आगरा: मध्य प्रदेश और राजस्थान में लगातार हो रही बरसात से नदियां उफान पर हैं. चंबल पार्वती उटंगन और किवाड़ नदी शुक्रवार को उफना गईं. बाह तहसील के चार गांवों का संपर्क टूट गया. सड़कों पर पांच फीट पानी भरने से बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई है. 29 साल के बाद पार्वती नदी में बाढ़ आई. इससे सैंया के नगला बेरिया गांव को खाली करा लिया गया है. किवाड़ नदी में बाढ़ आने से जगनेर ब्लाक के देवरी जलालपुर का संपर्क टूट गया है. सड़क पर चार फीट पानी भर गया है.

चंबल नदी का जलस्तर 128 मीटर पहुंचा

बाह क्षेत्र में चंबल नदी के खतरे का निशान 132 मीटर है। शुक्रवार को जलस्तर 128 मीटर पहुंच गया। गोहरा, रानीपुरा, भटपुरा, गुढ़ा गांव का संपर्क तहसील मुख्यालय से कट गया है। इन गांवों की बिजली को भी काट दिया गया है। झरनापुरा, डालपुरा, कछियारा, पुरा भगवान, रेहा, बरेंडा गांवों की 200 बीघा से अधिक फसल जलमग्न हो गई। उटंगन नदी में राजस्थान से 1.38 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इससे पिनाहट और बाह के 25 गांवों को सतर्क कर दिया गया है। सीयपुरा, मनौना, सेरब, अरनौटा, कांकर खेड़ा, मानिकपुरा, पिढौरा में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। नदी पिढ़ौरा में यमुना नदी में मिलती है। यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। बटेश्वर, मई, काङ्क्षलजर, बुढैरा, भरतार, कल्याणपुर, विक्रमपुर, सुंसार, नगला सुरई, रामपुर चंद्र सैनी, बिठौली, रीठई, बलाई, गगन की, कचौरा घाट, खिलावली के ग्रामीणों की नींद उड़ गई है।

600 बीघा फसल जलमग्न

उटंगन नदी में बाढ़ के चलते खेरागढ़ क्षेत्र के कुल्हाड़ा,नगला विष्णु,डांडा सहित दर्जनभर गांवों की 600 बीघा फसल जलमग्न हो गई है। इन गांवों का तहसील मुख्यालय से संपर्क पहले ही टूट चुका है। झिनझिन पुलिया से निकलना कठिन हो गया है। वहीं दो दिन से बिजली भी नहीं आ रही है। किवाड़ नदी में उफान आने से जगनेर ब्लाक मुख्यालय का देवरी जलालपुर से संपर्क टूट गया है। आसपास के गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। बाड़ी राजस्थान के आंगई बांध के सभी गेट खोलने से पार्वती नदी में बाढ़ आ गई। सैंया क्षेत्र के नगला बेरिया में दो फीट पानी भर गया। सामान और पशुओं को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया। दोपहर एक बजे प्रशासन ने 71 परिवारों को सुरक्षित स्थल पर पहुंचाया। अधिकांश ग्रामीण रिश्तेदारों के यहां चले गए हैं। आरसी शर्मा डिग्री कॉलेज में शेल्टर होम बनाया गया है।

Posted By: Inextlive