सड़क है नहीं नाले कचरे से भरे पड़े हैं पार्किंग पर कब्जा है सीवर लाइन चौक...ये हाल उस जगह का है जहां रोज दो करोड़ रुपए का कारोबार होता है. इसका 28 परसेंट सरकार को टैक्स मिलता है. फिर भी हाईवे स्थित ट्रांसपोर्ट नगर में अव्यवस्थाओं का अंबार है. ट्रांसपोर्टर्स का सबसे बड़े हब कहे जाने वाले टीपी नगर के लिए प्रस्ताव और योजनाएं तो कई बार बनीं. लेकिन धरातल पर नहीं उतर सकीं. इसका खामियाजा यहां के कारोबारियों को उठाना पड़ रहा है.

आगरा(ब्यूरो) । ट्रांसपोर्ट चैंबर के अध्यक्ष वीरेंद्र गुप्ता ने बताया कि टीपी नगर में रोज करीब दो करोड़ का कारोबार होता है। इससे सरकार को सबसे अधिक राजस्व भी प्राप्त होता है। ऑटोमोबाइल पाट्र्स या फिर टायर, सब पर सबसे अधिक 28 परसेंट टैक्स है। उन्होंने बताया कि पहले ट्रांसपोर्ट नगर यमुना किनारे होता था। हाथीघाट, देरसी नंबर 2-3, यमुना किनारा, सक्सेरिया रोड, फ्री गंज में ट्रांसपोर्ट कंपनियां थीं। ताज पर आने वाले वीवीआईपी को जाम व अन्य मुद्दों को लेकर वर्ष 1976 में ट्रांसपोर्ट नगर को शिफ्ट करने की शुरूआत हुई। हाईवे स्थित टीपी नगर में ट्रांसपोर्टर को प्लॉट दिए गए। उस दौरान करीब 250 ट्रांसपोर्टर ने प्लॉट बुक कराए।

खरीदकर छोड़ दिए प्लॉट
जिन ट्रांसपोर्टर्स ने टीपी नगर में शुरूआत में प्लॉट खरीदे, उनमें से भी सिर्फ 70 परसेंट ने प्लॉट पर निर्माण कराया। 30 परसेंट ने ट्रांसपोर्ट कंपनियां खोली। अधिकतर प्लॉट खाली पड़े हैं या फिर उन पर और कोई व्यापार किया जा रहा है। वीरेंद्र गुप्ता ने बताया कि यमुना किनारे से ट्रांसपोर्ट कंपनियों को पूरी तरह से शिफ्ट नहीं किया गया। वहां आज भी ट्रांसपोर्ट कंपनियां संचालित है। वहां के कारोबारी शिफ्ट होने के लिए तैयार भी हैं। उनके लिए 300 प्लॉट की आवश्यकता है। ऐसा भी नहीं है कि टीपी नगर में जगह नहीं है। यहां ट्रांसपोर्ट की जगह अन्य कारोबार करने वालों ने प्लॉट खरीदकर डाल दिए हैं। कई ट्रांसपोर्टर ने भी प्लॉट खरीदकर डाल दिए हैं, लेकिन यहां व्यापार नहीं कर रहे। ऐेसे सभी प्लॉट को ट्रांसपोर्टर्स को देना चाहिए। लेकिन, इसके लिए शासन-प्रशासन की मजबूत इच्छा शक्ति की जरूरत है।

पूरी तरह से शिफ्ट हो कारोबार
ट्रांसपोर्ट नगर में मौजूदा समय में करीब 60 ट्रांसपोर्टर्स एक्टिव हैं। जबकि अन्य व्यापारिक गतिविधियों में होटल, खानपान की दुकान, ऑटोमोबाइल पाट्र्स, वर्कशॉप, टायर की शॉप आदि गतिविधियां शामिल हैं। वहीं यमुना किनारे स्थित पुराने स्थान पर आज भी ट्रांसपोर्टर्स कंपनियां आज भी संचालित हैं। जिसके चलते टीपी नगर में ट्रांसपोर्टर्स की संख्या कम है। कारोबारियों ने यमुना किनारे से ट्रांसपोर्टर्स को टीपी नगर में शिफ्ट करने की मांग की।

यहां अब भी संचालित ट्रांसपोर्ट कंपनी

- जीवनी मंडी
- सक्सेरिया रोड
- दरेसी-2,3
- फ्री गंज
- जाटनी का बाग

टीपी नगर पर नजर
स्थापना::वर्ष 1976
नगर निगम::1988-90 में किया ट्रांसफर
सेक्टर:::6
ट्रांसपोर्टर्स के प्लॉट::250
ऑटोमोबाइल पाट्र्स शॉप::500-600
टायर शॉप (नए):::15-20
टायर शॉप (पुराने)::50-60
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कारोबारियों की मांगें
- सड़क का निर्माण कराया जाए
- पार्किंग स्थल की मरम्मत हो
- पानी की सप्लाई सुनिश्चित की जाए
- टॉयलेट की प्रॉपर व्यवस्था हो
- पार्क डेवलप किया जाए
- ड्रेनेज सिस्टम ठीक किया जाए
- डेली कूड़ा कलेक्शन किया जाए

टीपी नगर की प्रमुख समस्याएं

सड़क:::टीपी नगर में बाहरी सड़क को छोड़ दी दिया जाए तो सड़क की जगह सिर्फ मिट्टी की चादर नजर आती है। जैसे ही कोई वाहन गुरजता है तो धूल का गुबार उड़ता है।

ड्रेनेज:::कारोबारियों के लंबे प्रयास के बाद टीपी नगर में 10 वर्ष पहले करीब वर्ष 2012 में सीवर लाइन डाली गई। लेकिन कुछ दिन बाद ही ये चौक हो गई। अब क्षेत्र में सीवेज व्यवस्था से पूरी तरह ध्वस्त है। वहीं नगर निगम की ओर से जो नाला निर्माण कराया गया, वह भी सड़क से ऊंचा कर दिया गया। इसमें दूर-दूर तक गंदा पानी नजर नहीं आता है। कचरे का ढेर लगा रहता है।

जलभराव:::क्षेत्र में नाले सड़क से ऊंचाईं पर हैं, जो सीवर है वह चौक पड़े हैं। जो सड़क निर्माण भी कराई गई हैं, वह दुकानों से ऊंची बनाइ गई हैं। इसके चलते कुछ देर की बारिश में ही टीपी नगर टापू में तब्दील हो जाता है। दुकानों पर पानी भर जाता है।

वाटर सप्लाई:::टीपी नगर के पास ही स्थित शास्त्री नगर, बापू नगर में पानी की सप्लाई है। लेकिन टीपी नगर में वाटर की सप्लाई नहीं होती। कारोबारियों का कहना है कि कहीं एक दो जगह पानी आता भी है तो सुबह सप्लाई होती है। जबकि कारोबारी 10 बजे के बाद पहुंचते हैं।

टायॅलेट:::टीपी नगर में छह सेक्टर हैं। रोज हजारों की संख्या में लोगों का आवागमन होता है। बावजूद इसके सिर्फ एक ही टॉयलेट है। वह भी खस्ताहाल स्थिति में है।

अतिक्रमण: टीपी नगर से ट्रांसपोर्टर्स के दूरी बनाने, कच्ची सड़क होने के चलते क्षेत्र में जगह-जगह अतिक्रमण हो रखा है। मैकेनिक ने रास्तों को बंदकर वर्कशॉप बना दी हैं। सड़कों को घेर लिया गया है। इस ओर कोई ध्यान देने वाला नहीं है।


टीपी नगर में अव्यवस्थाओं की भरमार है। सड़क से लेकर सीवेज और नाले से लेकर वाटर सप्लाई तक की यहां दिक्कत है। पार्क से लेकर टॉयलेट तक सब बदहाल है। कई बार विभागों में शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। सड़क के नाम पर तो सिर्फ मिट्टी की परत है। जगह-जगह अतिक्रमण हो रखा है।
वीरेंद्र गुप्ता, अध्यक्ष, ट्रांसपोर्ट चैंबर एसोसिएशन


सड़कें गायब हैं। बारिश में दुकान में पानी भर जाता है। जबकि हमारे टायर के व्यापार पर 28 परसेंट जीएसटी है। टैक्स देने के बाद भी सुविधाओं का अभाव है। सरकारी विभागों की ओर से क्षेत्र में व्यापारियों को कोई सुविधा नहीं मुहैया कराई जाती है।
सतिन कोहली, बजाज टायर हाउस, टीपी नगर

टीपी नगर में सुविधाओं के नाम पर सिर्फ धोखा है। सड़क इतनी ऊंची कर दी गई है कि वाहनों के आवागमन में परेशानी होती है। टीपी नगर के बड़े क्षेत्र में तो सड़क ही गायब है। दिनभर धूल उड़ती है। बारिश में तो नारकीय हालात हो जाते हैं।
सुनील जैन, जैन तिरपाल एंटरप्राइजेज


सड़कों की ये स्थिति है कि यहां से गुजरने पर वाहन की दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं। जगह-जगह गड्ढे हो रखे हैं। ऊंची-नीची रोड है, टॉयलेट तक की टीपी नगर में प्रॉपर व्यवस्था नहीं है। कारोबारियों को बहुत परेशानी का सामना करना होता है।
महेंद्र पाल सिंह, पंजाब टायर्स

Posted By: Inextlive