आपकी सतर्कता से ही रुकेगा डेंगू, आने लगे हैैं डेंगू जैसे लक्षणों के मरीज
आगरा। मौसम बदल गया है और सीजनल बुखार इत्यादि के मरीज भी आने लगे हैैं। कई मरीजों में डेंगू जैसे ही लक्षण सामने आ रहे हैैं। उनको सर्दी के साथ तेज बुखार आ रहा है। बुखार का प्रभाव लीवर पर भी पड़ रहा है। कई मरीजों की तो प्लेटलेट्स काउंट भी गिर रही है। आईएमए प्रेसिडेंट डॉ। ओपी यादव ने बताया कि इस वक्त बुखार आने पर सचेत हो जाएं और डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
तीन तरह का होता है डेंगू
डॉ। ओपी यादव ने बताया कि डेंगू तीन तरह का होता है। क्लासिकल डेंगू, डेंगू हैमरेजिक और डेंगू शॉक सिंड्रोम। क्लासिकल डेंगू में ठंड लगने के बाद अचानक तेज बुखार आने लगता है, सिर में मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होने लगता है, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होने लगता है, जी मितलाना, भूख न लगना, कमजोरी होना जैसी समस्या हो सकती हैं। क्लासिकल साधारण डेंगू बुखार करीब 5 से सात दिन तक रहता है और पेशेंट ठीक हो जाता है। ज्यादातर मामलों में इसी किस्म के डेंगू का बुखार होता है। डेंगू हैमरेजिक में नाक और मसूड़ों में खून आने लगता है, शौच या उल्टी में खून आना शुरु हो जाता है, स्किन पर गहरे नीले या काले रंग के छोटे या बड़े चकत्ते पड़ जाते हैं। डेंगू शॉक सिंड्रोम में पेशेंट बहुत बेचैन हो जाता है और तेज बुखार के बावजूद उसकी स्किन ठंडी महसूस होती है। इसमें पेेशेंट धीरे-धीरे होश खोने लगता है। पल्स रेट बढऩे लगती हैं और ब्लड प्रेशर एकदम लो हो जाता है। इसमें कई बार मल्टी ऑर्गन फेल्योर भी हो जाता है।
कौन-सा टेस्ट कराएं
अगर तेज बुखार हो, जॉइंट्स में तेज दर्द हो या शरीर पर रैशेज हों तो पहले दिन ही डेंगू का टेस्ट करा लेना चाहिए। अगर लक्षण नहीं हैं, पर तेज बुखार बना रहता है तो भी एक-दो दिन के इंतजार के बाद फिजिशियन के पास जरूर जाएं। शक होने पर अधिकृत डॉक्टर की लैब से ही खून की जांच कराएं। डेंगू की जांच के लिए शुरुआत में एंटीजन ब्लड टेस्ट (एनएस 1) किया जाता है। इस टेस्ट में डेंगू शुरू में ज्यादा पॉजिटिव आता है, जबकि बाद में धीरे-धीरे पॉजिविटी कम होने लगती है। अगर तीन-चार दिन के बाद टेस्ट कराते हैं तो एंटीबॉडी टेस्ट (डेंगू सिरॉलजी) कराना बेहतर है। डेंगू की जांच कराते हुए वाइट ब्लड सेल्स का टोटल काउंट और अलग-अलग काउंट करा लेना चाहिए। इस टेस्ट में प्लेटलेट्स की संख्या पता चल जाती है। डेंगू के टेस्ट जिला अस्पताल, एसएन मेडिकल कॉलेज और प्राइवेट लैब्स में उपलब्ध हैं। इन टेस्ट की रिपोर्ट 24 घंटे में आ जाती है।
सीएमओ डॉ। अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि आमतौर पर तंदुरुस्त आदमी के शरीर में डेढ़ से दो लाख प्लेटलेट्स होते हैं। प्लेटलेट्स बॉडी की ब्लीडिंग रोकने का काम करती हैं। अगर प्लेटलेट्स एक लाख से कम हो जाएं तो उसकी वजह डेंगू हो सकता है। हालांकि यह जरूरी नहीं है कि जिसे डेंगू हो, उसकी प्लेटलेट्स नीचे ही जाएं। प्लेटलेट्स अगर एक लाख से कम हैं तो पेशेंट को फौरन हॉस्पिटल में एडमिट कराना चाहिए। अगर प्लेटलेट्स गिरकर 20 हजार तक या उससे नीचे पहुंच जाएं तो प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत पड़ती है।
डेंगू के मरीज को मच्छरदानी में ही रखें
डॉ। ओपी यादव ने बताया कि डेंगू के मरीज को काटा हुआ मच्छर किसी अन्य स्वस्थ व्यक्ति को काट लेता है तो डेंगू का संक्रमण फैलता है। इसलिए यदि आपके घर में कोई डेंगू का मरीज है, तो उसे बीमारी के शुरूआती 6-7 दिनों तक मच्छरदानी के बिस्तर में ही रखें।
डेंगू के लक्षण
-ठंड लगने के साथ तेज बुखार चढऩा
- सिर, मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना।
- आंखों के पिछले भाग में दर्द होना, जो आंखो को दबाने या हिलाने से और भी बढ़ जाए।
- अत्यधिक कमजोरी लगना, भूख में बेहद कमी तथा जी मितलाना।
- मुंह के स्वाद का खराब होना।
- गले में हल्का दर्द होना।
- शरीर पर रैशेज (लाल चकत्ते) हो जाना।
डेंगू मच्छरों के पनपने से ऐसे रोकें
- डेंगू का मच्छर केवल पानी के स्रोतों में पैदा होता है।
- नालियों, गड्ढों, कूलर, टूटी बोतलों, पुराने टायर व डिब्बों में भरे पानी को खाली कर दें।
- अपने घर के आसपास पानी को इकट्ठा न होने दें।
-गड्ढों को मिट्टïी से भर दें।
- रुकी हुई नालियों को साफ कर दें।
- फूल दान इत्यादि में भरा पानी सप्ताह में एक बार खाली कर दें और उसे सुखाकर ही दोबारा भरें।
- पानी की टंकी तथा बर्तनों को सही तरह से ढककर रखें, जिससे कि उनमें मच्छर प्रवेश न करें और प्रवेश न कर पाएं।
- मच्छरदानी का प्रयोग करें।
- दरवाजों पर जाली लगवाएं।
- मच्छरों को भगाने के लिए मच्छर नाशक क्रीम, स्प्रे, मैट्स, कॉइल, आदि का प्रयोग करें।
-शरीर को पूरी तरह ढकने वाले कपड़े पहनें। हाफ पैैंट व टी-शर्ट न पहनें।
- घर के अंदर एक बार मच्छरनाशक दवा का छिड़काव अïवश्य कराएं।
- घर के कोनों में मच्छरनाशक दवा अवश्य छिड़कें।
- फ्रिज के नीचे रखी हुई पानी की ट्रे को रोजाना खाली करें।
डेंगू से बचाव रहने के लिए सतर्क रहने की जरूरत है। इसलिए अपने आसपास मच्छर न पनपने दें। बुखार आए तो सतर्क हो जाएं।
- डॉ। ओपी यादव, आईएमए प्रेसिडेंट
अपने आस-पास बारिश के जमे हुए पानी को न पनपने दें। अपने घरों में भी गमलों, टायर, कूलर में भरे पानी को साफ कर दें। डेंगू का लार्वा मिलने पर जुर्माने का भी प्रावधान है।
- डॉ। अरुण श्रीवास्तव, सीएमओ