूट और गुरुग्राम के नामी अस्पताल में जांच कराने पर रिपोर्ट निगेटिव आई। मुख्य चिकित्सा अधिकारी से शिकायत पर किसान के रक्त का नमूना लेकर जांच अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली से कराई गई। वहां से भी कैंसर की रिपोर्ट निगेटिव आने पर कार्रवाई के लिए डीएम को रिपोर्ट भेजी है। लैब पर शिकंजा कसना तय माना जा रहा है।
हुई थी मामूली सी खांसी
अछनेरा के गांव कुकथला के रहने वाले राजकुमार (48) ने इस साल जनवरी में लगातार खांसी आने पर एसएन मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर को दिखाया। उपचार के बाद लाभ नहीं हुआ तो दिल्ली गेट स्थित विशेषज्ञ को दिखाया। डॉक्टर ने उनकी बायोप्सी कराने के साथ ही न्यू आगरा बाईपास स्थित एक पैथोलॉजी लैब में कराई। लैब की रिपोर्ट देखकर डॉक्टर ने बताया कि उन्हें फेफड़ों का कैंसर है। राजकुमार ने सिकंदरा क्षेत्र स्थित एक अस्पताल में कैंसर विशेषज्ञ को दिखाया। वहां भी जांच के बाद कैंसर बताया। उपचार में करीब आठ लाख रुपए खर्चा बताया। इससे राजकुमार तनाव में आ गए। रकम नहीं होने पर डॉक्टर्स ने एम्स रेफर कर दिया। वहां उपचार के लिए कई महीने बाद नंबर आता। उन्होंने मुंबई में टाटा मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट््यूट में जांच कराई। आगरा की लैब ने जिस स्लाइड की जांच कर उन्हें कैंसर बताया था, टाटा संस्थान में उसी स्लाइड की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई। राजकुमार ने गुरुग्राम स्थित नामी अस्पताल में जांच कराई तो वहां भी रिपोर्ट निगेटिव आई।
राजकुमार ने बताया कि पैथोलॉजी की गलत रिपोर्ट के चलते वह और उनका परिवार दो महीने मानसिक तनाव में रहा। लैब के विरुद्ध कार्रवाई के लिए पुलिस आयुक्त से मार्च में शिकायत की। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को जांच कराके रिपोर्ट देने की कहा। सीएमओ ने एम्स दिल्ली में नमूना भेज जांच कराई। दस दिन पूर्व वहां से भी कैंसर की रिपोर्ट निगेटिव आ गई। राजकुमार गुरुवार को लैब के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस आयुक्त कार्यालय पहुंचे। वहां बताया गया कि सीएमओ ने कार्रवाई के लिए डीएम को रिपोर्ट भेजी है।
उक्त मामले में जिलाधिकारी के निर्देश पर जांच बोर्ड बनाकर जांच की गई थी। अब जांच रिपोर्ट सौंप दी गई है।
- डॉ। अरुण श्रीवास्तव, सीएमओ