ब्रेस्टफीडिंग कराने से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम
महिलाओं में एस्ट्रोजन की मात्रा हो जाती है कम
एसएन मेडिकल कॉलेज के कैंसर विभाग की डॉ। सुरभी गुप्ता ने बताया कि ब्रेस्टफीडिंग कराने से महिलाओं में एस्ट्रोजन की मात्रा कम हो जाती है। एस्ट्रोजन अधिक होने से कैंसर होने का खतरा रहता है। इसलिए अक्सर देखा जाता है कि ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं में ब्रेस्टफीडिंग न कराने वाली महिलाओं की अपेक्षा कैंसर का खतरा कम होता है। महिलाओं के साथ बच्चों का भी सुरक्षा कवच
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 के अनुसार आगरा में 30 से 39 साल की 0.3 परसेंट महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर एग्जामिनेशन से गुजर चुकी हैैं। एक अन्य स्टडी के अनुसार ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं में से केवल तीन फीसदी महिलाओं में ही ब्रेस्ट कैंसर होने के मामले पाए गए। विशेषज्ञों की माने तो ब्रेस्टफीडिंग न केवल बच्चे के लिए, बल्कि महिला के लिए भी सुरक्षा कवच है। यह दोनों को कई बीमारियों से बचाता है।
बच्चों की बढ़ती है प्रतिरोधक क्षमता
एसएन मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग के एचओडी डॉ। नीरज यादव ने बताया कि मां का दूध पीने से बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। नवजात को जन्म के तुरंत बाद ही मां से बच्चे को ब्रेस्टफीड कराना चाहिए। मां के पहले दूध में कोलेस्ट्राम होता है। जो बहुत जरूरी है। यह भी देखा गया है कि पहले दो दिन मां का दूध बूंद-बूंद आता है और महिला स्तनपान से बचने का प्रयास करती है। जबकि स्तनपान करने से ही दूध की गति बढ़ती है। अन्य डॉक्टर बताते हैैं कि महिलाएं अपने मासिक धर्म चक्र के कारण अपने जीवन में कुछ हार्मोन के संपर्क में आती हैं। ये हार्मोन कैंसर के विकास के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। गर्भावस्था और स्तनपान के महीनों में उनके मासिक धर्म चक्र कम हो जाते हैं, जिससे इन हार्मोनों के संपर्क में आने का खतरा कम हो जाता है।
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- जल्द वापस लौटता है शरीर का आकार
- जल्द घटता है बढ़ा हुआ वजन
- बच्चे से संबंध होता है बेहतर
- कैंसर होने का खतरा कम हो जाता है
मां का दूध इन रोगों से बचाता है
- अस्थमा
- मोटापा
- टाइप 1 डायबिटीज
- अचानक शिशु मृत्यु सिंड्रोम (एसआईडीएस)
- कान में संक्रमण
- पेट में कीड़े होने की संभावना
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0.3 परसेंट महिलाओं ने कराई है ब्रेस्ट कैंसर एग्जामिनेशन
0.3 परसेंट महिलाओं ने कराई है सर्वाइकल कैंसर एग्जामिनेशन
50 परसेंट तक ब्रेस्टफीडिंग कराने से कैंसर का खतरा हो जाता है कम
43.1 परसेंट मां ही बच्चे को कराती हैैं छह माह तक ब्रेस्टफीडिंग
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ब्रेस्टफीडिंग कराने से ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा कम होता है। इससे बॉडी में एस्ट्रोजन कम हो जाता है। एस्ट्रोजन की अधिकता कैंसर का कारण बन सकती है।
- डॉ। सुरभी गुप्ता, प्रोफेसर, कैंसर रोग विभाग, एसएनएमसी
- डॉ। नीरज यादव, एचओडी, बाल रोग विभाग, एसएनएमसी
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