आगरा. इंडियन प्रीमियर लीग में खेले जाने वाले क्रिकेट मैच की दीवानगी लोगों में जिस कदर है उसी तरह क्रिकेट पर सट्टा अब गलियों से निकलकर घरों तक पहुंच गया है. कभी हार जीत के दांव शहर की गलियों कॉलोनियों और कुछ चुनिंदा रेस्टोरेंट में लगाए जाते थे लेकिन अब सट्टेबाज इतने हाइटेक हो चुके हैं कि मोबाइल पर ही यह करोड़ों के दांव लगवा रहे हैं. पुलिस ने इस मामले में थाना ताजगंज से दो लोगों अरेस्ट किया है पूछताछ पर ये खुलासा हो सका.

सट्टा नेटवर्क को तोडऩे का प्लान
सट्टेबाजों ने बेवसाइट से एप तक बनवा लिए हैं, जिसमें बाकायदा सट्टा लगवाने से लेकर ऑनलाइन भुगतान तक कराया जा रहा है। लोगों को बर्बादी की राह पर ले जाने वाला सट्टे का यह काला कारोबार अब पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन रहा है। क्योंकि सट्टेबाज अब सड़क पर नहीं बल्कि ऑनलाइन यह काला कारोबार कर रहे हैं। इसी के चलते अब डीसीपी विकास कुमार ने सट्टे के नेटवर्क को तोडऩे के लिए फील्ड के साथ ही तकनीकि रूप से मजबूत पुलिसकर्मियों को इसका टास्क दिया है। क्राइम ब्रांच की साइबर सेल भी काम पर लगाई गई है।

पुलिस ने 3 दिन में किए 10 अरेस्ट
ऐसे वेबसाइट और एप को ट्रेस करना ही चुनौती है। पुलिस यहां के बुकी तक तो पहुंच रही है, लेकिन जो साइट और एप हैं इनके सर्वर राज्य से बाहर है। इन्हें डिजाइन करने वाले बड़े शहरों के हैं। मास्टर सर्वर तक पहुंचना ही पुलिस के लिए चुनौती है। ताजगंज पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को अरेस्ट किया है। जो मोबाइल फोन के जरिए सट्टे का कारोबार करते थे। पुलिस ने शुक्रवार को शहर के तीन बड़े कारोबारियों पर शिकंजा कसा था, जिसमें सट्टा माफियाओं के गुर्गों को अरेस्ट किया गया था, उसी कड़ी में रविवार को पुलिस एसीपी सदर के नेतृत्व में कार्रवाई की है। तीन में दस लोगों को अरेस्ट किया है।

वेबसाइट और एप के जरिए कारोबार
सट्टा माफियाओं के गुर्गे क्रिकेट पर सट्टे के कारोबार को बढ़ावा दे रहे हैं। गुर्गों के जरिये ऑनलाइन सट्टा लगवाया जा रहा है। उनके गुर्गे शहर के हर इलाके में है। इस पर पुलिस ने पिछले साल बड़ी कार्रवाई की थी।
आईपीएल से पहले सट्टा माफियाओं ने वेबसाइट और एप के जरिए इस कारोबार को शुरू कर दिया है।


ऑनलाइन किया जाता है ट्रांजेक्शन
जितनी भी सट्टे की साइट हैं, उनकी लिंक बुकी के जरिए सट्टा लगाने वालों तक पहुंचाई जाती है। क्लाइंट आईडी देने से पहले एडवांस में रुपए लिए जाते हैं, यह पूरा पैसा ऑनलाइन ही दिया जाता है। इसके बाद क्लाइंड आईडी हर व्यक्ति को अलग-अलग दी जाती है। वह इसी क्लाइंट आईडी के जरिए दांव लगाता है।


सोशल मीडिया पर लिंक वायरल
सट्टेबाजों ने अलग-अलग एप बनवा लिए हैं। इसके जरिए सट्टा लगाने और इसी में वॉलेट भी है, जिसके जरिए पैसे लिए जा रहे हैं। जीतने पर इसी के जरिए से पैसा दिया जाता है। सोशल मीडिया पर ऐसे एप की कई पोस्ट, लिंक वायरल हैं। इसी के साथ यूट्यूब पर भी वीडियो के बीच-बीच में ऐसे एप के विज्ञापन दिए जा रहे हैं। जिसमें कम समय में अमीर बनने का झांसा देकर लोगों को फंसाया जा रहा है।

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ताजगंज में कार्रवाई


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क्रिकेट लाइन गुरू से सट्टेबाजी
गिरफ्तार आरोपी अर्जुन यादव उर्फ अज्जू अपने साथी करन के साथ बरौली अहीर स्थित अपने मकान पर क्रिकेट में ऑनलाइन ऐप क्रिकेट लाइन गुरू से सट्टेबाजी का कार्य करता है। पुलिस की पूछताछ में जानकारी मिली है कि आरोपी सट्टा लगाने वाले प्लेयर से बात करके बुकी रोबिन यादव निवासी गोवर्धन, मथुरा व पिंकू निवासी बरौली अहीर को सट्टे का भाव नोट कराते थे। उनके पास से पुलिस को लैपटॉप के साथ काफी अहम जानकारियां मिली हैं। जिनके आधार पर आगे की कार्यवाही की जा रही है। पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि गलियों और बस्तियों में भी उनके साथी एक्टिव हैं। पुलिस इसकी जांच में जुटी है।

गिरफ्तार आरोपी
-अर्जुन यादव उर्फ अज्जू पुत्र जयप्रकाश निवासी बरौली अहीर थाना ताजगंज
-करन यादव पुत्र जयप्रकाश निवासी बरौली अहीर थाना ताजगंज

आरोपियों से बरामदगी
-650 रुपए
-11 मोबाइल, एक लैपटॉप बरामद

Posted By: Inextlive