ताजमहल के आसपास : आंखों में रोजी छिनने का डर और चेहरे पर मायूसी ...
आगरा। ताजमहल के 500 मीटर के दायरे के भीतर आने व्यवसाय करने वाले व्यापारियों की बनी ताजमहल संघर्ष समिति के प्रेसिडेंट नितिन सिंह ने बताया कि फैसला सुप्रीम कोर्ट का है। इस पर सुप्रीम कोर्ट से ही हमें राहत मिल सकती है। इसलिए हम सुप्रीम कोर्ट में ही गुहार लगाएंगे। इसके लिए समिति चर्चा कर रही है। हम पुनर्विचार याचिका दाखिल करेंगे।
आस-पास इसी को लेकर चर्चा
ताजमहल के 500 मीटर के दायरे में पांच हजार से ज्यादा कारोबार संचालित होते हैैं। इनमें होटल, रेस्टोरेंट, एंपोरियम, डेयरी, जनरल स्टोर, दर्जी की दुकान जैसे कई कारोबार चलते हैैं। सभी की रोजी-रोटी पर इस वक्त संकट है। ऐसे में सभी लोग इस क्षेत्र में इसी को लेकर चर्चा कर रहे हैैं। सभी दुकानदार एडीए द्वारा मिला नोटिस लेकर साथ घूम रहे हैैं। दर्जी की दुकान संचालित करने वाले मो। वसीम बताते हैैं कि वह यही पर पले-बढ़े हैं और उनका मकान भी यहीं है। मकान में ही छोटी सी दुकान है। इसमें 15 साल से दर्जी का काम कर रहे हैैं। वे बताते हैैं कि उनका टूरिस्ट से तो कोई लेना-देना नहीं है। वह तो क्षेत्रीय लोगों के ही कपड़े सिलते हैैं। इसी से होने वाली आमदनी से अपने परिवार का खर्च चलाते हैैं। उन्होंने कहा कि अब जब दुकान बंद हो जाएगी तो कहीं जाकर उन्हें मजदूरी करनी पड़ेगी या कोई और आमदनी का साधन ढूढना पड़ेगा।
ताजमहल के 500 मीटर के दायरे के भीतर करीब 30 हजार लोग रहते भी हैं। उन्हें पड़ोस में स्थित दुकानों से ही दैनिक रोजगार के लिए सामान मिल जाता है। लेकिन दुकानें बंद होने के बाद उन्हें सामान लेने के लिए दूर जाना पड़ेगा। क्षेत्रीय नाजिम ने बताया कि आज मुझे दूध लेना हो या चाय बनाने के लिए शक्कर सब यहीं पर मिल जाता है। लेकिन जब यह दुकानें बंद हो जाएंगी तो उन्हें बच्चे को दूध पिलाने के लिए पुरानी मंडी स्थित बाजार में जाना पड़ेगा। केंद्रीय मंत्री ने दिया आश्वासन
ताजमहल संघर्ष समिति के सदस्यों ने केंद्रीय राज्यमंत्री प्रो। एसपी सिंह बघेल को ज्ञापन सौंपा। समिति के प्रेसिडेंट नितिन सिंह ने बताया कि राज्यमंत्री ने उन्हें हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया है।
हम सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैैं। हम कोर्ट से पुनर्विचार करने के लिए गुहार लगाएंगे।
- नितिन सिंह, प्रेसिडेंट, ताजमहल संघर्ष समिति
मेरी दूध की दुकान 44 साल पुरानी है। पिता के बाद मैैं ही इसे चला रहा हूं। इसी से परिवार चलता है।
- चंद्रशेखर बघेल, क्षेत्रीय दुकानदार
- मो। वसीम, क्षेत्रीय दुकानदार