आगरा . ब्यूरो मानसून आने और उमस भरी गर्मी के बीच में अस्थमा मरीजों की समस्या बढ़ गई है. बारिश और नमी के चलते उन्हें एलर्जी हो रही है और सांस फूल रही है. बीते कुछ दिनों में सरकारी और निजी अस्पतालों की ओपीडी में ऐसे मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी हैै. डॉक्टर्स के अनुसार मौसम में बदलाव अस्थमा को ट्रिगर करता है जिसकी वजह से सांस लेने में समस्या बढ़ जाती है. ऐसे में दवा लेते रहें और कोई भी दिक्कत होने पर डॉक्टर को तुरंत दिखाएं.

लापरवाही से बढ़ती है समस्या
एसएन मेडिकल कॉलेज के टीबी एंड चेस्ट डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ। संतोष कुमार ने बताया कि जब भी मौसम में बदलाव आता है, अस्थमा मरीजों की दिक्कत बढ़ जाती है। जो समय पर इन्हेलर नहीं लेते या दवा की डोज को अपने हिसाब से कम कर देते है। इसके अलावा, ठंडा पानी, कोल्ड ड्रिंक वगैरह पी रहे है या आइसक्रीम खा रहे हैं, तो समस्या बढ़ जाती है। ये सभी ठंडक बढ़ाने का काम करते हैं, जिसकी वजह से घरघराहट, खांसी, सांस लेने में समस्या, वायु मार्ग में सूजन या जकडऩ होने लगती है। इस तरह की समस्या वाले ओपीडी में रोजाना 5-10 परसेंट मरीज आ रहे है। सभी को सलाह दी जा रही है कि दवाएं समय से खाएं और इन्हेलर की डोज एडजस्ट कराएं।

डॉ। संतोष कुमार ने बताया कि मौसम में बदलाव अस्थमा मरीजों के लिए ट्रिगर का काम करता है, क्योंकि बारिश के मौसम में नमी ज्यादा होती है। जिसकी वजह से फंगस ग्रो करता है। ऐसे में इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा वातारïवरण में मॉइश्चर बढऩे से एलर्जी कारक बढ़ जाते है। ऐसे में अस्थमा के मरीजों को समस्या होती है। इसलिए जो लोग पहले से अस्थमा की दवाएं खा रहे हैैं तो एक बार डॉक्टर से रुटीन चेकअप करा लें। इन्हेलर और दवाएं समय से लें।
----------------

इसलिए बढ़ रही समस्या
-डॉक्टर का परामर्श न मानना
-इन्हेलर का इस्तेमाल बंद करना
- आराम मिलने पर दवा बंद कर देना
- मास्क का प्रयोग न करना
ऐसे करें बचाव
- दवा या इन्हेलर बीच में न बंद करें
- ठंडा पानी, कोल्ड ड्रिंक, आइसक्रीम वगैरह का सेवन न करें
- समय पर इन्हेलर लें
- समय पर दवा की पूरी डोज लें
- डॉक्टर से परामर्श लेते रहें
- भीड़भाड़ वाली जगह से बचे
- मास्क का प्रयोग करें
बारिश के मौसम में एलर्जी होने का खतरा होता है। ऐसे में मरीजों को सांस फूलने और एलर्जी होने की समस्या हो रही है। इस मौसम में मरीज सावधान रहें। डॉक्टर से रूटीन चेकअप कराएं।
- डॉ। संतोष कुमार, प्रोफेसर, टीबी एंड चेस्ट डिपार्टमेंट, एसएनएमसी

Posted By: Inextlive