आवास विकास परिषद की अरतौनी योजना फाइलों से बाहर जाएगी. इस योजना को पंख लग सकते हैं. आगरा आए सचिव आवास आयुक्त रणवीर प्रसाद ने आवास विकास परिषद से अरतौनी योजना पर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है. परिषद योजना के लिए पूर्व में धारा छह की कार्रवाई कर चुका है लेकिन भूमि पर कब्जा नहीं लिया जा सका है. इससे यह योजना एक बार फिर फाइलों से बाहर आ सकती है.

आगरा(ब्यूरो)। आवास आयुक्त रणवीर प्रसाद ने गुरुवार को कमिश्नरी सभागार में महायोजना-2031 की समीक्षा की। इसके बाद वह कमला नगर स्थित आवास विकास परिषद के सर्किल ऑफिस का निरीक्षण करने गए। इसके बाद उन्होंने सिकंदरा-बोदला रोड स्थित परिषद के कार्यालय में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने परिषद की योजनाओं की समीक्षा करते हुए अरतौनी में प्रस्तावित आवासीय योजना की वर्तमान स्थिति की जानकारी की। योजना की फिजिबिलिटी को देखते हुए उसे सफल बनाने को वर्तमान व भविष्य के लिए रूपरेखा तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। मथुरा के वृंदावन स्थित छटीकरा आवासीय योजना के काम में तेजी लाने के निर्देश उन्होंने दिए। परिषद की यह बड़ी योजना है। उन्होंने हाथरस में प्रस्तावित आवासीय योजना के लिए भूमि अवार्ड करने के निर्देश भी दिए। उप आवास आयुक्त अजय नारायण ङ्क्षसह, अधीक्षण अभियंता अतुल कुमार ङ्क्षसह मौजूद रहे।

महायोजना में स्पष्ट हो ग्रीन एरिया और वॉटर बॉडीज

आगरा. आवास आयुक्त रणवीर प्रसाद ने गुरुवार को कमिश्नरी में मंडल के जिलों के विकास को बनाई गई महायोजना-2031 की समीक्षा की। उन्होंने महायोजना में हरित क्षेत्र, तालाब, वॉटर बाडीज और ग्राम सभा की जमीन को स्पष्ट तरीके से चिह्नित करने के निर्देश दिए। महायोजना के ड्राफ्ट को शासन को भेजने से पूर्व बोर्ड से पास कराने और समीक्षा करने पर उन्होंने जोर दिया।

दोनों महायोजना में स्पष्ट हो अंतर
आवास आयुक्त रणवीर प्रसाद ने कमिश्नरी में बैठक करते हुए महायोजना-2021 और महायोजना-2031 के अंतर को ड्राफ्ट में स्पष्ट करने को कहा। ग्राम सभा की जमीन को उन्होंने ज्यों का त्यों रखने को कहा। इसमें गलती होने पर उन्होंने तुरंत सुधार के निर्देश दिए। महायोजना में शहर के विस्तार को बनाई जाने वाली सड़कों की भौतिक स्थिति चेक कराने को कहा, ताकि किसी तरह की अड़चन बाद में नहीं आए। महायोजना में उन्होंने तालाब और वाटर बाडीज को ब्ल्यू स्ट्रक्चर के रूप में दिखाए जाने की जानकारी की। फिरोजाबाद व आगरा में जलभराव की समस्या का उदाहरण देते हुए उन्होंने निर्देश दिए कि नगर नियोजन में यह अवश्य देखा जाए कि शहर में पानी कहां से आ रहा है और किधर जा रहा है। अमृत सरोवर में विकसित सरोवरों, कुंड को उन्होंने नक्शे में शामिल करने को सर्वे कराने के निर्देश दिए। सरकारी तालाबों के साथ ही निजी तालाबों को भी महायोजना में स्पष्ट करने को कहा, ताकि बाद में उन पर अवैध कब्जे व निर्माण नहीं हों। बैठक में एडीए उपाध्यक्ष चर्चित गौड़ समेत मथुरा, फिरोजाबाद और मैनपुरी के विकास प्राधिकरणों के अधिकारी मौजूद रहे।

कागजी न हो हरियाली
आवास आयुक्त ने महायोजना में कागजी हरियाली के बजाय वास्तविक हरियाली दिखाने को सर्वे कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शहर के बाहर ग्रीन जोन बनाने का अधिक फायदा नहीं होगा। सड़कों के विस्तार में उनके किनारों पर और नदियों के तट पर हाई फ्लड जोन में पौधारोपण किया जाए। हरित क्षेत्र का भू-उपयोग परिवर्तित नहीं किया जाए।

आर्थिक गतिविधियां भी हों शामिल
आवास आयुक्त ने बैठक में कहा कि भू-उपयोग महायोजना का केवल एक भाग है। महायोजना में शहर में होने वाली प्रमुख आर्थिक गतिविधियों को भी शामिल किया जाना चाहिए।

Posted By: Inextlive