बेतुके सवालों पर डांटें नहीं समझाएं
आगरा(ब्यूरो)। बच्चों के सवाल पूछने पर उनपर गुस्सा करके शांत कराने की कोशिश न करें। आप उन्हें सही जानकारी देकर उन्हें स्मार्ट बनाने की कोशिश करें। इससे बच्चों का माइंड और भी अधिक शार्प होता है।
जानकारी न होने पर इंटरनेट का लें सकते हैं सहाराअगर आपके पास बच्चे के बेतुके सवाल का जबाव नहीं है तो आप इंटरनेट का सहारा ले सकते हैं। सोशल मीडिया आज के दौर में इतना अपडेट हो गया है कि आप उस पर बच्चों को सही तरीके से समझाने के टिप्स भी ले सकते हैं इससे बच्चे का आईक्यू लेवल भी तेज कर सकते हैं।
बच्चों का आईक्यू लेवल करें तेज
एक्सपर्ट मनोवैज्ञानिक डॉ। पूनम तिवारी बताती है कि छोटे बच्चों के सवाल बेशक बेतुके होते हैं लेकिन ज्यादा से ज्यादा सवाल पूछने पर बच्चों का आईक्यू लेवल तेज होने लगता है। वहीं पेरेंट्स के डांटने पर न सिर्फ बच्चे सवाल पूछना कम कर देते हैं बल्कि उनका कॉन्फिडेंस भी लो हो जाता है। ऐसे में बच्चों के बेमतलब सवालों का स्मार्ट जवाब देना पेरेंट्स के सामने सबसे डिफिकल्ट टास्क होता है।
इंट्रेस्ट के साथ सुने बच्चों के सवाल
डॉ। रचना सिंह मनोवैज्ञानिक आगरा कॉलेज आगरा ने बताया कि बच्चों के सामने उनके सवालों को बेतुका करार देने की कोशिश बिल्कुल न करें। इससे बच्चों का मनोबल कमजोर होने लगता है। ऐसे में बच्चे के सवाल को पूरे इंट्रेस्ट के साथ सुनें और संभव हो तो बच्चों को सवालों के सही जवाब देने की कोशिश करें। इसके अलावा सवाल पूछने पर बच्चों को डांट या फटकार लगाने से बचना चाहिए, बच्चों के द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब को आसानी से देकर संतुष्ट करना चाहिए।
छोटे बच्चों के लिए दुनिया में काफी कुछ नया होता है। ऐसे में बच्चे हर चीज को बेहद एक्साइटमेंट के साथ देखते हैं। वहीं आप भी बच्चों को नई-नई चीजों के बारे में बताकर उनकी जिज्ञासा को कम कर सकते हैं। इससे बच्चे हर समय कुछ नया जानने के लिए उत्सुक रहेंगे और कम उम्र से ही काफी स्मार्ट बन जाएंगे।
बच्चों के बेमतलब सवालों के जवाब अक्सर पेरेंट्स के पास भी नहीं होते हैं। ऐसे में सोशल मीडिया की मदद लेना आपके लिए बेहतर ऑप्शन साबित हो सकता है। सोशल के जरिए आप न सिर्फ बच्चों को सही और सटीक उत्तर दे सकते हैं, बल्कि कुछ एक्सट्रा जानकारी देकर भी आप उनकी जिज्ञासा को शांत कर सकते हैं।
डॉ। रचना सिंह, मनोवैज्ञानिक, आगरा कॉलेज
कई बार बच्चों को लाख समझाने के बाद भी कुछ समझ नहीं आता है। ऐसे में बच्चे सवालों का सिलसिला जारी रखते हैं और आखिर में पेरेंट्स गुस्सा होकर उनको चुप करवा देते हैं। बच्चों को समझाने के लिए आप उदाहण की मदद ले सकते हैं। इससे बच्चे चीजों को आसानी से समझ जाएंगे और लंबे समय तक याद भी रख पाएंगे।
-केसी गुरनानी, वरिष्ठ मनोचिकित्सक
कभी-कभी बच्चे ऐसे सवाल करते हैं, जिसका जवाब देना मुश्किल होता है, ऐसे में मजबूर होकर उनको डांटकर चुप कराना पड़ता है।
आकांक्षा गुप्ता, पेरेंट्स बच्चों का शहर के एक अच्छे स्कूल में प्रवेश कराया है, कोर्स भी बहुत हार्ड है, इसके अलावा रोजाना वे अजीब सवाल पूछते हैं, समझ नहीं आता क्या करें।
रानी, पेरेंट्स