साइबर फ्रॉड के आए दिन नए केस आ रहे हैं. फ्रॉड ठगी करने का तरीका भी समय के अनुसार बदल लेते हैं. यही कारण है कि साइबर फ्रॉड लगातार भोले-भाले लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. इसी तरह का एक मामला शहर के ताजगंज इलाके मेंं सामने आया है इसमें एक रिटायर्ड अधिकारी को डिजिटल अरेस्ट के नाम पर ठगी का शिकार बनाया गया. वहीं एक अन्य बुजुर्ग को निशाना बनाने की कोशिश की गई. हालांकि वो अपनी सूझ-बूझ से इस ठगी से बच गए. शहर में आए दिन सामने आ रहे ठगी के मामलों को देख साइबर सेल ने अलर्ट जारी किया है. लोगों को फेंक कॉल्स से बचने की सलाह दी है.

आगरा। (ब्यूरो) दयालबाग में रहने वाले ललित श्रीवास्तव का बेटा कोटा से नीट की तैयारी कर रहा है। पांच अप्रैल को उनको कॉल आया कि आपके बेटों को एक लड़की के साथ होटल में पकड़ा है। इसके बाद ठगों ने वीडियो कॉल के जरिए अपने अधिकारी से बात कराई। इसके बाद रुपए देकर मामले को निपटाने की बात की गई। इस पर ललित ने अपने बेटे को कॉल किया, तो उसका फोन बंद आया। इससे उनको पूरा यकीन हो गया कि उनका बेटा किसी समस्या में है। उन्होंने तत्काल बताए गए खाते में 35 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए। एक घंटे बाद जब बेटे की क्लास खत्म हुई तो पता चला कि वे एआई पुलिस का शिकार हुए है।


केस2
सूझ-बूझ से दिया जवाब तो ठगी से बचे
ताजगंज में रहने वाले रिटायर्ड अधिकारी हरनाम सिंह के पास पिछले दिनों आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के जरिए एक फेक कॉल की गई। इसमें कहा गया कि उनका बेटा सीबीआई की गिरफ्त में है और उसे बचाने के लिए तुरंत बताए गए स्थान पर पहुंच जाएं। इस कॉल का जवाब देते हुए उन्होंने ठगों से कहा कि बेटे ने गलती की है तो उसे सजा मिलनी चाहिए और जेल भेज दो। दरअसल, वो जानते थे कि उनका बेटा कहां पर है। इस तरह से मिस्टर सिंह ने अपनी सूझबूझ से इन ठगों को जवाब दिया और वे ठगी से बच गए।


केस3
ठगी का शिकार होने से बचे सीएमएस
जिला अस्पताल में साइबर ठगों ने सीएमएस राजेन्द्र अरोरा को फोन कर शिकार बनाने की कोशिश की। साइबर ठगों ने उनके फोन नंबर को हैक कर लोगों को कार्रवाई का हवाला देकर रुपयों की डिमांड की। ये कॉल एक दर्जन से अधिक लोगों को किया गया था। जिन लोगों के पास फोन कॉल्स आए उन्होंने इस संबंध में जानकारी की तो सच्चाई सामने आई। सीएमएस राजेन्द्र अरोरा ने लोगों अलर्ट रहने की सलाह दी है।
इसलिए नहीं हो पाती कार्यवाही
आईटी एक्सपर्ट पुनीत गुनानी के अनुसार ज्यादातर ठग दूसरे प्रदेशों और यहां तक कि विदेश में बैठ कर ठगी करते हैं। इनके द्वारा जारी नंबर और बैंक खाते भी अलग लोगों के होते हैं। जिन्हें जल्दी ही बदल दिया जाता है। दूरी के चलते अधिकतर कार्रवाई में ठीक से जांच नहीं हो पाती है।

समय पर कंप्लेन हो तो हो सकती है रकम वापस
साइबर प्रभारी पुष्पेन्द्र चौधरी ने बताया कि ठगी का शिकार होने पर तत्काल अगर साइबर पुलिस को जानकारी दे दें तो पैसे वापस मिलने के चांस रहते हैं। जब तक ठग के खाते में डिजिटल रूप में पैसा होता है, तब तक साइबर टीम वो पैसा वापस करवा सकती है। टीम सर्विलांस और अन्य तरीकों से आरोपियों को पकडऩे के प्रयास करती है। टीम को और अधिक तेजी से वर्किंग के निर्देश दिए गए हैं। कई मामलों के खुलासे भी पुलिस ने किए हैं।

इन लोगों के खाते में वापस आई रकम
-थाना सदर क्षेत्र में शिल्पी सिंह नामक महिला से उसकी दोस्त का सचिव बनकर तत्काल जरूरत के नाम पर 70 हजार ऐंठने के मामले में पूरी धन वापसी।
- सदर क्षेत्र निवासी प्रवीण साहनी से क्रेडिट कार्ड अपडेट करने के नाम पर एक लाख 35 हजार के ठगी के मामले में 52 हजार वापसी और शेष के लिए इवालेट कंपनियों से पत्राचार जारी है।
- शाहगंज केदारनगर निवासी से गूगल पर एक्सिस बैंक के कस्टमर केयर का नकली नंबर डालकर बातचीत पर ढाई लाख रुपए ऐंठने के प्रकरण में एक लाख की धन वापसी।
-मिलिट्री अस्पताल की लेखा नामक महिला से फोन पर क्रेडिट कार्ड की जानकारी लेकर एक लाख 7 हजार की ठगी के प्रकरण में 50 हजार की वापसी।

फेक कॉल्स से रहें बचकर
हाल ही में इस तरह के केस शहर में सामने आए हैं, कुछ लोग इस जाल में फंस गए तो कुछ लोग अपनी सूझ-बूझ से बच निकले। जिन्होंने समझदारी का परिचय देते हुए पता किया कि उनका बेटा कहां है। इसी तरह की जालसाजी से बचने के लिए एक सप्ताह पूर्व साइबर सेल ने अलर्ट जारी किया था। इसमें बताया गया कि इस तरह का कोई भी कॉल आए तो पहले तो कंफर्म करें कि आपका बच्चा कहां पर है औऱ क्या कर रहा है। इसके बाद जिस नंबर से कॉल आई है उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराएं। सबसे जरूरी बात कि अपनी निजी जानकारी कभी भी किसी के साथ शेयर न करें।

इस नंबर पर कॉल कर लें, हेल्प
अगर किसी शख्स को डिजिटल सेफ्टी को लेकर मदद चाहिए और जानना चाहते हैं कि फेक कॉल्स से सुरक्षित कैसे रहें तो हेल्प लाइन नंबर 8009154444 पर कॉल किया जा सकता है। इस नंबर पर कॉल करने से लोगों को सही जानकारी दी जाएगी।


डिजिटल अरेस्ट, एआई पुलिस को लेकर लोगों को अलर्ट किया गया है कि वे पहले कॉल करने वाले व्यक्ति के बारे में पूरी जानकारी कर लें। इससे ठगी से बचा जा सकता है। आए दिन लोगों को इस तरह के कॉल्स आ रहे हैं। लोगों को सतर्क रहने की जरुरत है।
सोनम कुमार, डीसीपी बेस्ट जोन

Posted By: Inextlive