एड्स नियंत्रण को जागरुकता जरूरी
आगरा। बैठक में यूपीएसएसीएस के एडिशनल प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ। हीरालाल ने कहा कि एड्स नियंत्रण कार्यक्रम को और बेहतर चलाने के लिए इसके तहत कार्य करने वाले को नए सिरे से अपडेट करना होगा। उनके बीच जागरूकता बढ़ानी होगी। तभी यह कार्यक्रम तेजी से सफलता होगा। बैठक में नाको के डिप्टी डायरेक्टर डॉ। भवानी सिंह और नाको के राष्ट्रीय कंसल्टेंट शांतनु ने सभी का स्वागत किया। बैठक के पहले दिन टीआई के तहत रोकथाम गतिविधियों को मजबूत करने, नवाचार लाने और क्रॉस लर्निंग के लिए मंच प्रदान करने के लिए नाको के एडीजी डॉ। चिनमई दास, नै नाको के डीडीजी डॉ। अनूप कुमार पुरी, नाको के डॉ। यूबी दास, नाको की निदेशक निधि केसरवानी, नाको के एएस व डीजी आलोक सक्सेना, नाको की डीडीजी शोभिनी राजन ने मंथन किया। समरेश कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।
मुफ्त है जांच और उपचार
यूपीएसएसीएस के संयुक्त निदेशक रमेश श्रीवास्तव ने बताया कि नाको के दिशानिर्देश के अनुसार एचआईवी/एड्स की हाई रिस्क कम्युनिटी जैसे फीमेल सेक्स वर्कर, ट्रांसजेंडर, सुई से नशा लेने वाले आदि लोगों को एड्स से रोकथाम के संबंध में सोसायटी द्वारा परियोजना के अंतर्गत नियमित जानकारी दी जाती है, इसके तहत उनकी स्क्रीनिंग और जांच कराई जाती है। यदि किसी में एचआईवी/एड्स की पुष्टि होती है तो उनका उपचार कराया जाता है। उन्होंने बताया कि इस तीन दिवसीय बैठक में वर्तमान में दी जा रही सुविधाओं और इन सुविधाओं को बेहतर करने के लिए 16 राज्यों से आए हुए राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी के विशेषज्ञों द्वारा चर्चा करते हुए आगामी कार्य योजना का निर्माण किया जाएगा।