आगरा. आगरा समेत प्रदेश के 17 शहरों में सड़क हादसों का खतरा अधिक है. ट्रैफिक रूल्स की अनदेखी तेज स्पीड वाहन और खराब इंजीनियरिंग से अव्यवस्थित बने रोड जान लेवा साबित हो रहे हैं. केंद्रीय रोड सेफ्टी सेल की रिपोर्ट में यह सच सामने आया है. जिसमें प्रदेश के शहरों में आगरा की सड़कें वाहन सवारों के लिए सुरक्षित नहीं है. आए दिन होने वाले सड़क हादसों को ध्यान में रखते हुए ट्रैफिक पुलिस ने गंभीरता से लेते हुए लोगों से ट्रैफिक रूल्स फॉलो करने की अपील की है. रिपोर्ट के अनुसार ऐसे शहर जो हादसों के कारण संवेदनशील घोषित किए गए हैं वहां हादसों को रोकने के लिए तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा.

खराब सड़कें, तेज स्पीड दुर्घटना का रीजन
दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ट्रैफिक पुलिस द्वारा शहर के स्कूल और कॉलेजों के अलावा नुक्कड़ नाटक के जरिए लोगों को अवेयर किया गया है, लेकिन इसके बाद भी आगरा प्रदेश के उन 17 शहरों में शामिल है जो दुर्घटना को लेकर संवेदनशील हैं। रोड सेफ्टी सेल के अनुसार देश के 15 राज्यों के 132 शहरों में सबसे ज्यादा सड़क हादसे होते हैं। देश में सर्वाधिक सड़क हादसे यूपी में होते हैं। जिसमें आगरा का भी नाम है। रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल आगरा में 1100 रोड हादसे हुए हैं। हादसे ट्रैफिक रूल्स की अनदेखी और तेज स्पीड से वाहन चलाना और खराब इंजीनियरिंग से बनी सड़कें बताया जा रहा है।

तेज स्पीड वाहन दूसरों के लिए भी खतरा
केंद्रीय सड़क परिवहन राज्यमार्ग मंत्रालय की ओर से सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी की बैठक में 15 राज्यों ने सड़क हादसे की रिपोर्ट पेश की है। यह हैं कारण केंद्रीय रोड सेफ्टी सेल के अनुसार सर्वाधिक हादसे वाले शहरों में राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य के राजमार्ग बेहद खतरनाक हैं। कहीं सड़क इंजीनियरिंग ठीक नहीं है तो कहीं मोड़ और अवैध कट हैं। शहर में हाईवे पर होने वाले अक्सर रोड पर बने कट को क्रॉस करते समय हादसे होते हैं, जिसमें पिछले वर्ष सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। तेज स्पीड से दौडऩे वाले वाहन भी दूसरे वाहन चालकों के लिए खतरा बने हैं।

रॉग ड्राइव से जान का खतरा
शहर में अक्सर देखा जाता है कि हाईवे या इंटरनल रोड पर लोग रॉग साइड वाहन चलाकर तेज स्पीड के साथ दौड़ते हैं। ऐसे वाहन चालकों की जान को अधिक खतरा रहता है, वहीं ट्रैफिक का गंभीरता से फॉलो करने वाले लोगों के लिए भी ये जान का खतरा बन जाते हैं। जबकि देहात और शहर मेेंं लोगों को अवेयर करने के लिए अभियान चलाए जाते हैं, इसके बाद भी रॉग ड्राइव करने वाले वाहन रोड पर आम बात है। जो एक चिंता का विषय बना है।

ये हैं यूपी के 17 सिटी
आगरा, लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, बरेली, फिरोजाबाद, गजरौला, गाजियाबाद, झांसी, खुर्जा, मुरादाबाद, नोएडा, रायबरेली, वाराणसी, गोरखपुर, मेरठ, शामली हैं।

ये हैं चार दुर्घटना के कारण
-ट्रैफिक रूल्स की अनदेखी से होने वाली दुर्घटना
-रोड पर लापरवाही के साथ तेज स्पीड से वाहन चलाना
-इंजीनियरिंग में अनदेखी, अव्यवस्थित बने रोड
-रॉग ड्राइव दौडऩे वाले वाहन दूसरों के लिए भी खतरा


देश के राज्य
15
रोड पर जान का खतरा
132 शहरों में

-आगरा में वर्ष 2022 में सडक हादसे
1100
-दुर्घटना के बाद गई लोगों की जान
585

-$सड़क हादसों में गंभीर रूप से घायल लोग
करीब 700

एक जनवरी 2023 से 27 मार्च तक
-आगरा में सड़क हादसे
180 से अधिक

-सड़क हादसो में गई लोगों की जान
108 की मौत


हाईवे अब पहले की तरह नहीं है, दर्जनों कॉलोनियां उसके बीच है, लोग बिना हेलमेट के घर से निकल जाते हैं, उनको इस बात का बिल्कुल भी एहसास नहीं रहता कि ये जान लेवा हो सकता है। भारी वाहन चालक उसी स्पीड से गुजरते हैं, इससे दुुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है।
सुनील खेत्रपाल, संस्थापक ट्रैफिक सपोर्ट टीम


ट्रैफिक रूल्स को लेकर स्कूल और कॉलेजों में लोगों को अवेयर किया जाता है, वहीं रोड पर नियमों की अनदेखी करने वालों के चालान कर जुर्माना भी वसूला जाता है। लोगों से अपील है कि वो रोड पर वाहन चलाते समय ट्रैफिक रूल्स का पालन करें।
अरुन चंद, अपर पुलिस आयुक्त ट्रैफिक

Posted By: Inextlive