साइबर फ्रॉड से बचाने को विभाग ने कसी कमर, दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की वेबिनार में जुड़े
आगरा(ब्यूरो)। इसी कड़ी में एक ओर पुलिस कमिश्नर ने कमर कसी है तो वहीं दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की ओर से भी शुक्रवार शाम चार बजे से वेबिनार का आयोजित की जा रही है।
ताकि फ्रॉड पर लग सके अंकुशपुलिस कमिश्नर डॉ। प्रीतिंदर सिंह ने साइबर क्राइम बचने के लिए सोशल मीडिया पर लोगों को अलर्ट किया है कि वे किसी भी तरह लिंक को क्लिक न करें, वहीं लालच और मुनाफे जैसे एड से दूर रहें। जिससे साइबर फ्रॉड पर अंकुश लगाया जा सके।
ऑफर के चक्कर में अकाउंट खाली
साइबर क्राइम मेें अधिकतर फ्रॉड की वारदातें लालच के चलते सामने आ रही हैं, तो वही जानकारी के अभाव में ओटीपी शेयर, बैंक अपडेट, सस्ता लोन, ऑनलाइन ऑफर के झांसे में आकर ठगी का शिकार हो रहे हैं। अगर आप अलर्ट रहते हैं तो ठगी का शिकार होने से बच सकते हैं। साइबर क्राइम, जिसमें हैकर्स लोगों की प्रतिष्ठा, आर्थिक, व्यवसाय को प्रभावित करने वाले साधनों का उपयोग करते हैं। ऑफर के लालच में आकर लोग ठकी का शिकार हो जाते हैं।
पर्सनल डिटेल की चोरी
कोई साइबर अपराधी सोशल मीडिया अकाउंट, ओटीपी, पिन कोड, व्यक्तिगत फोटो या वीडियो जैसी व्यक्तिगत जानकारी अपने पास जमा कर लेता है तो आप सामाजिक या आर्थिक रूप से असुरक्षित हो जाते हैं।
साइबर क्रिमिनल इसका लाभ उठाकर लोगों को अकांउट से उनके पसीने की कमाई पार कर रहे हैं।
यदि किसी के पास आपके उपकरणों तक पहुंच है, तो वे कोई भी अवैध गतिविधि कर सकते हैं। यदि ट्रैक किया जाता है, तो अधिकारी आपको ऐसी गतिविधियों के पीछे का पता लगा लेंगे, क्योंकि प्रॉक्सी पता, ऐसे अन्य लिंक मूल उपयोगकर्ताओं की ओर संकेत करेंगे, जबकि कुछ हैकर मीलों दूर से अपनी चाल चल रहे हैं। यानी डिवाइस से आपके फोन या लैपटॉप को हैंडल कर सकते हैं। पासवर्ड, वेब कैमरों से ट्रैक
इंटरनेट कनेक्शन वाले स्मार्टफोन का उपयोग करने वाले लोगों को कभी-कभी स्थान के लिए, उनकी इंटरनेट खोजों के लिए, उनके डिवाइस पर टाइप किए गए उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड, वेब कैमरों आदि के माध्यम से ट्रैक किया जाता है। वित्तीय धोखाधड़ी मैलवेयर हमले कहलाते हैं। लक्ष्य व्यक्ति या बड़े संगठन या यहां तक कि सरकारी विभाग भी हो सकते हैं।
इंटरनेट सेवाओं का उपयोग करते समय साइबर अपराध के प्रकारों और रोकथाम के बारे में अवेयर होना उपयोगकर्ताओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। संदिग्ध गतिविधियों से सावधान रहना चाहिए। साइबर अपराध को रोकने और अपनी व्यक्तिगत जानकारी को शेयर करने से बचें। वहीं अलर्ट रहें।
डॉ। प्रीतिंदर सिंह, पुलिस कमिश्नर
साइबर फ्रॉड की करें कंप्लेंन
1930
112 साइबर सेल ने जारी की गाइड लाइन
-फोन कॉल या अन्य किसी माध्यम से पर्सनल डिटेल किसी के साथ शेयर न करें
-किसी भी अनजान लिंकपर ध्यान न दें और न ही मोबाइल नंबर पर कॉल करें
-ओटीपी बैंक में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर, कार्ड नंबर शेयर करने से बचें।
-साइबर फ्रॉड लालच देकर आपकी निजी जानकारी चुरा लेना मकसद हो सकता है।
-किसी के भी कहने पर रिमोट एक्सेस ऐप जैसे मोबाइल फोन को एप को डायलोड करने से बचें।
-फोन या किसी अन्य माध्यम से प्राप्त लिंक को किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा बताए गए नंबर पर शेयर न करें