Agra News पैैंक्रियाज से जटिल कैंसर को सर्जरी कर निकाला
एसएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। प्रशांत गुप्ता ने बताया कि सर्जरी गेस्ट्रो सर्जरी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ। विजय कुमार सैनी और डॉ। चंदन चटर्जी द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि मरीज को पेट में दर्द व पीलिया की समस्या लिए एडमिट किया गया था। जब मरीज की जांचें की गईं तो पता चला कि उन्हें पैैंक्रियाज का कैंसर है। इसके बाद मरीज का ऑपरेशन किया गया, जो कि लगभग आठ घंंटे तक चला। ऑपरेशन सफल रहा, ऑपरेशन के सात दिन बाद मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया।
गेस्ट्रोसर्जरी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ। विजय सैनी ने बताया कि पैंक्रियाज कैंसर की सर्जरी बड़ी सर्जरी होती है। इसमें आमाशय, पित्त की नली, छोटी आंत व अग्नाशय के कैंसर को काटकर हटाया जाता है। इसके बाद इसमें छोटी आंत को काटकर नए सिरे से पैंक्रियाज, पित्त की नली व अग्न्याशय से जोड़कर नया रास्ता बनाया गया है। उन्होंने बताया कि कई बार ऐसा होता कि खून की नली पोर्टल वेन को काटकर भी दोबारा जोड़ा जाता है या ग्राफ्ट लगाया जाता है। उन्होंने बताया कि यह ऑपरेशन 75 वर्षीय मरीज व 65 वर्षीय मरीज में किया गया। गेस्ट्रोसर्जरी विभाग के डॉ चंदन चटर्जी ने बताया कि इनमें से एक मरीज को डायबिटीज, हाइपोथाइरॉइड हाइपरटेंशन, कोरोनरी आर्टेरी की बीमारी के लिए स्टंट डाला हुआ था एवं पूर्व में बड़ी आंत के कैंसर का ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन जनरल सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष व यूरोलॉजिस्ट डॉ। प्रशांत लवानियां की देखरेख में सुपर स्पेशियलिटी विभाग के लेजर ऑपरेशन थियेटर में हुआ।
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क्या है पैैंक्रियाज कैंसर
डॉ। विजय सैनी ने बताया कि अग्न्याशय एक ग्रन्थि है, जो इन्सुलिन बनाता है जो कि शुगर कंट्रोल करता है एवं खाना पचाता है। पैंक्रियाज हेड मे कैंसर के कारण मरीज को पेट में दर्द, पीलिया व डायबिटिज, भूख न लगना व वजन घटने कि शिकायत रहती है।
क्या है उपचार
इस स्थिति में मरीज को ऑपरेशन करके पैंक्रियाज के कैंसर वाले भाग, छोटी आंत का कुछ हिस्सा, पित्त के थैली व नली काटकर हटाया जाता है, जो कि एक बड़ी सर्जरी होती है। बाद में छोटी आंत में पैैंक्रियाज, पित्त की शेष बची थैली व आमाशय से जोड़ा जाता है।
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सर्जरी में इनका रहा सहयोग
सर्जरी में एनेस्थीसिया टीम के डॉ। अर्पिता, डॉ.राजीवपुरी एवं डॉ। दीपक का योगदान रहा। रेडियोडायग्नोसिस विभाग से डॉ। हरीसिंह का योगदान रहा। रेजिडेंट्स डॉ। निलांसा, डॉ। श्रेया, डॉ। रेनू का सहयोग रहा।
एसएन मेडिकल कॉलेज में पैैंक्रियाज के कैंसर का जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक किया गया। मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया है। सुपर स्पेशियलिटी विभाग में हो रही सर्जरी से मरीजों को अब यहीं पर उपचार मिल पा रहा है। उन्हें दिल्ली-जयपुर नहीं जाना पड़ रहा है।
- डॉ। प्रशांत गुप्ता, प्रिंसिपल, एसएन मेडिकल कॉलेज