आगरा. नगर निगम प्रशासन पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दे रहा है. अब मृत पशुओं को दफन नहीं किया जाएगा बल्कि शवों के निस्तारण के लिए प्लांट लगाने जा रहा है. साढ़े छह करोड़ रुपए से छलेसर में प्लांट का निर्माण शुरू हो गया है. यह कार्य तीन से चार माह में पूरा हो जाएगा. यह आगरा मंडल का पहला प्लांट होगा. निगम प्रशासन जरूरत पडऩे पर नगर पंचायतों और नगर पालिका परिषदों में मृत पशुओं के निस्तारण में मदद करेगा.

रोज 40 मतृ पशुओं का होता है उठान
नगर निगम के सौ वार्डों से हर दिन 40 मृत पशुओं का उठान किया जाता है। इसमें सरकारी व निजी गोशाला भी शामिल हैं। नगर निगम के पशुपालन विभाग में हर दिन एक से दो शिकायतें पहुंचती हैं। मृत पशुओं के उठान के लिए चार गाडिय़ां हैं। ढाई दशक से निगम प्रशासन छलेसर में मृत पशुओं को दफन करता है। इसके लिए जेसीबी की मदद ली जाती है। मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डॉ। अजय ङ्क्षसह ने बताया कि मृत पशुओं के निस्तारण के प्लांट की क्षमता 100 की है। हर दिन 100 पशुओं का निस्तारण किया जाएगा। पशुओं की हड्डियों से मुर्गियों का दाना तैयार होगा, जबकि फैट को अलग किया जाएगा। दाना की आपूर्ति मुर्गी पालन केंद्रों और फैट की फैक्ट्रियों में की जाएगी। मंडल का यह पहला प्लांट है।
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मथुरा और फिरोजाबाद की भी मदद
नगर निगम प्रशासन आगरा मथुरा और फिरोजाबाद की भी मदद करेगा। अगर इन दोनों निगम से मृत पशु लाए जाते हैं, तो उनका निस्तारण किया जाएगा। वहीं जिले की सात नगर पंचायतों और पांच नगर पालिका परिषदों, जिला पंचायत को भी इस दायरे में लाया जा सकता है।


मृत पशुओं के निस्तारण के प्लांट की क्षमता 100 की है। हर दिन 100 पशुओं का निस्तारण किया जाएगा। पशुओं की हड्डियों से मुर्गियों का दाना तैयार होगा, जबकि फैट को अलग किया जाएगा।
डॉ। अजय ङ्क्षसह, मुख्य पशुचिकित्साधिकारी

Posted By: Inextlive