सहूलियत न बन जाए मुसीबत
आगरा। संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट-2019 को सरकार की तरफ से लागू किए जान के बाद ट्रैफिक नियम काफी सख्त हो गए हैं। बावजूद इसके स्कूली बच्चे शहर की सड़कों पर ट्रैफिक नियमों की अनदेखी कर दो पहिया वाहन से फर्राटा भर रहे हैं। मंगलवार को कई स्कूलों के बाहर छात्र बाइक और स्कूटी पर बिना हेलमेट के स्कूल जाते नजर आए।
जुर्माना और जेल का है प्रावधानसंशोधित मोटर व्हीकल एक्ट में नाबालिग के वाहन चलाने पर जुर्माने के साथ-साथ जेल की सजा का भी प्रावधान किया गया है। अगर कोई नाबालिग वाहन चलाते पकड़ा जाता है, तो वाहन स्वामी को इसका खामियाजा भुगतना होगा। इसमें नाबालिग के गाड़ी चलाने पर 25 हजार रुपए तक का जुर्माना का प्रावधान है। गाड़ी का रजिस्ट्रेशन भी रद्द कर दिया जाएगा।
सख्त किए ट्रैफिक रूल्स
एआरटीओ प्रशासन एके सिंह ने बताया कि ट्रैफिक रूल्स को पहले से और सख्त किया गया है। जिसके अंतर्गत नाबालिगों के लिए पहले 50 सीसी के वाहन को चलाने की अनुमति थी। लेकिन मौजूदा समय में कोई भी वाहन 50 सीसी का नहीं है। ऐसे में प्रावधान को रिजेक्ट कर 18 वर्ष कर दिया गया है।
नाबालिग बच्चे को गाड़ी नहीं देना पेरेंट्स की जिम्मेदारी है। अगर पेरेंट्स पेरेंट्स इस बात का ध्यान रखेंगे तो उनके बच्चे भी सुरक्षित रहेंगे। जिनसे वाहन चलाते समय दिक्कत हो सकती है। अप्सा के सभी स्कूल्स के बच्चे रूल्स को फॉलो करते हैं।
डॉ। सुशील गुप्ता, अध्यक्ष अप्सा
छोटे बच्चों को वाहन नहीं देने चाहिए। इससे अक्सर दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। पेरेंट्स को इस संबंध में बताया गया है कि वाहन को चलाते समय ट्रैफिक रूल्स को फॉलो करें। साथ ही बच्चों की भी इसकी जानकारी दें, अगर वह 18 वर्ष से अधिक हैं तो।
डॉ। गिरधर शर्मा, सचिव अप्सा
50 सीसी के वाहनों का अब कोई भी कंपनी प्रोडक्शन नहीं कर रही है। ऐसे में 16 वर्ष के टीनएजर्स के लिए बनने वाले ड्राइविंग लाइसेंस को रिजेक्ट कर दिया गया है। इस संबंध में आदेश जारी किया गया है। अब 18 वर्ष तक के टीनएजर्स ही लाइसेंस के लिए पात्र हैं। बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
एके सिंह, आरटीओ