तीन साल में शहर रैबीज फ्री होगा. इसके लिए नगर निगम की ओर से अभियान शुरू किया गया है. रोज 250 डॉग्स को वैक्सीनेट किया जा रहा है. केंद्र सरकार का टारगेट है वर्ष 2030 तक रैबीज को खत्म कर दिया जाए. वहीं नगर निगम की ओर से वर्ष 2027 तक इसे हासिल करने का टारगेट तय किया गया है.

आगरा(ब्यूरो)। शहर में डॉग के आतंक के कई मामले सामने आ चुके हैं। रोज करीब 500 केस जिला अस्पताल में डॉग बाइट के पहुंचते हैं। इस पर अंकुश लगाने के लिए नगर निगम की ओर से 26 जनवरी से अभियान शुरू किया गया है। जिसमें पहले शहर के बॉर्डर लाइन एरिया को कवर्ड किया जाएगा। इसके बाद रिंग वैक्सीनेशन सिस्टम के तहत शहर के अंदर तक आएंगे।

एक किमी के क्षेत्र में होगा वैक्सीनेशन
अगर किसी कुत्ते या गाय में रैबीज से ग्रस्त मिलता है, तो उस क्षेत्र के एक किमी के दायरे में भी डॉग को वैक्सीनेट किया जाएगा। एक साल में टारगेट पूरा करने के बाद दूसरे और तीसरे साल में भी इंजेक्शन का चक्र दोहराया जाएगा। एनजीओ की मदद से नगर निगम इस अभियान को चला रहा है।

रेबीज क्या है?
रेबीज एक घातक वायरस है जो संक्रमित जानवरों की लार से लोगों में फैलता है। रेबीज वायरस आमतौर पर काटने से फैलता है। एक बार जब कोई व्यक्ति या एनिमल रेबीज के लक्षण दिखाना शुरू कर देता है, तो यह रोग लगभग हमेशा मृत्यु का कारण बनता है। इस कारण से, जिन लोगों या एनिमल को रेबीज होने का खतरा हो सकता है, उन्हें सुरक्षा के लिए रेबीज के टीके लगवाने चाहिए।


500 डॉग बाइट के केस जिला अस्पताल पहुंचते हैं रोज
30 सदस्यीय टीम शहर में चला रही अभियान
6 टीमें कर रहीं डॉग्स का वैक्सीनेशन
250 डॉग्स रोज किए जा रहे वैक्सीनेट
315 रुपए करीब एक डॉग को वैक्सीनेट करने का खर्च
90 हजार शहर में डॉग्स की संख्या

70 परसेंट वैक्सीनेशन पर होगी हर्ड इम्युनिटी
नगर निगम के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ। अजय कुमार सिंह ने बताया कि शहर में डॉग्स की संख्या करीब 90 हजार है। अगर इसका 70 परसेंट वैक्सीनेट हो जाता है तो हर्ड इम्युनिटी क्रिएट हो जाएगी। वह अन्य एनिमल को रैबीज का खतरा नहीं रहेगा।


शहर को रैबीज फ्री करने के लिए अभियान शुरू किया गया है। रोज 250 डॉग्स को वैक्सीनेट किया जा रहा है।
अंकित खंडेलवाल, नगरायुक्त, नगर निगम

Posted By: Inextlive