सावधान: जानलेवा हो सकता बैक्टीरियल डायरिया
आगरा (ब्यूरो)। गर्मी में बैक्टीरियल डायरिया के अधिक मामले सामने आते हैं। एसएन मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में बुधवार को बच्चों में यह परेशानी अधिक देखने को मिली। चिकित्सकों के मुताबिक अगर समय पर उपचार न मिले तो इससे जान पर भी बन सकती है। वहीं सीएमओ स्तर से बुधवार को सघन दस्त नियंत्रण कार्यक्रम शुरू किया गया।
डायरिया के बच्चों लक्षणदस्त रोग या डायरिया बच्चों की मौत के प्रमुख कारणों में एक है। गर्मी में यह बीमारी अधिक होती है। इसके प्रमुख कारणों में दूषित पेयजल, स्वच्छता की कमी, शौचालय के अभाव आदि हैं। डायरिया होने पर थकान, उल्टी, पेट में दर्द आदि समस्या भी हो सकती है। इसके कारण बच्चे कुपोषण का शिकार भी हो सकते हैं।
बच्चों को बचाने के उपाय
वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ। नीरज यादव ने बताया कि गर्मी में बच्चों में खासकर शिशुओं में बैक्टीरियल डायरिया के मामले बढ़ जाते हैं। ऐसे में उनका ध्यान रखने की विशेष आवश्यकता है। अगर बच्चे को उल्टी के साथ ब्लड भी आ रहा तो तुरंत डॉक्टर्स के सलाह लें। सामान्य डायरिया बच्चों में दो से चार दिन में ठीक हो जाता है, लेकिन बैक्टीरियल डायरिया जान लेवा साबित हो सकता है।
बैक्टीरियल डायरिया से बचने के उपाय
-शिशुओं को गर्मी से बचाएं
-उन्हें स्तनपान ही कराना चाहिए
-मजबूरी में ऊपर का दूध पिलाना पड़े तो कटोरी या स्टील के चम्मच का इस्तेमाल करना चाहिए।
-साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
-शिशु को दूध पिला रहीं माताएं भी पौष्टिक भोजन करें।
-बड़े बच्चों को बाहर का तला-भूना भोजन न दें, काफी समय पहले कटे फल न दें।
-नारियल पानी, बेल का शर्बत, म_ा, बेल का शर्बत, दाल का पानी, शिकंजी और चावल का मांड आदि दें।
-परेशानी बढऩे पर तत्काल बाल रोग विशेषज्ञ को दिखाएं।
सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा शुरू सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा शुरूहो गया। यह 22 जून तक चलेगा। पुलिस लाइन स्थित हेल्थ पोस्ट से सीएमओ डॉ। अरुण श्रीवास्तव इस संबंध में अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए हैं। इसके अंतर्गत पांच साल तक के बच्चों को डोर-टू-डोर ओआरएस (ओरल रिहाइड्रेशन साल्ट) का पैकेट व जिंक की गोली का वितरित की जाएंगी। ताकि निर्जलीकरण की स्थिति में घर में ही तत्काल ओआरएस व जिंक टैबलेट दी जा सके। यह कार्य आशा कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्र में करेंगीं।
गर्मी में शिशुओं में बैक्टीरियल डायरिया से बचाव करना होगा। उनका ध्यान रखने की आवश्यकता है। बच्चों को उल्टी के साथ ब्लड भी आ रहा है तो तत्काल डॉक्टर्स की सलाह लें।
डॉ। नीरज यादव, बाल रोग विशेषज्ञ