campaign: प्याऊ न हों तो कंठ भी तर न हों
आगरा(ब्यूरो)। आईएसबीटी परिसर में एंट्री करते ही किनारे से एक दुकान बनी हुई है। जिस पर पेठा से लेकर नमकीन और कोल्ड ड्रिंक से लेकर बिस्किट तक रखा हुआ था। दुकान में एक किनारे में आरओ सिस्टम लगा रखा है। बाहर रेट लिखी हुई हैं। इसमें एक लीटर पानी के लिए पांच रुपए देना होता है। दो लीटर पानी के लिए 10 रुपए देने होते हैं। दुकान से बोतल में भरकर पानी मिल जाता है। आईएसबीटी परिसर में टॉयलेट के पास वॉटर कूलर लगा है। इस आरओ से कनेक्ट किया गया है। लेकिन ये वॉटर कूलर भी किसी सामाजिक संस्था के सहयोग से लगाया गया है। संस्था का नाम वॉटर कूलर पर लिखा हुआ है।
गायब हो गए हैंडपंप
सिर्फ आईएसबीटी ही नहीं, बल्कि शहर के अधिकतर पब्लिक एरियाज पर पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। कोई चौराहा हो या फिर बाजार आपको पीने के लिए पानी की बोतल खरीदनी पड़ेगी। गर्मी में सामाजिक संस्थाओं की ओर से प्याऊ सेवा शुरू करा दी जाती है। जिससे राहगीरों को काफी हद तक राहत मिलती है। राजामंडी बाजार के व्यापारी प्रमोद ने बताया कि पहले हैंडपंप लगे हुए थे। राहगीरों के साथ दुकानदार भी इसी से पानी पीते थे। लेकिन जमीन के नीचे का पानी तेजी से सूखता गया। ये हैंडपंप गायब हो गए। अब तो पानी खरीदकर लाना पड़ता है या फिर प्याऊ से लाना पड़ता है।
शहर के सबसे बड़े मेडिकल हब एसएन मेडिकल कॉलेज में रोज दो से ढाई हजार लोगों का फुटफॉल रहता है। बड़ी संख्या में यहां मरीज एडमिट रहते हैं। उनके तीमारदार भी पानी के लिए भटकते हैं। मेडिकल कॉलेज प्रशासन की ओर से वॉटर कूलर लगवाने का दावा किया गया लेकिन मेडिकल कॉलेज में भीड़ के सामने वह नाकाफी साबित होता है। 20 रुपए की पानी की बोतल खरीदने को होते हैं मजबूर
05 रुपए का एक लीटर बेचा जाता है आईएसबीटी पर आरओ वॉटर
2 हजार टीडीएस तक पानी
शहर ओवरएक्सप्लॉइटेड कंडीशन में है। ऐसे में यहां ग्राउंड वाटर की क्वॉलिटी भी बदहाल है। कई एरियाज में ग्राउंड वाटर का टीडीएस दो हजार से ढाई हजार तक है। इस पानी को किसी भी स्थिति में पीना सेहत के लिए ठीक नहीं है। वहीं आरओ से निकलने वाले पानी का टीडीएस 100 से 300 के बीच में होता है।
शहर में पब्लिक प्लेसेज पर पानी पीने के लिए जेब ढीली करनी पड़ती है। 20 रुपए खर्च कर पानी की बोतल खरीदनी पड़ती है।
दिनेश
रवि
मैं अधिकतर ट्रेवल करता हूं। शहर में बस स्टैंड से लेकर अन्य पब्लिक प्लेस पर पानी पीने के लिए आपको रुपए खर्च करने होते हैं। जबकि ये तो बेसिक नीड है। आसानी से और फ्री में अवेलेबल होनी चाहिए।
भीकम सिंह
ग्राउंड वाटर से पानी की जगह नमक निकलता है। उसे तो पिया ही नहीं जा सकता। ऐसे में आरओ वाटर प्लांट का सहारा लेना पड़ता है। वहीं से पानी खरीदकर पीना पड़ता है।
नरेश
इस तरह होना चाहिए टीडीएस
पानी का टीडीएस ड्रिकिंग वाटर की स्थिति
50-150 पीने के लिए उच्च क्वॉलिटी
150-250 अच्छा
250-300 पानी पिया जा सकता है
300-350 खराब, पीने के लिए ठीक नहीं
1200 से ऊपर अनअसेप्टेबल
पालीवाल पार्क में नहीं मिलता ठंडा पानी
आगरा. पालीवाल पार्क में भीषण गर्मी में ठंडा पानी के लिए परेशान होना पड़ता है। वाटर कूलर मशीन खराब पड़ी है। लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कुछ इसी तरह की शिकायत उद्यान समिति के सदस्यों ने कमिश्नर रितु माहेश्वरी से की। उद्यान विकास समिति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कमिश्नर ने निर्देश दिए कि तत्काल ही वाटर कूलर की मशीन ठीक कराई जाए। अनुबंधित होने के बावजूद वाटर कूलर का सही से रखरखाव न करने पर संबंधित एजेंसी को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए।
आगरा। संस्था संवेदना की ओर से शहर में राहगीरों की फ्री जल सेवा देने के लिए 36 स्थानों पर व्यवस्था की गई है। संस्था के अध्यक्ष नितेश अग्रवाल ने बताया कि 20 टंकी 12 महीने फ्री जल सेवा करती हैं। गर्मियों में 15 टंकी और बढ़ा दी जाती हैं। एक टंकी वाटर कूलर भी लगाया गया है। जलसेवा प्रभारी संजय अग्रवाल ने बताया कि ये सेवा बिल्कुल फ्री है। हमारा उद्देश्य है कि कोई भी व्यक्ति प्यासा न रहे। इंसान भूखा रह सकता है, लेकिन प्यासा नहीं। यहां है निशुल्क जल सेवा खाटू श्याम मंदिर जीवनी मंडी, हेमेंद्र अग्रवाल मातंगी टावर हींग की मंडी, साईं मंदिर कमला नगर, मां चामुंडा बेलनगंज आदि स्थानों पर।