कई बार आपके बच्चे को थकावट रहना कमजोरी होना खून की कमी जैसे लक्षण सामने आने लगते हैैं. यह बच्चे के पेट में कीड़े होने का संकेत हो सकते हैैं. इससे बचने के लिए साल में दो बार कृमि मुक्ति दवा खिलाना जरूरी है. इससे बच्चे को संक्रमण नहीं होगा और उसके शारीरिक व मानसिक विकास में बाधा नहीं आएगी.



आगरा(ब्यूरो)। यह बातें चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ। अरुण श्रीवास्तव ने गुरुवार को गढ़ी भदौरिया स्थित श्रीमती वैजयंती देवी इंटर कॉलेज में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस अभियान का शुभारंभ करते हुए कहीं। सीएमओ की मौजूदगी में कॉलेज में 786 स्टूडेंट्स को एल्बेंडाजोल की दवा खिलाई गई। जिले के सभी ब्लॉक के 5070 स्कूलों और 3007 आंगनबाड़ी केंद्रों पर एक से 19 वर्ष आयु वर्ग के लाभार्थियों को एल्बेंडाजोल की दवा खिलाई गई। सीएमओ ने बताया कि बच्चों में स्वस्थ आदतों का विकास करके उन्हें कृमि से बचाया जा सकता है। शरीर में कृमि संक्रमण के कारण खून की कमी, कुपोषण, थकावट व बीमारी एवं कमजोरी की दिक्कत हो जाती है। इससे बचाव के लिए प्रत्येक छह माह में खिलाई जाने वाली दवा पूरी तरह से सुरक्षित है। इसी क्रम में एक फरवरी को दवा खिलाई गई है। अभियान में किसी कारण दवा न खाने वाले लाभार्थियों के अभिभावक, उनसे जुड़े शिक्षक और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उन्हें पांच फरवरी को मॉप अप राउंड के दौरान इस दवा का सेवन अवश्य करवा दें।

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ। संजीव बर्मन ने बताया कि इस अभियान में एवीडेंस एक्शन संस्था के जिला समन्वयक शाहिद खान सहयोग कर रहे हैं। अभियान के दौरान करीब 20 लाख लाभार्थियों को दवा खिलाने का लक्ष्य है। पिछले साल चले अभियान में 96 फीसदी लाभार्थियों को दवा खिलाई गयी थी। इस मौके पर नेशनल हेल्थ मिशन के जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक डॉ। विजय सिंह, लोहामंडी द्वितीय शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ। सुमन श्रीवास्तव, आरबीएसके के डीईआइसी मैनेजर रमाकांत शर्मा, एविडेंस एक्शन इंडिया संस्था के जिला समन्वयक शाहिद खान, कॉलेज के प्रिंसिपल नितेश शर्मा समेत कॉलेज का समस्त स्टाफ मौजूद रहा। कृमि संक्रमण से बचाव के छह उपाय-नाखून साफ और छोटे रखें-खाना ढक कर रखें-खाने से पहले और शौचालय का इस्तेमाल करने के बाद साबुन पानी से हाथ धोएं-जब भी बाहर निकलें जूते पहनें-पीने के लिए साफ पानी का इस्तेमाल करें-हमेशा शौचालय का इस्तेमाल करें, खुले में शौच न करें-आसपास साफ सफाई रखेंनोडल अधिकारी ने बताया कि गंभीर कृमि संक्रमण से दस्त, पेट में दर्द, कमजोरी, उल्टी और भूख न लगने जैसे लक्षण उत्पन्न हो सकते हैैं। इससे बचाव के लिए साल में दो बार अभियान के दौरान बच्चों को एल्बेंडाजोल की दवा अवश्य खिलाएं।- डॉ। अरुण श्रीवास्तव, सीएमओ

Posted By: Inextlive