देश को जी-20 की मेजबानी मिलने के साथ ही शहर को संवारने की तैयारी जारी है. विश्वदाय स्मारक ताजमहल पर व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है. सोमवार को जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल और आईजी सीआईएसएफ आलोक कुमार ने संयुक्त रूप से ताजमहल का भ्रमण किया और अधिकारियों के साथ बैठक कर व्यवस्थाओं के बारे में चर्चा की. इस दौरान ताज पर बंदरों के आतंक का मुद्दा भी उठा. कैमरे और अन्य सिक्योरिटी इंफ्रास्ट्रक्चर को किस तरह बंदरों से सुरक्षित रखा जाए. स्मारक से बंदरों को किस तरह दूर किया जाए आदि बिन्दुओं भी चर्चा के साथ आला अधिकारियों ने दिशा-निर्देश जारी किए.

आगरा(ब्यूरो) । ताजमहल के रेड जोन (स्मारक परिसर) में सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा सीआईएसएफ द्वारा संभाला जाता है। सीआईएसएफ के आईजी आलोक कुमार सोमवार सुबह 10:30 बजे ताजमहल पहुंचे। उन्होंने स्मारक के पूर्वी व पश्चिमी द्वार पर पर्यटकों की सुरक्षा और जांच प्रक्रिया को देखा। सीआईएसएफ के ड्यूटी प्वॉइंट््स का निरीक्षण किया। ताजमहल के दक्षिणी गेट और दक्षिणी दीवार से सटे ऊंचे मकानों पर विशेष निगाह रखने को कहा।

पर्यटकों से करें सौम्य व्यवहार
ड्रोन कैमरों की उड़ान पर भी ध्यान रखने के निर्देश दिए। ताजमहल पर पर्यटकों द्वारा पूर्व में शूङ्क्षटग के लिए ड्रोन उड़ाए जाते रहे हैं। जिला प्रशासन ने अपने स्तर से ड्रोन की उड़ान को प्रतिबंधित कर रखा है। सीआईएसएफ द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे बॉडी वार्न कैमरों व सीसीटीवी कैमरों के बारे में भी उन्होंने जानकारी जुटाई। इसके बाद आईजी ने जी-20 देशों के प्रतिनिधियों की ताजमहल की विजिट को देखते हुए सीआईएसएफ के जवानों को अत्यंत सतर्क रहने को कहा। भीड़ प्रबंधन को पर्यटकों के साथ अच्छा व्यवहार करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी को अधीक्षण पुरातत्व राजकुमार पटेल ने बताया कि ताज महल में ऑनलाइन टिकट व्यवस्था को और दुरस्त किया जा रहा है। इससे पर्यटकों को अव्यवस्था का सामना न करना पड़े।

सिक्योरिटी अलार्म भी लगाए जा रहे
निरीक्षण के बाद अधिकारियों ने बैठक की। इसमें एएसआई अधिकारियों ने बताया कि ताज परिसर में विशेष उच्च क्वॉलिटी के सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं ताकि बंदर इन्हें खराब न कर पाएं, इसलिए विशेष केबल इस्तेमाल की जा रही है। इसके साथ ही जगह-जगह सुरक्षा अलार्म लगाए जा रहे हैं। अलार्म बजाते ही सेकेंड में मौके पर सीआईएसएफ और पुरातत्व विभाग की टीम मदद को पहुंचेगी। बंदरों को पकडऩे के लिए टेंडर जारी होने जा रहा है।

ड्रोन से रखी जाएगी नजर
पुलिस विभाग ने बताया कि ताजमहल पर सूचना के 5 मिनट के अंदर फायर ब्रिगेड पहुंचने की व्यवस्था है और इसे और सुदृढ़ किया जा रहा है। परिसर के बाहर के क्षेत्र में खराब पड़े कैमरों को दुरुस्त किया जा रहा है। वीआईपी विजिट के दौरान ड्रोन कैमरों से सुरक्षा के लिए निगरानी की जाएगी।

हर गेट पर हो मेडिकल फैसिलिटी
बैठक में जिलाधिकारी नवनीत चहल ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि ताजमहल के तीनों गेटों पर मेडिकल स्टाफ और एंबुलेंस हर वक्त मौजूद रहे। साथ ही आसपास किसी तरह की अवैध व्यवसायिक गतिविधि और लपका गिरी न हो पाए। बैठक में पुलिस उपायुक्त विकास कुमार, अधीक्षण पुरातत्वविद् डॉ। राजकुमार पटेल, सीआईएसएफ कमांडेंट राहुल यादव, सहायक अधीक्षण पुरातत्व अभियंता अमरनाथ गुप्ता, ताजमहल के वरिष्ठ संरक्षण सहायक ङ्क्षप्रस वाजपेयी मौजूद रहे।

सिर्फ मेहमान को ही बंदरों से खतरा
जी-20 प्रतिनिधिमंडल की अगवानी को लेकर आला अधिकारी विशेष सतर्कता बरत रहे हैं। निरीक्षण करने के साथ अधीनस्थों को दिशा-निर्देश दे रहे हैं। बंदरों को पकडऩे के लिए भी नगर निगम अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। लेकिन बड़ा सवाल है कि विदेशी मेहमानों को ही बंदरों से खतरा है, जबकि हाल ही में स्मारक में बंदरों के हमले की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। शहर के विभिन्न क्षेत्रों में भी बंदरों का आतंक है। बावजूद इसके न तो प्रशासन और न ही संबंधित विभाग ने कोई ठोस पहल की। अब जी-20 प्रतिनिधिमंडल की अगवानी को लेकर एक बार फिर बंदरों के आतंक से छुटकारा दिलाने का मुद्दा छाया हुआ है।

ताज में व्यवस्था से जुड़े विभिन्न बिन्दुओं पर संबंधित विभाग के अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की गई। ताज के तीनों गेटों पर मेडिकल स्टाफ और एंबुलेंस की प्रॉपर व्यवस्था के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है। पर्यटकों के लिए सुविधाएं और किस तरह बेहतर की जा सकती हैं, इसको लेकर बैठक में चर्चा की गई।
नवनीत सिंह चहल, डीएम

ताज पर व्यवस्थाएं
- 500 मीटर के दायरे में येलो जोन
- 30 हजार टूरिस्ट औसतन रोज आते हैं
- 01 हजार से पुलिसकर्मी सुरक्षा में रहते हैं तैनात
- 06 एएसआई कर्मचारियों की टीम बंदर भगाने के लिए तैनात

Posted By: Inextlive