यमुना नदी का जलस्तर बढऩे से मंटोला भैरों घाट हाथी घाट नगला बूढ़ी सहित 62 नाले बैक मारने लगे हैं. नालों से सीवर लाइन कनेक्ट होने के कारण 10 हजार लोगों को झटका लगा है. दुर्गंध के चलते लोगों की ङ्क्षजदगी हराम हो गई है.

आगरा(ब्यूरो) इसकी शिकायत नगर निगम, जलकल विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों से की गई है। जलस्तर अगर 500 फीट से अधिक पहुंच जाएगा तो यह समस्या और भी बढ़ जाएगी। सीवर लाइन से होकर गंदा पानी लोगों के घरों तक पहुंच सकता है।

एसपीएस किए गए बंद
जीवनी मंडी के विष्णु गुप्ता ने बताया कि पटेल नगर के पास से होकर नाला सीधे यमुना नदी में गिरता है। यमुना का जलस्तर बढऩे के कारण नाले का पानी वापस आ रहा है। नाले से कई घरों में सीवर लाइन कनेक्ट है। इससे दुर्गंध घरों तक पहुंच रही है। यमुना किनारा रोड निवासी शिव शंकर अग्रवाल ने बताया कि नाले के आसपास के घरों में दुर्गंध से लोग परेशान हैं। अपर नगरायुक्त सुरेंद्र यादव ने बताया कि जलस्तर बढऩे के कारण नालों के पानी की निकासी नहीं हो पा रही है। इससे नाले बैक मार रहे हैं। वहीं 48 घंटे से हाथी घाट, भैरों नाला सहित अन्य एसपीएस प्लांट बंद हैं।

इन क्षेत्रों में सबसे अधिक दिक्कत
- नगला बूढ़ी के आसपास की कॉलोनियां, न्यू राधा नगर, न्यू शिव विहार, रामबाग रोड व एत्माद्दौला रोड के आसपास की कॉलोनियां, कृष्ण कालोनी, यमुना किनारा रोड के आसपास के क्षेत्र।

खाना और पानी की नहीं हो कमी
मंडलायुक्त अमित गुप्ता ने सोमवार देर शाम कैलाश गांव का निरीक्षण किया। उन्होंने एसडीएम को खाना और पानी की कमी न होने पर जोर दिया। मंडलायुक्त ने कहा कि पशुओं के लिए चारा की उपलब्धता पर भी ध्यान दिया जाए।

हाथी घाट का निरीक्षण
डीएम नवनीत ङ्क्षसह चहल ने मंगलवार दोपहर हाथी घाट का निरीक्षण किया। डीएम ने अधिकारियों को यमुना नदी के किनारे के गांवों में मुनादी कराने के आदेश दिए। साथ ही राहत शिविर को भी देखा। शाम को डीएम ने कैंप कार्यालय में बैठक की।

यमुना में नहाने गया युवक डूबा
नरायच के रहने वाला जूता कारीगर 22 वर्षीय अमित कुमार मंगलवार की दोपहर अपने तीन मित्रों के साथ फाउंड्री नगर स्थित कबीर घाट पर नहाने गया था। अमित का घाट पर पैर फिसलने यमुना में डूब गया। शाम करीब पांच बजे गोताखोरों की मदद से अमित का शव बरामद कर लिया।

कर्ज से बोई फसल, डूब गया भाग्य
यमुना में आई बाढ़ में खेतों में बोई गई फसल डूब गई है। कई किसानों ने बंटाई पर खेत लिए थे। कर्ज लेकर फसल बोई थी। उम्मीद थी कि वर्षा अच्छी होने से फसल होगी तो उनके हाल सुधरेंगे। बाढ़ में फसल के साथ उनका भाग्य भी डूब गया है। अब उन्हें कर्जा चुकाने की ङ्क्षचता सताई रही है।

10 बीघा खेत बंटाई पर लिया था। दो लाख रुपये कर्ज लेकर बाजरा की फसल बोई थी। चार दिन से फसल बाढ़ में डूबी है। सब बर्बाद हो गया। अब क्या होगा, कुछ समझ नहीं आ रहा है।
-राजकुमार, तनौरा

बंटाई पर 12 बीघा खेत लेकर बाजरा, गोभी और धनिया की फसल बोई थी। बाढ़ में फसल नष्ट हो गई। यह उम्मीद नहीं की थी कि बाढ़ फसल के साथ ही भाग्य को भी डुबो देगी।
-बिल्लू, तनौरा

10 बीघा में गोभी और पांच बीघा में मिर्च की फसल बोई थी। टापू पर पानी भरने से फसल तो डूबी ही, स्वयं भी फंस गए। न खाना मिला न पानी। एनडीआरएफ की टीम ने बचाया।
-सत्यभान, नूरपुर

Posted By: Inextlive