मेट्रो संचालन के लिए बिछाए जाने वाली पटरियों की बैल्डिंग ऑटोमेटिक मशीन से होगी. ये मशीनें पीएसी स्थित मेट्रो के डिपो में पहुंच चुकी हैं. फ्लैश बट वेल्डिंग तकनीक पर आधारित इस मशीन की मदद से बिना किसी अन्य वेल्डिंग सामग्री के इलेक्ट्रिक शॉक के जरिए पटरियों को आपस में जोड़ा जाएगा. अभी इसकी टेस्टिंग की जा रही है.


आगरा। ऑटोमेटिक मशीनों से दो पटरियों को जोडऩे में 15 मिनट का समय लगेगा। इस बारे में यूपी मेट्रो के मैनेजिंग डायरेक्टर कुमार केशव ने बताया कि पारंपरिक तौर पर प्रयोग की जाने वाली एलुमिनोथर्मिक वेल्डिंग प्रणाली की तुलना में फ्लैश बट वैल्डिंग के जरिए लंबी दूरी की रेल(पटरी) को आसानी के साथ बेहद कम समय में वेल्ड किया जाता है। पारंपरिक प्रणाली के जरिए दो पटरियों को आपस में जोडऩे में लगभग 50 मिनट का समय लगता है, जबकि फ्लैश बट वैल्डिंग के जरिए महज 15 मिनट में दो पटरी जोड़ी जा सकती हैं।


बता दें कि आगरा मेट्रो द्वारा प्रयोग की जाने वाली फ्लैश बट वैल्डिंग मशीन पूरी तरीके से ऑटोमेटिक है। आने वाले वक्त में प्रयोरिटी कॉरिडोर के ऐलिवेटिड भाग में में ट्रैक बिछाने के दौरान भी इसी वेल्डिंग मशीन का प्रयोग किया जाएगा। वायाडक्ट में ट्रैक बिछाने के दौरान इस मशीन को क्रेन की मदद से वायाडक्ट तक ले जाकर ट्रैक को आपस में वेल्ड किया जाएगा। आगरा मेट्रो के लिए दो अलग-अलग लंबाई के पटरियों का प्रयोग किया जाएगा। डिपो परिसर में बैलास्टिड ट्रैक के लिए 13 मीटर लंबी स्वदेशी पटरी का प्रयोग किया जाएगा, जबकि वायाडक्ट में बैलास्टलैस ट्रैक के लिए स्वीटजरलैंड की कंपनी ईस्ट मेटल्स, ऐजी द्वारा निर्मित 18 लंबी पटरियों का प्रयोग किया जाएगा।

Posted By: Inextlive