अभियान: सड़क से संसद तक गूंज, पर नहीं मिला स्टेडियम
आगरा(ब्यूरो)। जानकारों की मानें तो ताजनगरी में इंटरनेशनल स्टेडियम की मांग वर्ष 2004 से की जा रही है। तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व। मुलायम सिंह यादव से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तक के कार्यकाल में इसके लिए फाइल तैयार की गई। प्रस्ताव फाइल से बाहर नहीं निकल सका। खेल संगठन और खिलाड़ी इसकी माग उठाते रहे, लेकिन बात नहीं बन सकी।
थीम पार्क की जमीन का प्रस्तावगत वर्षों में थीम पार्क को एडीए द्वारा रहनकला में अधिग्रहीत की गई जगह में से 80 एकड़ जमीन पर इंटरनेशनल स्टेडियम और स्पोट्र्स कॉलेज बनाने का प्रस्ताव तैयार हुआ। करीब 600 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट में क्रिकेट स्टेडियम, हॉकी का एस्ट्रो टर्फ, एथलेटिक्स ग्राउंड, स्वीमिंग पूल, मल्टीपरपज हॉल, फिजियोथेरेपी सेंटर, ऑडिटोरियम, क्लास रूम, एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक आदि बनने थे। यह प्रस्ताव स्थानीय स्तर से आगे नहीं बढ़ सका।
प्रोजेक्ट रिपोर्ट तक नहीं हुई तैयार
गत वर्षों में सांसद खेल स्पर्धा में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर आए थे। फतेहपुर सीकरी सेसांसद राजकुमार चाहर ने उनके समक्ष आगरा में अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम का मुद्दा उठाया था। केंद्रीय मंत्री ने मंच से घोषणा करते हुए आश्वासन दिया था कि जिस दिन राज्य सरकार प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर भेज देगी, उसी दिन से केंद्र व राज्य सरकार मिलकर इस दिशा में प्रयास शुरू कर देंगे। लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम के लिए काम शुरू होना तो दूर है, प्रोजेक्ट रिपोर्ट तक तैयार नहीं हुई है। सांसद राजकुमार चाहर ने मुद्दे को संसद में भी उठाया।
शहर के एथलीट्स के लिए प्रैक्टिस हेतु शहर में एकमात्र स्टेडियम मौजूद है। यह संपत्ति रक्षा संपदा विभाग की है, जो कि खेल विभाग को 90 साल की लीज पर मिली हुई थी। बीते दिनों इसकी मियाद खत्म हो गई। इसकी रिन्युअल की प्रक्रिया जारी है। सीएम के सामने रखी थी मांग
वर्ष 2017 में आगरा के तत्कालीन सांसद रामशंकर कठेरिया के सुझाव पर थीम पार्क की 80 एकड़ जमीन में 650 करोड़ रुपए की लागत से अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम व स्पोर्ट्स कॉलेज बनाने का प्रस्ताव तैयार कराया गया था। लेकिन इसके बाद फाइल आगे नहीं बढ़ी।
सीएम के सामने केंद्रीय राज्यमंत्री ने रखी थी मांग
गत दिनों मुुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की शहर में हुई रैली में केंद्रीय राज्यमंत्री प्रो। एसपी सिंह बघेल ने आगरा में इंटरनेशनल स्टेडियम की मांग उठाई थी। उन्होंने कहा था कि यहां की जनता लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम की मांग कर रही है। ताजमहल के कारण यहां हमेशा 10 से 20 हजार विदेशी पर्यटक रहता है। ऐसे में स्टेडियम बनने से यहां पर अंतरराष्ट्रीय और आईपीएल के मैच हो सकेंगे।
- वर्ष 2004 में किरावली के सींगना में जगह तलाशी गई।
- वर्ष 2005 में एत्मादपुर के कुबेरपुर के पास जगह चिह्नित की गई, लेकिन प्रस्ताव नहीं बना।
- वर्ष 2006 में फतेहाबाद के कलाल खेडिय़ा में जगह तलाशी गई।
- वर्ष 2012-13 में एत्मादपुर में जगह देखी गई।
- महायोजना में बगदा के समीप स्टेडियम के निर्माण को जगह आरक्षित की गई, लेकिन वर्ष 2016 में यहां समाजवादी आवास बनाने पर मुहर लगा दी गई।
शहर में इंटरनेशनल स्टेडियम को लेकर प्रयास जारी हैं। सीएम के समक्ष भी इस मांग को रखा गया है। इंटरनेशनल स्टेडियम बनने से सिर्फ प्लेयर्स को ही नहीं, बल्कि टूरिस्ट प्लेस होने से शहर को भी इसका लाभ होगा।
प्रो। एसपी सिंह बघेल, केंद्रीय राज्य मंत्री
जिले में इंटरनेशनल स्टेडियम का मुद्दा मैंने कई बार उठाया है। संसद में भी इसको लेकर सवाल पूछा। सांसद खेल स्पर्धा में आए केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने आश्वासन भी दिया लेकिन जिला प्रशासन जमीन ही नहीं तलाश सका। हाल ही में मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान मायावती सरकार में लेदर पार्क के लिए अधिग्रहीत की गई 100 एकड़ जमीन पर इंटरनेशनल स्टेडियम बनाने का प्रस्ताव रखा है।
राजकुमार चाहर, सांसद, फतेहपुर सीकरी
डॉ। जीएस धर्मेश, विधायक
इंटरनेशल स्टेडियम को लेकर पिछले काफी समय से प्रयास लगातार जारी हैं। आगरा को इंटरनेशनल स्टेडियम की आवश्यकता भी है। फिर भी कुछ चीजें आड़े आ जाती हैं, जिसके चलते इस प्रोजेक्ट पर अब तक मुहर नहीं लग सकी है।
पुरुषोत्तम खंडेलवाल, विधायक स्पोट्र्स आज के दौर में बहुत महत्वपूर्ण है। आगरा तो हॉकी का बहुत बड़ा सेंटर रहा है। इसके साथ ही अन्य खेलों के खिलाडिय़ों के लिए इंटरनेशनल स्टेडियम की दरकार है। इस ओर जनप्रतिनिधियों, प्रशासन और शासन को ध्यान देना चाहिए।
अनिल शर्मा, सचिव, सिविल सोसाइटी यह नीतिगत मामला है। शासन स्तर से इस पर निर्णय लिया जाना है।
सुनील चंद्र जोशी, आरएसओ