जानलेवा हाईवे: ये कैसी अंधेर गर्दी है भाई, ऑटो पर कार्रवाई सिर्फ कागजों पर ही नजर आई
आगरा(ब्यूरो)। शहर में हाइवे स्थित आईएसबीटी के बाहर ऑटो चालकों का दिनभर जमावड़ा लगा रहता है। जब तक सवारियों से ऑटो पूरी तरह से नहीं भर जाते तब तक सड़कों पर खड़े होकर चालक इंतजार करते रहते हैं। सवारियों के आने के इंतजार में कई बार तो सड़कों के बीच में ऑटो खड़े कर देते हैं, इससे ट्रैफिक बाधित होता है और जाम लगने की स्थिति पैदा हो जाती है। शहर के चौराहों की भी यही स्थिति है। सामने पुलिस के जवान इन्हें बार-बार वहां से हटाने की कोशिश करते हैं लेकिन हर बार चालक उनकी बातों को अनसुना कर देते हैं। चालक पुलिस की सख्ती की अनदेखी करते देखे जा सकते हैं।
स्कूल, कॉलेजों के बाहर भी ऐसे हालात
दोपहर को स्कूल और कॉलेजों की छुट्टी के समय शिक्षण संस्थानों के सामने भी ऐसे ही हालात रहते हैं। सड़क के बीचों बीच खड़े होकर ऑटो चालक बच्चों को उनमें बैठाते हैं। इतना ही नहीं जब तक दस या इससे अधिक बच्चे ऑटो में नहीं बैठते ये वहां से रवाना नहीं होते। न तो इस तरफ ट्रैफिक पुलिस, थाना पुलिस और ना ही संबंधित विभाग जिला प्रशासन के अधिकारियों पर ध्यान जा रहा है और न ही शिक्षा विभाग के अधिकारी इस पर गौर कर रहे हैं। स्कूली बच्चे दुर्घटनाओं के साये में सफर करने को मजबूर हैं। गुरुवार को स्कूल के बाहर साइकिल से घर जा रहे बच्चे को अज्ञात वाहन ने स्कूल के सामने अपनी चपेट में ले लिया, हालत नाजुक बताई जा रही है।
सड़कों पर दौड़ रहे ओवरलोड ऑटो के कारण कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। हाइवे पर ट्रक की टक्कर से छह सवारियों की मौत के बाद पुलिस एक्टिव हुई थी, ओवरलोड वाहनों के चालान, एक्स्ट्रा सीट को हटाने का काम किया था, करीब छह सौ से अधिक ऑटो पर कार्रवाई की गई है।
सख्ती का कुछ समय तक रहा असर
दुर्घटना के बाद सख्ती के चलते कुछ दिन हालात सामान्य रहे थे लेकिन अब फिर से ऑटो की यही स्थिति है। वहीं दुर्घटना के बाद एक्टिव हुए विभाग भी फिर से पुराने ढर्रे पर हैं, वाहन चालक भी मनमानी करते देखे जा सकते हैं।
उस समय पुलिस प्रशासन की ओर से ऑटो चालकों के खिलाफ सख्ती की गई थी। चालकों को ऑटो का रजिस्ट्रेशन कराने व जरूरी कागजात तैयार करवाने के निर्देश जारी किए गए थे। इसका असर कुछ समय तक तो रहा लेकिन अब फिर से स्थिति पहले की तरह हो गई है।
अक्सर देखा गया है कि कोई भी बड़ा हादसा होने के बाद पुलिस सख्ती करती है, लेकिन कुछ समय बाद हालात सामान्य हो जाते हैं।
रवि शर्मा अगर पुलिस और संबंधित प्रॉपर अपना काम गंभीरता से करें तो काफी हद तक स्थिति सामान्य हो सकती है, लेकिन फिर वहीं हालात हैं।
बंटी कश्यप शहर में ट्रैफिक के हालात बहुत बेहतर नहीं है, ऐसे में पुलिस को सख्ती करनी चाहिए, इससे दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।
अमर प्रताप सिंह रूल्स की अनदेखी करने वाले वाहन चालकों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है, जल्द ही बड़ा बदलाव नजर आएगा।
सैय्यद अरीब अहमद, एसीपी ट्रैफिक एक नजर इधर
-शहर में ऑटो की संख्या
22500
-ऑटो के बीस दिन में चालान
700
-ऑटो से हटाई एक्स्ट्रा सीट
425