एसएन के टीबी एवं चेस्ट रोग विभाग के बेड फुल
मौसम बदलने से बढ़ी सांस संबंधी समस्याएं
मौसम लगातार बदल रहा है। तेज धूप के बाद बादल छा रहे हैं और वर्षा हो रही है। इस प्रकार के मौसम से सांस संबंधी समस्याएं बढ़ गई हैं और वायरल संक्रमण तेजी से फैल रहा है। तेज बुखार, सर्दी-जुकाम के बाद मरीजों की खांसी ठीक नहीं हो रही है। वायरल संक्रमण के बाद मरीजों को बैक्टीरियल संक्रमण हो रहा है। इससे खांसी में कफ आ रहा है। मरीजों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। एसएन मेडिकल कॉलेज के टीबी एंड चेस्ट विभाग के डॉ। संतोष कुमार ने बताया कि मौसम में बदलाव, वायरल संक्रमण से एक महीने में फेफड़ों में संक्रमण के मरीज 15 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं। फरवरी में सांस संबंधी बीमारी और टीबी से पीडि़त 45 से 50 मरीज वार्ड में भर्ती थे। सात दिनों से 60 से अधिक मरीज भर्ती हैं। सांस लेने में परेशानी होने पर मरीज भर्ती हो रहे हैं। जांच में फेफड़ों में संक्रमण मिल रहा है। अब कोरोना के केस भी बढऩे लगे हैं। इससे समस्या और बढ़ सकती है। ओपीडी में भी मरीजों की संख्या 250 को पार कर गई है। सामान्य दिनों में मरीज 180 से 200 तक ओपीडी में आते थे।
बच्चों में वायरल निमोनिया के बाद उखड़ रही सांस
एसएन के बाल रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ। नीरज यादव ने बताया कि बच्चों में वायरल निमोनिया बढ़ गया है। तेज बुखार आने के बाद पांच वर्ष से कम के बच्चों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। ओपीडी में वायरल निमोनिया के 10 से 15 मरीज हर रोज आ रहे हैं। गंभीर हालत में आ रहे मरीजों को भर्ती करना पड़ रहा है।
बुजुर्ग और सांस संबंधी बीमारियों से पीडि़त मरीज मास्क का प्रयोग करें
घर में किसी एक सदस्य को सर्दी-जुकाम और बुखार है तो अन्य सदस्य बचाव करें
तीन दिन बाद भी बुखार न उतरने पर डाक्टर से परामर्श ले लें
भीड़ वाली जगह पर जाने से बचें
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