इस रफ्तार से तो दो महीने में भी नहीं हो सकेगा मूल्यांकन पूरा
पहले दिन पहुंचे आधे परीक्षक
मूल्यांकन के लिए शहर में पांच केंद्र बनाए गए हैं। जिसमें चार केन्द्रों पर एक लाख से अधिक कॉपियां हैं, जबकि अकेले फतेहचंद इंटर कॉलेज में 2 लाख से अधिक हैं। इनको चेक करने के लिए 3097 परीक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। मूल्यांकन को पारदर्शी और क्वालिटी के साथ कराने के लिए प्रत्येक केंद्र पर स्टेटिट मजिस्ट्रेट की तैनाती रही। वह मूल्यांकन का औचक निरीक्षण किया। परीक्षकों पर सीसीटीवी कैमरे की नजर रही। सभी केन्द्रों पर पहले दिन स्टेटिट मजिस्ट्रेट पहुंचे, जहां किसी भी प्रकार की कोई अव्यवस्था नहीं मिली।
स्टेटिक मजिस्ट्रेट निरीक्षण को पहुंचे
जिला विद्यालय निरीक्षक मनोज कुमार ने बताया कि मूल्यांकन को शुचितापूर्वक व क्वालिटी से कराने के लिए जिम्मेदारी स्टेटिक मजिस्ट्रेट की है। पहले दिन 10 बंडल कॉपियों का रैंडम चेकिंग कर डीएचई को वितरित कर मूल्यांकन कराया गया। केंद्र की 100 मीटर परिधि में धारा 144 लागू की गई है। परीक्षकों को ड्यूटी पत्र से ही केंद्र में प्रवेश दिया गया। राजकीय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ। जनक सिंह ने बताया कि पहले दिन उप मुख्य परीक्षक (डीएचई) एक हजार से अधिक कॉपियों का मूल्यांकन किया गया।
एक टीचर को दिया गया लक्ष्य
जिला विद्यालय निरीक्षक मनोज कुमार ने बताया कि परीक्षक एक दिन में हाईस्कूल की अधिकतम 50 और इंटर की 45 कॉपियों का मूल्यांकन ही कर पाएंगे। छह लाख कापियों को 15 दिन के भीतर चेक करने का लक्ष्य है, जिससे रिजल्ट जल्द से जल्द जारी कराया जा सके।
राजकीय इंटर कॉलेज, फतेहचंद इंटर कॉलेज, आरबीएस इंटर कॉलेज, एमडी जैन इंटर कॉलेज और नगर निगम इंटर कॉलेज पहले दिन की स्थिति
-3097 में से पहुंचे 1300 परीक्षक पहले चेक की आंसर शीट्स
5000 हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की कॉपियां
206838 हाईस्कूल
203962 इंटरमीजिएट मूल्यांकन केन्द्रों पर टारगेट
10763 राजकीय इंटर कॉलेज को
119306 आरबीएस इंटर कॉलेज को
210003 फतेहचंद इंटर कॉलेज को
170316 नगर निगम इंटर कॉलेज को
101714 एमडी जैन इंटर कॉलेज को
मूल्यांकन कार्य में लगे टीचर्स
3097 परीक्षक कॉपियों चेक करने का टारगेट
15 दिन
पहले दिन नियुक्ति टीचर से आधे टीचर्स ने मूल्यांकन किया है, जिसमें पांच हजार कॉपियों को चेक किया गया है। सोमवार से पूरी तरह व्यवस्था दुरुस्त कराई जाएगी, जिससे तय समय में मूल्यांकन कार्य को पूरा कराया जा सके।
मनोज कुमार, जिला विद्यालय निरीक्षक