बढ़ती हैवानियत कहें या गंदी मानसिकता. महिलाओं और बच्चियों के लिए यह खतरा है. आगरा में सोमवार को दो नाबालिगों के साथ दरिंदगी का मामला सामने आया है. अभी चार दिन पहले ही सिकंदरा क्षेत्र में भी नाबालिग के साथ ऐसी ही वीभत्सता का मामला सामने आया था. समाज में बढ़ती हैवानियत और दरिंदगी के आए दिन सामने आ रहे मामलों पर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने सर्वे के माध्यम से आगराइट्स की राय जानी.

आगरा(ब्यूरो)। गूगल सर्वे के माध्यम से किए गए सर्वे में 253 लोगों ने अपनी राय दी। सर्वे में पांच सवाल पूछे गए। इसमें लोगों ने अपनी राय दी समाज में बच्चियों के प्रति हैवानियत बढ़ती जा रही है। वहीं 90 परसेंट से अधिक लोगों ने कहा कि बढ़ती गंदी मानसिकता रेप जैसे मामलों की जिम्मेदार हैं। सर्वे में मिली रिपोर्ट कह रही हैैं कि समाज में बच्चियों को आसपास के लोगों से ही अधिक खतरा है। बच्चियों और महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था से के सवाल पर आगराइट्स कम संतुष्टि जाहिर की। सर्वे में शामिल एक चौथाई से अधिक लोगों ने सुरक्षा व्यवस्था से असंतुष्टि जताई। पीडि़त को इंसाफ मिलने को लेकर भी लोगों ने कहा कि इंसाफ मिलना काफी कठिन है।
समाज की बड़ी समस्या
मनोवैज्ञानिक डॉ। पूनम तिवारी ने बताया कि हमारे देश में अब वह समय नहीं रहा जब बच्चों से जुड़े दैहिक आकर्षण और शारीरिक शोषण से इन्कार किया जाता है। 80 और 90 के दशक तक इन चीजों को पश्चिमी देशों की समस्या माना जाता था। लेकिन अब यह हमारे समाज में भी समस्या बन गई है। बच्चों के साथ दैहिक आकर्षण और नाबालिगों के साथ दुष्कर्म अलग तरह की प्रवृत्ति है। ऐसी प्रवृत्ति वाले लोग बच्चों को बड़ों की तरह देखते हैं। ये बेहद रहस्यमयी, लुभावने और बच्चों का भरोसा जीतने वाले होते हैं। इन्हें बच्चों के साथ दैहिक अनुभूति से ज्यादा कुछ आकर्षित नहीं करता। भारत में दुष्कर्म का खौफ कोई नया नहीं है।
भारत में कैसे बने कानून
-1972 में मथुरा दुष्कर्म मामले के चलते क्रिमिनल लॉ एक्ट 1983 में संशोधन किया गया।
-1992 में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भंवरी देवी के साथ हुए दुष्कर्म के चलते 1997 में विशाखा गाइडलाइन बनी, जिसमें कार्यस्थल पर शारीरिक शोषण के खिलाफ कानून बना।


बच्चों के साथ इस तरह की घिनौनी हरकतें करने वाले लोग बच्चों को बड़ों की तरह देखते हैं। ये बेहद रहस्यमयी, लुभावने और बच्चों का भरोसा जीतने वाले होते हैं। इन्हें बच्चों के साथ दैहिक अनुभूति से ज्यादा कुछ आकर्षित नहीं करता।
- डॉ। पूनम तिवारी, मनोवैज्ञानिक

समाज में इस प्रकार की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैैं। यह हम सभी के लिए चिंता का विषय हैैं। इन्हें रोकने के लिए सरकारों को कड़े कदम उठाने चाहिए।
- बंटू, पब्लिक

ऐसे मामले आए दिन सुनने को मिलते हैैं। पीडि़तों को ऐसे मामलों में न्याय पाना काफी मुश्किल होता है। सरकार को ऐसे मामले में पीडि़त पक्ष की हेल्प करनी चाहिए।
-गोविंद, पब्लिक

बच्चियों को बचपन से ही गुड टच और बेड टच के बारे में बताना चाहिए। कभी-कभी अपने ही बच्चियों को हैवानियत का शिकार बना लेते हैैं।
- रोहित, पब्लिक
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सोशल मीडिया पर आए कमेंट्स
सरकार टॉयलेट बनवा रही है। यह महिलाओं की सुरक्षा के लिए जरूरी है.
- श्याम

हैवानियत करने वालों को फांसी की सजा होनी चाहिए। यह दुखद घटना है.
- मोहन

महिलाओं के लिए अब सुरक्षित समाज की कल्पना करना मुश्किल हो गया है.
- निकिता
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चार दिन में तीन घटनाएं
-9 मार्च को सिकंदरा थाना क्षेत्र में 15 वर्षीय किशोरी से दरिंदगी की गई।
-13 मार्च को शाहगंज थाना क्षेत्र में नौ साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया।
- 13 मार्च को अपनी सहेली के पिता ने ही बच्ची के साथ गंदी हरकत करने पर 14 वर्षीय बेटी ने अपनी जान दे दी।

Posted By: Inextlive