आगरा में नकली दवा का बाजार, कई राज्यों में फैला कारोबार
आगरा(ब्यूरो)। सहायक आयुक्त औषधि विभाग आगरा एके जैन ने बताया कि मोहित बंसल मामले में हिमाचल के औषधि विभाग से संपर्क किया जा रहा है। मंगलवार को मोहित की फव्वारा स्थित दुकान बंद मिलने पर सीलिंग की कार्रवाई की गई। अभी विभाग द्वारा आगे की सूचना जुटाई जा रही है।
राजौरा बंधुओं ने लगा ली थी पैकिंग मशीन
वर्ष 2021 में राजौरा बंधुओं द्वारा एक्सपायर्ड दवाओं को रीपैकिंग करके बेचने का मामला सामने आया था। आवास विकास कॉलोनी निवासी प्रदीप राजौरा और धीरज राजौरा एक्सपायर और नकली दवाओं को आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, एटा, मैनपुरी, हाथरस, कासगंज और अलीगढ़ में सप्लाई करते थे। उनकी हर जिले में 50-50 लाख रुपए की दवाओं की घपत थी। कमाल की बात तो यह थी राजौरा बंधु नकली दवाओं के जो रैपर तैयार कराते थे, उन पर साल्ट के नाम अपनी मर्जी से कुछ भी लिखवा लेते थे। औषधि विभाग ने नकली दवाओं की सूची तैयार की तो इसका पता लगाया था। इनमें आठ नकली दवाएं ऐसी थीं जिनके तत्व (सॉल्ट) की औषधि निरीक्षकों को भी जानकारी नहीं थी। राजौरा बंधुओं के यहां से मस्तिष्क रोग, पेट रोग, स्त्री रोग, मानसिक रोग, एंटीबॉडीज और दर्द निवारक दवाएं जब्त की गई थीं। राजौरा बंधु मोनोपॉली कंपनियों के यहां से एक्सपायर हो चुकी दवाओं की खरीद कर इनको दोबारा पैक कर बाजार में सप्लाई करते थे। उन्होंने अपने यहां पर दवा पैक करने की मशीन भी लग रखी थी।
नार्कोटिक्स ड्रग्स साइकोट्रोपिक सब्सटेंस ऐक्ट-1985 के तहत दवाओं की ब्रिकी के सख्त नियम हैं। नार्कोटिक्स की दवाओं में नींद की टैबलेट से लेकर दर्द निवारक इंजेक्शन तक हैं। ये शिड्यूल एच में आते हैं। मेडिकल स्टोर संचालक इन दवाओं के खरीददारों का ब्योरा शिड्यूल-एच रजिस्टर में नहीं दर्ज कर रहे हैं फर्जी बिल की दवाओं का भी पकड़ा कारोबार
नारकोटिक्स दवाओं के थोक कारोबारी मेडिकल स्टोर के नाम पर फर्जी बिल बनाकर नार्कोटिक्स दवाओं को नशीली दवाओं का अवैध धंधा करने वालों को अधिक दामों पर बेच देते हैं। नशा करने वाले लोग इन दवाओं को दस गुना से भी अधिक दाम में खरीदते हैं। आगरा में ऐसे छह स्टॉकिस्ट पकड़े जा चुके हैैं।
कुरियर सप्लाई का भी पकड़ा कारोबार
विक्की अरोड़ा गैंग नशीली और नकली दवाओं के अवैध कारोबार के लिए कुरियर एजेंसी की मदद लेता था। कुरियर एजेंसी सामान का बिल काटकर उसकी जगह दवाएं रखकर पहले उसे आगरा से कोलकाता में फर्जी पते पर भेजती थीं। उसके बाद कोलकाता के फर्जी पते से दवाएं पंजाब और हरियाणा में सप्लाई की जाती थीं।
दवा तस्कर नशे की और नकली दवाइयों का आगरा में भंडारण करते हैं। ये दिल्ली, गुडग़ांव, फरीदाबाद जैसी जगहों से लाई जाती हैं। आगरा में गैंग के बड़े गोदाम हैं। ये सिकंदरा, फ्र गंज, बल्केश्वर, यमुना पार में पकड़े जा चुके हैं। यहां से दवाइयों को पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पश्चिमी बंगाल, बिहार, गुजरात में भेजा जाता है डुप्लिकेट पैकेजिंग का भी मामला आया
ड्रग माफिया ब्रांडेड दवाओं की हूबहू पैकिंग पर असली बैच नंबर छपवाते हैं। इस पैकेजिंग में नकली दवाएं बेचने के साथ ब्रांडेड दवाओं की सस्ती जेनेरिक दवाएं पैक करके ब्रांडेड दवाओं के दाम में बेच दी जाती हैं। डुप्लिकेट पैकेजिंग में उसी दवा की जेनेरिक दवा होने के कारण नमूने जांच में फेल नहीं होते
फर्जी फर्म बनाकर भी हो रही थी सप्लाई
आगरा से नशीली दवाएं आटे और दाल की बोरियों में भरकर पंजाब और हरियाणा में आटे और दाल के नाम पर पंजीकृत फर्जी फर्मों पर भेजी जा रही थीं। उन्हीं फर्जी फर्म के आधार पर ई-वे बिल तैयार कराए जाते थे। आगरा में जीएसटी विभाग ने ऐसी ही तीन फर्मों को पकड़ा। फल और ड्राइ फ्र ट के थैलों में भी दवाएं भेजी जाती थीं।
सरकारी दवाओं को भी नहीं छोड़ा
आगरा के गुलाब खान, काला महल निवासी अनिल करीरा देश भर से सरकारी अस्पतालों में सप्लाई होने वाली दवाएं, सैंपल की दवाएं का अवैध ढंग से जयपुरिया गैंग के लिए इंतजाम करता था। उन दवाओं की मुहर और लेवल को हटाकर उन पर मनमाना दाम लिखकर ग्रामीण इलाकों में बेच दिया जाता था
नकली दवाओं से बचने के लिए यह करें
जब आगरा ही नकली व अवैध दवाओं का हब बन गया है। यहां से देश के कई राज्यों तक इन दवाओं की सप्लाई का मामले सामने आ चुके हैैं। ब्रांडेड कंपनियों की दवाओं की नकली दवाएं भी जब्त की गई हैैं। ऐसे में आगराइट्स नकली दवाओं से बचने के लिए क्या करें? यह बाद दैनिक जागरण-आईनेक्स्ट ने सहायक औषधि आयुक्त एके जैन से पूछा तो उन्होंने कहा कि दवाओं की पाइरेसी या नकली दवाओं से बचना है तो सबसे पहले दवाएं खरीदने पर बिल लेना सुनिश्चित करें। यदि आप पक्के बिल की दवाएं ले रहे हैैं तो यह नकली नहीं होंगी।
मोहित बंसल मामले में हिमाचल के औषधि विभाग से संपर्क किया जा रहा है। नकली दवाओं से बचने के लिए दवाएं खरीदते वक्त यह ध्यान रखें कि बिल जरूर लें। यदि आप बिल साथ में लेते हैैं तो नकली दवाओं से बच सकते हैैं।
- एके जैन, सहायक औषधि आयुक्त
26 जुलाई, 2020 को पंजाब की बरनाला पुलिस ने 11 राज्यों में नशा तस्करी करने वाले ''आगरा गैंग का भंडाफोड़ किया।
29 जुलाई, 2020 को पंजाब पुलिस ने आगरा गैंग से जुड़े नशे की दवाओं की तस्करी के मास्टरमाइंड हरीश भाटिया को पश्चिमी बंगाल से गिरफ्तार किया। आगरा में विक्की अरोड़ा के अवैध गोदाम से 12 करोड़ रुपए की दवाएं बरामद
16 अगस्त, 2020 को एसटीएफ ने आगरा से सिकंदरा इलाके से 70 लाख रुपए की कीमत के फेन्सीड्रिल कफ सिरप को अवैध ढंग से सिलिगुड़ी ले जा रहे ट्रक को आजमगढ़ में पकड़ा।
10 दिसंबर, 2020 को औषधि प्रशासन विभाग ने आगरा में गोगिया मार्केट फव्वारा में दो दवा की बड़ी दुकानों पर छापा मारकर करीब 35 करोड़ रुपए की गर्भपात किटों के अवैध धंधे का खुलासा किया।
15 दिसंबर, 2020 को पंजाब की अमृतसर पुलिस ने थाना कत्थूनंगल क्षेत्र से तीन नशा तस्करों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 40 लाख रुपए की कीमत वाली तीन लाख 46 हजार नशीली गोलियां बरामद की थीं। उन्हें आगरा गैंग बना रहा था
19 दिसंबर, 2020 को दिल्ली के नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और आगरा ड्रग विभाग ने आगरा के बल्केश्वर में इंटरस्टेट ड्रग तस्कर पंकज गुप्ता के गोदाम में छापा मारकर पांच करोड़ रुपए की नशे की दवाइयां और गर्भपात किट बरामद किया। 21 जनवरी, 2021 को न्यू आगरा के एसएस डिग्री कॉलेज में दवाओं का अवैध गोदाम पकड़ा गया। वहां गल्र्स रूम के बाथरूम से करीब 10 लाख रुपए से अधिक की दवाएं पाई गईं थीं।
14 फरवरी, 2021 को नौ राज्यों में दवा की तस्करी करने वाले पंकज गुप्ता को खंदारी इलाके से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।