शहर में चार दिनों से डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन और सफाई व्यवस्था ठप पड़ी हुई है. कूड़ा न उठने से आसपास के एरिया में दुर्गंध उठने लगी है. इससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. 100 में से 38 वार्डों में कूड़ा नहीं उठ पा रहा है. इसमेें लोहामंडी हरीपर्वत और छत्ता जोन ज्यादा प्रभावित है. बता दें कि शहर में स्वच्छ कॉरपोरेशन कंपनी डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन का काम कर रही है. पिछले दिनों एक महिला की सर्प के काट लेने से मौत हो गई थी. उसके बाद आउट सोर्सिंग के कर्मचारी एमपी चले गए.

आगरा। शहर में कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था ठप होने के बाद नगर निगम के पास कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है। इसके चलते डलावघरों पर कूड़ा पड़ा हुआ है। इसमेें लोहामंडी, हरीपर्वत और छत्ता जोन के एरिया में सबसे ज्यादा वार्ड प्रभावित हैं। इसमें शाहगंज, लोहामंडी, हरीपर्वत, अलबतिया, गढ़ी भदौरिया, आजमपाड़ा, आवास विकास कॉलोनी, जयपुर हाउस, रामनगर, खतैना, राज नगर, घास की मंडी, भोगीपुरा, राहलु नगर, बोदला, जगदीशपुरा, नगला पदी आदि एरिया में कूड़ा कलेक्शन नहीं हो पा रहा है। इस बारे में अपर नगर आयुक्त सुरेन्द्र प्रसाद यादव ने बताया कि इस बारे में कंपनी के प्रतिनिधियों से बात की गई है। जल्द ही दूसरी जगह से सफाईकर्मी आगरा में भेजे जाएंगे।


ये की गई थी व्यवस्था
कूड़े को अलग-अलग करने के लिए 121 वाहन लगाए गए थे। इसके अलावा 1500 पैंडल ट्राई साइकिल बिद बिंस भी लगाए गए।

कूड़ा प्रबंधन पर एक नजर
ये हैं ट्रांसफर स्टेशन
स्थान क्षमता
राजनगर लोहामंडी 10.5 घनमी।
पुरानी मंडी ताजगंज 10.5 घनमी।
ताज पूर्वी गेट 10.5 घनमी।
संजय प्लेस 10.5 घनमी।
ट्रांसपोर्ट नगर 10.5 घनमी।
ट्रांसपोर्ट नगर आईएसबीटी के पीछे 18 घनमी

- शहर में है 173 डलाबघर
- 38 को किया जा चुका है खत्म
- 200 अस्थायी डलाबघर

सिटी में ये है डलाबघरों की स्थिति
जोन का नाम डलाबघरों की संख्या
लोहामंडी 50
छत्ता 52
हरीपर्वत 39
ताजगंज 25
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इसमें हरीपर्वत जोन सबसे छोटा है। इसमें 21 वार्ड आते हैं। इससे बड़ा ताजगंज जोन है। इसमें 23 वार्ड आते हैं। इससे बड़ा जोन लोहामंडी है। इसमें 26 वार्ड शामिल हैं। शहर का सबसे बड़ा वार्ड छत्ता है। इसमें 30 वार्ड हैं। इसमें चार जोन में 845 बीट हैं।

Posted By: Inextlive