Agra Crime News: मेडिकल कॉलेज में मासूस से डॉक्टर ने किया 'बैड टच'
छेड़छाड़ का लगाया आरोप
शाहगंज क्षेत्र की 11 वर्ष की बालिका को 45 दिन से तेज बुखार था। मां ने बताया कि निजी अस्पताल में उपचार से लाभ नहीं होने छह सितंबर को बेटी को एसएन इमरजेंसी में भर्ती कराया। बेटी को आईसीयू से नौ सितंबर को जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया। वह बेटी की तीमारदारी को वार्ड में थीं। मंगलवार रात को अपने कपडे बदलने वार्ड से बाहर गई थीं। इसी दौरान ड्यूटी पर जूनियर डॉक्टर दिलशाद हुसैन ने बेटी को चेकअप के बहाने वार्ड के बराबर अपने कमरे में बुला लिया। रात 11:55 बजे बेटी डॉक्टर के चैंबर से चीखती हुई आकर उनसे लिपट गई। बताया कि डॉक्टर ने चेकअप के दौरान सलवार में हाथ डाल गलत हरकत की है। डॉक्टर से 'बैड टचÓ करने शिकायत की तो वो कहने लगा जांच कर रहा है।
मुकदमा दर्ज कर भेजा जेल
पीडि़ता की मां ने चाइल्ड हेल्पलाइन पर फोन किया, पुलिस के पहुंचने पर डॉक्टर वार्ड से निकल गया। मां का आरोप है कि मेडिकल कालेज प्रशासन को जानकारी देने पर उसने मामला दबाने का प्रयास किया। उन्हें नौकरी का प्रलोभन दिया। वह कार्रवाई पर अड़ी रहीं, बुधवार दोपहर दो बजे थाने पहुंचकर तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने जूनियर डॉक्टर दिलशाद हुसैन के खिलाफ दुष्कर्म एवं पॉक्सो एक्ट की धारा में मुकदमा दर्ज किया है। वह थाना बरेली के थाना हाफिजगंज का रहने वाला है। आरोपी को बुधवार शाम कोर्ट के सामने पेश किया गया, वहां से उसे जेल भेज दिया। पीडि़ता का मेडिकल कराने के बाद बाद मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराए जाएंगे।
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पीडि़ता की शिकायत पर मेडिकल कॉलेज के बाल रोड विभाग में तैनात जूनियर डॉक्टर दिलशाद हुसैन के खिलाफ दुष्कर्म एवं पॉक्सो एक्ट की धारा में मुकदमा दर्ज किया है। वह थाना बरेली के थाना हाफिजगंज का रहने वाला है। आरोपी डॉक्टर को बुधवार शाम कोर्ट के सामने पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया। पीडि़ता का मेडिकल कराने के बाद बयान दर्ज कराए जाएंगे।
- आनंद पांडेय, एसीपी कोतवाली
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12 दिन हड़ताल के बाद भी नहीं लगे सीसीटीवी
कोलकाता प्रकरण के बाद एसएन मेडिकल कालेज में जूनियर डॉक्टर 12 दिन तक हड़ताल पर रहे थे। कालेज प्रशासन ने एक कमेटी गठित की थी। दो दीवार लगाने के बाद अन्य इंतजाम नहीं किए गए। सभी विभागों में सीसीटीवी भी नहीं लगाए गए हैं। वहीं, मासूस के साथ छेड़छाड़ की घटना के बाद बाल रोग विभाग में बुधवार दोपहर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए।
अंधेर में लगता है डर
एसएन के जूनियर डॉक्टर 12 अगस्त से 22 अगस्त तक हड़ताल पर रहे थे। कालेज प्रशासन ने महिला जूनियर डाक्टरों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी लगाने, कंट्रोल रूम बनाने के साथ ही सुरक्षाकर्मी बढ़ाने का आश्वासन दिया था। पीपल वाले गेट और गल्र्स हास्टल के पास दीवार लगा दी गई। कुछ जगह सीसीटीवी कैमरे भी लगाए। बाल रोग विभाग को कोविड हॉस्पिटल बनाया गया था, यहां पहले से सीसीटीवी कैमरे लगे थे लेकिन खराब हो गए। विभाग में सीसीटीवी कैमरे तक नहीं लगाए गए। कंट्रोल रूम भी नहीं बनाया गया है। पुराने भवनों के ध्वस्त होने के कारण एमजी रोड, नूरी दरवाजा रोड से लोगों की रात में आवाजाही होती है लेकिन चहारदीवारी नहीं लगाई गई। तीमारदारों के लिए पास सिस्टम भी पूरी तरह से लागू नहीं हो पाया है, सुरक्षाकर्मी भी नहीं बढ़ाए गए हैं।
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प्राथमिकता के आधार पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ाने के लिए शासन को पत्र भेजा गया है। कार्यदायी संस्था से चहारदीवारी करने के लिए कहा गया है।
- डॉ। प्रशांत गुप्ता, प्रिंसिपल, एसएन मेडिकल कॉलेज
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जूनियर डॉक्टरों में भी आक्रोश
इस घटना के बाद से जूनियर डाक्टरों में भी आक्रोश है। उनकी सुरक्षा के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। दोपहर दो बजे के बाद चिकित्सा शिक्षक चले जाते हैं, इसके बाद कालेज में मरीजों के इलाज की जिम्मेदारी जूनियर डाक्टरों पर रहती है। विवाद होने पर भी उन्हें अपने स्तर से सुलझाना पड़ता है।