साल 2022 में एप्पल ने जब आईफोन 14 से सिम के स्लॉट को खत्म कर दिया तब ये टेलीकॉम इंडस्ट्री में बड़े बदलाव के रूप में देखा गया था. पहले अमेरिका में ई सिम का प्रयोग हुआ. कुछ दिन बाद भारत में भी ई सिम लांच हो गई. आईफोन के लेटेस्ट मॉडल में कई ने तो सिम का स्लॉट खत्म ही कर दिया है. उन फोन में सिर्फ ई सिम ही काम करेंगी. फिलहाल कई अन्य कंपनिया आईओएस के अलावा एंड्रॉइड पर भी ई सिम का फीचर दे रही हैं. टेलीकॉम कंपनियों ने ई सिम के कई फायदे बताए लेकिन अब साइबर ठगों ने ई सिम को ही अपना हथियार बना लिया है. ई सिम एक्टिवेट करके अब लोगों से ठगी की जा रही है. आगरा .ब्यूरो आमतौर पर जब किसी के भी अकाउंट से कोई भी ट्रांजैक्शन होता है. तो बैंक किसी संबंधित व्यक्ति को ट्रांजैक्शन से संबंधित मैसेज करता है. लेकिन आपके खाते से अगर दो दिन तक ट्रांजैक्शन होता रहे और आपको भनक तक नहीं लगे. सुनने में ये कहीं से भी सच सा नहीं लगता कि ऐसा हो भी सकता है. क्योंकि बैंक हर ट्रांजैक्शन की डिटेल या अपडेट कस्टूमर के रजिस्टर्ड मोबाईल नंबर पर सेंड करता है. इसके लिए बैंक चार्ज भी करता है. शहर में एक दवा व्यापारी से के अकाउंट से साइबर अपराधी ई सिम एक्टिवेट कराने के नाम पर दो दिन तक रकम निकालते रहे और व्यापारी को इसकी भनक तक नहीं लगी. मामले में साइबर थाना में मुकदमा दर्ज कराया गया है.

सिम बंद कर की ठगी

अचानक से आपका सिम बंद हो जाए या नेटवर्क आना बंद हो जाएं तो इसको सामान्य ही माना जाएगा कि कंपनी के नेटवर्क की कोई दिक्क्त हो सकती है। इसलिए नेटवर्क आना बंद हो गए। इस दौरान आप का सिम बंद होगा। उधर आपकी दूसरी सिम एक्टिवेट करके साइबर ठग लगातार आपके खाते से पैसा निकालते रहेंगे। आपका सिम बंद है। तो आपको बैंक की तरफ से किसी भी तरह का नोटिफिकेशन नहीं मिलेगा। जब तक आपका सिम एक्टिवेट होगा। तब तक आपके साथ ठगी हो चुकी होगी। शहर में ऐसी ही एक शातिर तरह की साइबर ठगी का मामला आया है।

क्या है ई सिम

ई सिम यानी एंबेडेड सब्सक्राइबर आइडेंटिटी मॉड्यूल एक तरह की डिजिटल सिम है, जिसे डिवाइस में एम्बेड किया जाता है। ये सिम फिजिकल सिम से काफी अलग होता है। इसमें आपको फोन में कोई कार्ड नहीं डालना होता है। बल्कि टेलीकॉम कंपनी ई-सिम को ओवर-द-एयर चालू कर देती है ये फिजिकल सिम कार्ड से काफी अलग है। ई सिम के खोने या चोरी होने का खतरा नहीं होता है। एक ई-सिम पर एक बार में ज्यादा से ज्यादा पांच वर्चुअल सिम कार्ड स्टोर किए जा सकते हैं। अगर किसी भी सिग्नल पर पूरे नेटवर्क नहीं मिल रहें, हो तो यूजर तुरंत नेटवर्क बदल सकते हैं।

इस तरह से की गई ठगी

शहर के ताजगंज निवासी हिमांशु अग्रवाल दवा व्यापारी हैं उनके पास एयरटेल की सिम है। 13 जुलाई को शाम को अचानक से उनके आईफोन में अचानक से नेटवर्क आना बंद हो गए। 14 जुलाई को शनिवार था तो उन्होंने नई सिम 15 जुलाई को एक्टिवेट कराई। 16 जुलाई को जब सिम एक्टिवेट हुई तो उनके मोबाईल पर कई बैंक ट्रांजैक्शन के नोटिफिकेशन आए तब जा कर उनको अपने साथ हुई ठगी की जानकारी हुई। जब इसके संबंध में एयरटेल के कस्टूमर केयर पर कॉन्टेक्ट किया तो पता चला कि 13 जुलाई को उनके नंबर से ई सिम एक्टीवेट की गई थी। फिर इसी सिम से उनके खाते से ऑनलाइन शॉपिंग के लिए ट्रांजैक्शन किया गया।

ये है ठगी का मॉड्यूल

-सबसे पहले साइबर ठग मोबाईल नंबर और अन्य जानकारियां हासिल करते हैं
-फिर संबधित नेटवर्क ऑपरेटर के एप से ई सिम एक्टिवेट करने की रिक्वेस्ट भेजते हैं
-पहले से सामने वाले की जानकारी होती है तो एप से सारे चरण पूरे कर लेते हैं
-इस दौरान कस्टूमर का फिजिकल सिम बंद हो जाता है
-अगर छुट्टी वाला दिन हो एक दिन एक्स्ट्रा सिम बंद रहता है
-इस दौरान साइबर ठग ई सिम एक्टिवेट कर लेते हैं
-एक्टिवेट की गई सिम से ऑनलाइन या ऑफलाइन शॉपिंग करते हैं
-बैंक नोटिफिकेशन भेजता है लेकिन वे ई सिम पर आते हैं क्योंकि फिजिकल सिम बंद हो चुकी होती है
-जब पता लगता है तब तक ठगी हो चुकी होती है


पूरे मामले पर मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है। जांच की जा रही है। इसके अलावा साइबर ठगी के मामलों में जानकारी और जागरूकता का अभाव रहता है। कई बार जानकारी की कमी से भी साइबर ठगी हो जाती है।
पूनम दुबे साइबर थाना प्रभारी

-25 लाख की ठगी हुई दवा व्यापारी से
-2 दिन तक बंद रहा सिम
-20 करोड़ की साइबर ठगी होती है। हर साल शहर में
-38000 करोड़ की रकम फ्र ज कराई थी आगरा पुलिस ने पिछले साल

Posted By: Inextlive