आगरा ब्यूरो गर्मियों में होने वाले बिजली सकंट को दूर किए जाने के लिए उप्र पावर कारपोरेशन ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है. प्रदेश की चारों बिजली कंपनियों को उपकेंद्रों की क्षमता बढाने ओवरलोडेड ट्रांसफारमरों को बदले जाने से लेकर ट्रिङ्क्षपग आदि को दूर किए जाने के लिए दो हजार करोड़ रुपए का बजट रखा गया है. जिसमें से दक्षिणांचल विद्युत विरतण निगम लिमिटेड डीवीवीएनएल को ४९० करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.


बिजली ढांचे की मजबूती पर रहेगा जोरहाल ही में लखनऊ में उप्र कारपोरेशन लिमिटेड के चेयरमैन डॉ। आशीष कुमार गोयल की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई थी। इसमें प्रदेश की चारों बिजली कंपनियों के प्रबंध निदेशक और डायरेक्टरों ने भाग लिया। विषय था बिजली ढांचे को मजबूत किए जाने का। इसके लिए सभी से सुझाव भी मांगे गए। ताकि उसके आधार पर बजट का निर्धारण किया जा सके। डीवीवीएनएल के सभी २१ जिलों में आरडीएसएस योजना के तहत कार्य चल रहे हैं। इसके अतिरिक्त बिजली लाइन, ट्रांसफारमर, बिजली घरों की क्षमता वृद्धि आदि के अलावा खंभा, ट्रिङ्क्षपग जैसी समस्याओं का समाधान किए जाने के लिए बजट दिया गया है। उद्देश्य है कि उपभोक्ताओं को बिजली को लेकर कोई समस्या न आए। यह अभी से सुनिश्चित कर लिया जाए।
आरटीएसएस योजना के तहत हमारे कार्य पहले से चल रहे हैं। इसके अतिरिक्त ४९० करोड़ का और बजट मिलने का निर्णय हुआ है। जिससे पूरी साल व्यवस्था की जाएगी। बीएम शर्मा, निदेशक तकनीकि

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