वैसे तो ऑनलाइन साइबर फ्रॉड के लिए कोई समय दिन और जगह तय नहीं होती. लेकिन अगर साइबर फ्र ॉड के पैटर्न को ठीक से देखें तो एक बात निकल कर सामने आई कि ऑनलाइन फ्र ॉड के अधिकांश मामले शुक्रवार को होते हैं. सप्ताह के अन्य दिनों की तुलना में शुक्रवार से रविवार के बीच ऐसी वारदात ज्यादा इसलिए होती हैं क्योंकि शुक्रवार के अगले दो दिन यानी शनिवार और रविवार को बैंकों में छुट्टी रहती है.

आगरा। (ब्यूरो ) वैसे तो ऑनलाइन साइबर फ्रॉड के लिए कोई समय, दिन और जगह तय नहीं होती। लेकिन अगर साइबर फ्र ॉड के पैटर्न को ठीक से देखें तो एक बात निकल कर सामने आई कि ऑनलाइन फ्र ॉड के अधिकांश मामले शुक्रवार को होते हैं। सप्ताह के अन्य दिनों की तुलना में शुक्रवार से रविवार के बीच ऐसी वारदात ज्यादा इसलिए होती हैं क्योंकि शुक्रवार के अगले दो दिन यानी शनिवार और रविवार को बैंकों में छुट्टी रहती है। लोग अपने अकाउंट फ्र ज नहीं करा पाते हैं क्योंकि बैंक बंद होते हैं। इसके अलावा हेल्पलाइन नंबर पर भी लोग कॉल करते हैं, लेकिन लोग अपना पैसा फ्र ज नहीं करा पाते हैं। इससे साइबर ठगों को और अधिक टाइम मिल जाता है। आईनेक्स्ट ने जब शहर के साइबर फ्रॉड के मामलों की पड़ताल की। तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि ऑनलाइन फ्रॉड की सबसे अधिक वारदात वीकेंड पर होती हैं। इसीलिए लोग इन दिनों में ऑनलाइन फ्र ॉड के अधिक शिकार होते हैं.
शहर में भी चल रहा वीकेंड पैटर्न

इस माह शहर के एक दवा व्यापारी से ई सिम एक्टिवेट करने के नाम पर कई बार में लगभग 25 लाख रुपए की साइबर ठगी कर ली। व्यापारी की सिम शुक्रवार को देर शाम बंद हो गई। इसके अलगे दिन शनिवार था और अगले दिन रविवार दोनों ही दिन बैंक बंद थे। और जिस कंपनी की व्यापारी की सिम थी उसका स्टोर भी दो दिन तक बंद था। साइबर अपराधियों का अब ये ट्रेंड बन गया है कि ठगी के लिए वीकेंड यानी कि सेटरडे और संडे को चुनते हैं। शहर में साइबर क्राइम के आकंड़े भी इसी बार को दर्शाते हैं कि शनिवार और रविवार को साइबर ठगी की वारदातें बढ़ जाती हैं.् आईनेक्स्ट ने साइबर फ्रॉड के कई अलग अलग मामलों की पड़ताल की तो अधिकांश में यही पैटर्न नजर आया। साइबर थाने के एक अधिकारी ने भी नाम न छापने की शर्त पर इस बात को बताया कि वीकेंड पर अन्य दिनों की अपेक्षा काफी अधिक होते हैं।


वीकेंड पर ट्रांजिक्शन बढऩा भी है वजह
शहर में साइबर एक्सपर्ट सचिन सारस्वत बताते हैं कि अक्सर वीकेंड पर लोग अपनी शॉपिंग करते हैं। घूमने जाते हैं या अन्य जरुरी काम करते हैं। वीकेंड के दिनों में छोटे छोटे ट्रांजिक्शन बड़ी संख्या में होते हैं। वीक के बाकी दिनों में इतने लेनदेन नहीं होते। वीकेंड में लोग मूवी टिकिट घूमने या और भी बहुत छोटे-छोटे अधिक संख्या में ट्रांजिक्शन करते हैं। साइबर ठग ट्रांजिक्शन हिस्ट्री को ट्रेस करते हैं। इसलिए इन दिनों में अधिक लोगों की डिटेल साइबर ठगों तक पहुंच जाती हैं। और वीकेंड साइबर ठगों का काम आसान कर देता है।

केस एक
शहर के दवा व्यापारी की सिम में शुक्रवार देर शाम नेटवर्क आना बंद हो गए। अगले दिन एयरटेल स्टोर बंद था नेक्स्ट डे संडे था। दो दिन तक व्यापारी की सिम बंद रही। तीसरे दिन पता चला कि ई सिम एक्टिवेट हुई है। इसके बाद वीकेंड पर खातों से पैसा निकाल लिया गया।

केस दो
शाहगंज निवासी राहुल के पास शनिवार को एक फोन आया। खुद को प्लेसमेंट कंपनी से बताया और डिटेल्स ले कर एक लिंक पर क्लिक कराया। पहली बार में 500 रुपए कटे इसके बाद अगले दिन कई बार में 19300 की ठगी कर ली गई। बैंक बंद होने की वजह से अकाउंट फ्र ज नहीं कर पाए।

केस तीन
रुई की मंडी निवासी शशांक के पास शनिवार को देर रात अचानक अकाउंट से कुछ पैसे कटने का नोटिफिकेशन आया। बैंक के कस्टूमर केयर पर कई बार कॉल किया लेकिन बैंक जाने की बात कही कई बार में करीब 7 हजार रुपए खाते से पार हो गए.

साइबर ठगी होने के बाद ये करें
-जिस अकाउंट या डेबिट क्रेडिट कार्ड मास्टर कार्ड से पैसा निकला है उसे तुरंत ब्लॉक करवाएं
-जल्द से जल्द इस साइबर ठगी की रिपोर्ट दर्ज करवाएं
-ऑनलाइन साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें
-आरबीआई पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें
-हेल्प लाइन नंबर पर कॉल करें

वीकेंड के दिनों में लोग सामान्य से ऑनलाइन लेनदेन करते हैं। साइबर ठग ट्रांजिक्शन को ट्रैस करके ही साइबर ठगी करते हैं इसलिए इनके लिए आसान हो जाता है। दूसरा इनको पूरा टाइम भी मिल जाता है जिससे वीकेंड को ठगी के लिए यूज करते हैं।
सचिन सारस्वत साइबर एक्सपर्ट

-10 हजार से अधिक लोग साइबर ठगी का शिकार हुए पिछली साल
-2 लाख साइबर ठगी के केस हुए यूपी में 2023 में
-20 करोड़ की साइबर ठगी होती है हर साल शहर में
-38000 की रकम फ्र ज कराई पिछले साल पुलिस ने शहर में


Posted By: Inextlive